अगले 48 घंटे में देश के कई हिस्सों में शीतलहर और भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय मौसम विभाग ने 10 से 13 नवंबर 2025 के दौरान झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में असामान्य मौसम की चेतावनी जारी की है। जहां कुछ जगहों पर रात का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, वहीं केरल और तमिलनाडु में बारिश के कारण बाढ़ और बिजली की चिंगारियां भी खतरे का हिस्सा बन गई हैं।
शीतलहर का दबाव: उत्तर और मध्य भारत में तापमान में तेज गिरावट
अगले 4-5 दिनों में मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, उत्तर पश्चिम झारखंड और दक्षिण हरियाणा के कुछ हिस्सों में रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से 4 से 7 डिग्री सेल्सियस कम रहने की संभावना है। ये गिरावट बस एक ठंडी रात नहीं, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जिसमें लोगों को सुबह उठते ही बुखार, सांस लेने में तकलीफ और जोड़ों में दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
दिल्ली में भी 9 नवंबर को सुबह का तापमान 10-12 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है — जो इस महीने के लिए बेहद कम है। आमतौर पर नवंबर में दिल्ली का न्यूनतम तापमान 14-16 डिग्री होता है। अब ये गिरावट न सिर्फ लोगों के लिए तकलीफदेह है, बल्कि बुजुर्गों और बच्चों के लिए जानलेवा भी हो सकती है।
झारखंड: बारिश, बिजली और ठंड का खतरनाक मिश्रण
झारखंड में 9 नवंबर को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है — रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, देवघर, चाईबासा, दुमका और हजारीबाग जिलों में। लेकिन ये बारिश सामान्य नहीं है। ये बारिश के साथ तेज हवाएं और बिजली गिरने की संभावना भी जुड़ी हुई है।
पूर्वी झारखंड में अब तक नवंबर का मौसम आमतौर पर 17-27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता था। लेकिन अब तापमान अचानक 10-12 डिग्री तक गिर सकता है। ये तेज गिरावट फसलों के लिए भी खतरा है। किसानों को अभी अपने खेतों को ढक लेना चाहिए — खासकर गेहूं और सरसों की फसलें, जो अभी अंकुरित हो रही हैं।
दक्षिण भारत: तमिलनाडु में बाढ़ का खतरा
12 और 13 नवंबर को तमिलनाडु में भारी वर्षा की आशंका है। चेन्नई, कोयम्बटूर, तिरुचिरापल्ली और तिरुनेलवेली जैसे शहरों में 24 घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश हो सकती है। ये मात्रा एक सामान्य महीने की बारिश के बराबर है।
यही नहीं, तटीय क्षेत्रों में तूफानी हवाएं और लहरें भी बढ़ सकती हैं। जिला प्रशासन ने पहले ही तैयारी शुरू कर दी है — बाढ़ के खतरे वाले क्षेत्रों में लोगों को स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है। कुछ स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र अस्थायी आश्रय के रूप में तैयार किए जा रहे हैं।
केरल और माहे: अचानक बारिश का असर
10 नवंबर को केरल और माहे में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। ये बारिश अक्टूबर के अंतिम सप्ताह की तरह नहीं है — ये अचानक और तेज है। इसके कारण निचले इलाकों में जलभराव और बिजली के खंबों का गिरना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
स्थानीय लोगों को अभी घरों के बाहर के बर्तन अंदर ले आने, खिड़कियों को बंद करने और बिजली के उपकरणों को अनप्लग करने की सलाह दी जा रही है।
किसानों के लिए अहम सलाह
भारतीय मौसम विभाग ने किसानों को सीधे संबोधित करते हुए कहा है कि जहां बारिश की संभावना है, वहां सिंचाई टाल दें। फसलों को ढकने के लिए प्लास्टिक शीट, जूट के कपड़े या रेत की परत लगाने की सलाह दी गई है। गेहूं की फसल अभी अंकुरित हो रही है — अगर इस पर बर्फ जम गई तो ये पूरी फसल खत्म हो सकती है।
उत्तर प्रदेश और बिहार के किसान भी इस तरह की ठंड के लिए तैयार हो रहे हैं। यहां तक कि कुछ बाजारों में गर्म कपड़ों और गर्म करने वाले उपकरणों की बिक्री में 40% की बढ़ोतरी देखी गई है।
अगले कदम: जो लोग अभी तैयार नहीं हुए
शीतलहर के दौरान अस्पतालों में दमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं। बुजुर्गों के लिए गर्म पानी का उपयोग, गर्म खाना और आंतरिक कपड़े पहनना जरूरी है। बच्चों को बाहर नहीं भेजना चाहिए — खासकर सुबह 7 बजे से 10 बजे तक।
राज्य सरकारें अभी तक इस चेतावनी के लिए तैयार नहीं हैं। बहुत से शहरों में बिजली की आपूर्ति अस्थिर है। अगर बारिश के साथ बिजली चली गई तो तापमान गिरने का खतरा और बढ़ जाएगा।
पिछले साल का संदर्भ
2024 में भी नवंबर के अंत में झारखंड और छत्तीसगढ़ में शीतलहर के कारण 17 लोगों की मौत हो गई थी। उस साल बारिश ने बिहार के 12 जिलों में 3 लाख एकड़ फसलें बर्बाद कर दी थीं। इस बार अगर तापमान और बारिश दोनों एक साथ आ गए, तो नुकसान उससे भी ज्यादा हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शीतलहर क्या है और यह किसे प्रभावित करती है?
शीतलहर तब होती है जब रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से 4-7 डिग्री सेल्सियस कम हो जाए। यह बुजुर्गों, बच्चों और दमा, हृदय रोग या उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है। इसके कारण श्वसन संबंधी बीमारियां और दिल के दौरे बढ़ जाते हैं।
क्या बारिश के साथ शीतलहर एक साथ आना असामान्य है?
नहीं, यह असामान्य नहीं है। नवंबर में उत्तरी हिमालय से आने वाली ठंडी हवाएं और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी का मिलन ऐसा मौसम बनाता है। पिछले 10 सालों में 7 बार ऐसी स्थिति देखी गई है — जिसमें बारिश और ठंड दोनों एक साथ आए।
किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए?
सबसे पहले, बारिश के समय सिंचाई न करें। फसलों को जूट के कपड़े या प्लास्टिक शीट से ढक दें। गेहूं और सरसों की फसलों के लिए रेत की परत लगाना भी फायदेमंद है। बारिश के बाद खेतों में जल जमाव न होने पाए, इसके लिए नालियों को साफ रखें।
तमिलनाडु में बाढ़ का खतरा कितना गंभीर है?
2023 में तमिलनाडु में नवंबर की बारिश ने 12 जिलों में 2.3 लाख लोगों को प्रभावित किया था। इस बार भी चेन्नई के निचले इलाकों में जलभराव की संभावना है। राज्य सरकार ने अभी तक 87 अस्थायी आश्रय तैयार किए हैं।
क्या दिल्ली में भी शीतलहर की चेतावनी जारी होगी?
अभी तक दिल्ली के लिए आधिकारिक शीतलहर की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन तापमान 10-12 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की संभावना है। यह तापमान शीतलहर की सीमा के करीब है। बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक हो सकता है।
इस मौसम के चलते यातायात पर क्या असर होगा?
दिल्ली-नोएडा और रांची-बोकारो राजमार्गों पर धुंध और बारिश के कारण दृश्यता कम होगी। रेलवे ने भी उत्तरी और पूर्वी भारत में कुछ ट्रेनों की रद्द करने की तैयारी की है। एयरपोर्टों पर उड़ानों में देरी की संभावना है।
Kiran Meher
नवंबर 11, 2025 AT 03:00ये ठंड और बारिश का कॉम्बो तो बस बर्बादी का नाम है भाई
मेरी बहन का बच्चा पिछले साल इसी वजह से अस्पताल में पड़ा था
अब तो हर साल ये आता है पर कोई तैयारी नहीं
किसानों को ढकने के लिए प्लास्टिक शीट देनी चाहिए ना सरकार
और बुजुर्गों के लिए गर्म कपड़े की डिस्ट्रीब्यूशन भी
ये सब तो बस चेतावनी देने से नहीं हो जाता
हम लोग तो घरों में बैठे हैं बारिश देख रहे हैं
पर गांवों में लोग बिना गर्म कपड़े के रात बिता रहे हैं
इस बार तो असली मदद करनी होगी
सिर्फ वेदर अपडेट नहीं चलेगा
हमें अपने आसपास के लोगों को भी बताना होगा
एक छोटी सी बात भी जानकारी बचा सकती है
इसलिए शेयर करो और देखो कि कौन तैयार है
Tejas Bhosale
नवंबर 13, 2025 AT 02:35इस घटनाक्रम को एक एन्ट्रॉपी ड्राइवन क्लाइमेट डिसोर्डर के रूप में देखा जा सकता है
नवंबर का टेम्परेचर ड्रॉप एक फ्रेंच एयर मास इंट्रूजन का परिणाम है
जो बंगाल की खाड़ी की मॉइस्चर लाइन के साथ इंटरैक्ट कर रहा है
ये नॉर्मल नहीं है ये सिस्टम फेल हो रहा है
हम इंटरनल एन्ट्रॉपी बैलेंस को इग्नोर कर रहे हैं
प्रकृति रिसेट कर रही है
और हम अभी भी ट्रेन रद्द करने की बात कर रहे हैं
इसका असली ट्रिगर ग्रीनहाउस गैस नहीं है
ये इंसानी एक्टिविटी का फ्रैक्चर है
मौसम विभाग बस लेट रिपोर्ट दे रहा है
समाधान? सिस्टम डिज़ाइन रिवर्स इंजीनियरिंग
नहीं तो अगले साल ये तापमान 5 डिग्री तक जाएगा
और तब तक कोई नहीं सुनेगा
Asish Barman
नवंबर 14, 2025 AT 20:24ये सब बकवास है
पिछले साल भी ऐसा ही बयान दिया गया था
और कुछ नहीं हुआ
मैंने अपना गेहूं नहीं ढका था
फसल ठीक रही
अब फिर से डरा रहे हो
बिजली चली गई तो क्या हुआ
मेरे घर में तो बिजली दो दिन तक नहीं आई थी
कोई मरा नहीं
ये सब तो बस डरा के टिकट बेचने का तरीका है
मैं अपने आप को इस ठंड से बचाऊंगा
बस एक गर्म कपड़ा पहन लूंगा
और जिसका दिल नहीं चल रहा वो अपनी गलती है
सरकार बस नाटक कर रही है
Abhishek Sarkar
नवंबर 15, 2025 AT 20:06इस चेतावनी के पीछे कोई गहरा षड्यंत्र है
ये सब नियंत्रित घटना है
मौसम विभाग को बड़े कंपनियां फंड करती हैं
जो गर्म करने के उपकरण बेचती हैं
और प्लास्टिक शीट बनाने वाले
देखो ना कितनी बढ़ोतरी हुई है बिक्री में
40% बढ़ोतरी? ये कैसे हो गया?
ये नहीं हो सकता कि लोग अचानक इतना गर्म कपड़ा खरीदें
ये टारगेटेड मार्केटिंग है
और बारिश का आंकड़ा भी फर्जी है
क्योंकि वो जिलों को चुन रहे हैं जहां बाढ़ की संभावना ज्यादा है
लेकिन जिले जहां बारिश नहीं हुई उनका डेटा कहां है?
ये डेटा छिपाया जा रहा है
ये सब एक बड़ा फ्राड है
और तुम सब इसमें फंस गए हो
अगर तुम अपने बच्चे को बाहर नहीं भेज रहे तो तुम भी इस षड्यंत्र का हिस्सा हो
Niharika Malhotra
नवंबर 16, 2025 AT 09:36हर बार जब ये चेतावनी आती है तो मैं अपने गांव के बुजुर्गों को फोन करती हूं
उन्हें गर्म पानी से नहलाने को कहती हूं
और उनके लिए गर्म चाय लेकर जाती हूं
मैं जानती हूं कि सरकार के पास बहुत सारे रिसोर्स हैं
लेकिन अगर हम सब अपने आसपास के लोगों को याद रखें
तो इस ठंड से बचा जा सकता है
मैंने पिछले साल एक बूढ़े आदमी को गर्म कपड़े दिए थे
वो आज भी जिंदा है
ये छोटी बातें ही बड़े बदलाव ला सकती हैं
किसानों को ढकने के लिए जूट के कपड़े देने के लिए
हम सब एक ग्रुप बना सकते हैं
मैं अपने फेसबुक ग्रुप में इसकी बात कर रही हूं
अगर कोई मदद करना चाहे तो मुझे मैसेज करें
हम एक साथ इस ठंड को टाल सकते हैं
harshita kumari
नवंबर 17, 2025 AT 18:23बारिश और ठंड एक साथ आना कोई यादृच्छिक घटना नहीं है
ये जीन इंजीनियरिंग का नतीजा है
क्या तुमने कभी सोचा है कि जो बीज बेचे जा रहे हैं
उनमें एक ट्रांसजेनिक एंटी-कूलिंग जीन है
जो तापमान के अनुसार फसल को तैयार करता है
लेकिन ये जीन एक अन्य एक्सप्रेशन को ट्रिगर करता है
जो एयर मास को बदल देता है
और ये वही है जो बारिश और ठंड को एक साथ लाता है
ये बात किसी को नहीं बताई जा रही
क्योंकि वो कंपनी जिसने ये बीज बनाया है
उसके पास सरकारी लाइसेंस है
और वो लोग इसे गुप्त रखते हैं
अगर तुम इस बार अपने बीज को अलग रखो
तो तुम्हारी फसल बच जाएगी
मैंने पिछले साल ऐसा किया था
और मेरी फसल बच गई
SIVA K P
नवंबर 18, 2025 AT 09:32अरे भाई तुम सब इतना डर क्यों रहे हो?
ये तो बस एक ठंडी रात है
मैंने तो बिना गर्म कपड़े के सोया
और अगली सुबह उठकर बाइक पर निकल गया
क्या हुआ? कुछ नहीं
तुम लोग तो बस अपनी आलसी जिंदगी का बहाना बना रहे हो
बच्चों को बाहर नहीं भेजना? तो क्या उन्हें घर में बंद रखोगे?
पिछले साल मैंने अपने बेटे को स्कूल भेजा
और उसने बारिश में खेला
अब वो बीमार है? नहीं भाई
वो तो बहुत ताकतवर है
तुम लोग अपने बच्चों को कमजोर बना रहे हो
इस तरह की चेतावनियां बस बेकार की बातें हैं
अपनी जिंदगी का जिम्मा खुद लो
और अपनी आलसी जिंदगी बंद करो
Neelam Khan
नवंबर 18, 2025 AT 15:53मैंने पिछले हफ्ते अपने गांव में एक गर्म कपड़े का ड्राइव शुरू किया
लोगों ने बहुत सारे कपड़े दिए
हमने उन्हें बुजुर्गों और बच्चों को बांट दिया
एक बूढ़ी दादी ने मुझे गले लगा लिया
उसकी आंखों में आंसू थे
मैं नहीं चाहती कि कोई और उस तरह रोए
हम सब एक दूसरे के लिए जिम्मेदार हैं
अगर तुम्हारे पास एक गर्म कपड़ा है
तो इसे किसी के लिए बांट दो
कोई नहीं चाहता कि तुम अपनी बात बांटो
लेकिन एक गर्म कपड़ा जिंदगी बचा सकता है
मैं अपने ग्रुप में ये बात कर रही हूं
अगर कोई चाहे तो आज ही मुझे मैसेज करें
हम एक साथ इस ठंड को हरा सकते हैं
Jitender j Jitender
नवंबर 20, 2025 AT 12:41इस घटना को एक क्लाइमेट सिस्टम इंटरैक्शन के रूप में देखो
हिमालय का एयर मास और बंगाल की खाड़ी की मॉइस्चर लाइन
ये दोनों एक फ्रंट का निर्माण कर रहे हैं
जो उत्तरी भारत में शीतलहर और दक्षिण में बारिश ला रहा है
ये नॉर्मल है लेकिन अक्सर अनदेखा किया जाता है
हम इसे एक डिस्रप्टिव इवेंट के रूप में देखते हैं
लेकिन ये एक एक्सट्रीम वेदर पैटर्न है
जिसे आम तौर पर नवंबर में देखा जाता है
समाधान? इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड
बिजली के खंबों को बेहतर बनाओ
किसानों को टेक्नोलॉजी दो
हेटिंग सिस्टम और वॉटर ड्रेनेज
ये नहीं कि बस चेतावनी दो
हमें रिसिलिएंट सिस्टम बनाना होगा
और ये तब तक नहीं होगा जब तक हम इसे सिस्टम के रूप में नहीं समझेंगे
Baldev Patwari
नवंबर 22, 2025 AT 11:36अरे भाई ये सब चेतावनी क्यों दे रहे हो?
तुम लोग तो बस अपनी बेकार की जिंदगी का बहाना बना रहे हो
बारिश हुई तो क्या हुआ?
मैंने तो बिना छत्र निकल गया
और बारिश में गीला हो गया
क्या हुआ? कुछ नहीं
तुम लोग तो बस डर के आगे बढ़ नहीं पाते
अपने बच्चों को बाहर नहीं भेजना? तो क्या वो बच्चे बच्चे ही रह जाएंगे?
मैंने अपने बेटे को बारिश में खेलने दिया
और उसने एक नया दोस्त बनाया
तुम लोग तो बस अपनी बेकार की चिंता में फंसे हो
ये सब बकवास है
अपनी जिंदगी का जिम्मा खुद लो
और इस बकवास को बंद करो
Jitendra Singh
नवंबर 23, 2025 AT 23:19ये सब एक तरह का आध्यात्मिक संकट है
हम लोग अपने आप को भूल गए हैं
हमने प्रकृति से अपना संबंध तोड़ दिया है
अब हम चेतावनियों के बारे में बात कर रहे हैं
लेकिन अपने अंदर की ठंड को नहीं समझ रहे
हर बार जब बारिश होती है
हम अपने घरों को बंद कर लेते हैं
लेकिन हम अपने दिल को बंद कर देते हैं
ये शीतलहर बाहर की नहीं है
ये अंदर की है
हम एक दूसरे के लिए ठंडे हो गए हैं
हम अपने बच्चों को डरा रहे हैं
हम अपने बुजुर्गों को अनदेखा कर रहे हैं
ये तो बस एक दर्पण है
जो हमारे अंदर की ठंड को दिखाता है
अगर तुम अपने आसपास के लोगों को गर्म करना चाहते हो
तो पहले अपने दिल को गर्म करो
VENKATESAN.J VENKAT
नवंबर 25, 2025 AT 19:33हमें ये बताने की जरूरत नहीं है कि ठंड आ रही है
हमें ये बताने की जरूरत है कि तुम क्यों नहीं तैयार हो
तुम्हारे घर में गर्म कपड़े नहीं हैं?
तुम्हारे बच्चे के लिए गर्म चाय नहीं है?
तुम्हारे गांव में बिजली का बिल नहीं भरा?
ये सब तुम्हारी जिम्मेदारी है
मौसम विभाग बस बता रहा है
तुम लोग तो बस बैठे हो और रो रहे हो
अगर तुम अपने बच्चे को बाहर नहीं भेज रहे हो
तो तुम एक अच्छे पिता हो
लेकिन अगर तुम अपने घर में गर्मी नहीं बना पा रहे हो
तो तुम एक असफल इंसान हो
ये चेतावनी तुम्हारे लिए नहीं है
ये तुम्हारे लिए है
अगर तुम अपने आप को बचाना चाहते हो
तो तैयार हो जाओ
और अगर तुम तैयार नहीं हो
तो तुम अपनी गलती हो
Amiya Ranjan
नवंबर 26, 2025 AT 02:24किसानों को बताया गया है कि फसलों को ढक लें
लेकिन किसने उन्हें वो शीट दी?
किसने उन्हें जूट का कपड़ा दिया?
सरकार कहती है तैयार हो जाओ
लेकिन उन्हें कोई संसाधन नहीं देती
हम लोग बारिश के बारे में बात करते हैं
लेकिन उन लोगों के बारे में नहीं जो उस बारिश में खड़े हैं
ये सब बस एक बड़ा झूठ है
हम लोग तो बस बाहर से देख रहे हैं
और बता रहे हैं कि क्या करना है
लेकिन जब तक हम उनके लिए कुछ नहीं करेंगे
तब तक ये चेतावनी बस एक बातचीत होगी
और जब तक हम इसे नहीं समझेंगे
तब तक लोग मरते रहेंगे