1989 बैच IFS अधिकारी विक्रम मिस्री बने नए विदेश सचिव

1989 बैच IFS अधिकारी विक्रम मिस्री बने नए विदेश सचिव

विक्रम मिस्री का नया अधिनायकत्म

भारत की कूटनीति में एक नई धारा शुरू होने जा रही है। सहायता राशि के रूप में सरकार ने विक्रम मिस्री को नए विदेश सचिव की जिम्मेदारी सौंपी है। 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी मिस्री ने 15 जुलाई, 2024 से अपना पद संभालना शुरू कर दिया है। उनकी इस नयी भूमिका में, वे वर्तमान विदेश सचिव विनय क्वात्रा का स्थान लेंगे।

विक्रम मिस्री की नियुक्ति के बाद, उनके कार्यकाल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनके कार्यभार को देखते हुए, उन्हें पिछले सालों में ऊँचाइयों पर चढ़ते देखा गया है। उन्होंने कई उच्च-स्तरीय पदों पर काम किया है जिसमें उन्होंने भारतीय कूटनीति को नयी दिशाएं दी हैं।

बचपन और शिक्षा

विक्रम मिस्री का जन्म 1964 में श्रीनगर में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में हुई, जहां से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से इतिहास में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। अपनी उच्च शिक्षा को और विस्तार देते हुए, उन्होंने XLRI से MBA की डिग्री भी हासिल की। इनके शैक्षिक पृष्ठभूमि ने उन्हें उत्कृष्ट कूटनीतिज्ञ बनने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

IFS में करियर की शुरुआत

मि‍स्री ने 1989 में भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश लिया, जिसके बाद उनके करियर ने विभिन्न देशों में भारतीय मिशनों में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाला। अपने शुरुआती वर्षों में, उन्होंने ब्रुसेल्स और ट्युनिस में भारतीय मिशनों में सेवा दी। उनकी बुद्धिमत्ता और मेहनत ने उन्हें जल्द ही उच्च स्थानों पर पहुँचाया।

अनुभव और अंतर्राष्ट्रीय पोस्टिंग

अनुभव और अंतर्राष्ट्रीय पोस्टिंग

मिस्री की कूटनीतिक मार्गदर्शिका ने उन्हें कई महत्वपूर्ण पोस्टिंग्स दिलाई। 2014 में उन्हें स्पेन में भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया, जिसके बाद 2016 में उन्हें म्यांमार में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया। उन्होंने अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में भारतीय मिशनों में भी सेवाएं दी हैं।

चीन विशेषज्ञता

मिस्री चीन के मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उनकी सबसे हाल की भूमिका बीजिंग में भारत के राजदूत के रूप में थी। उन्होंने 2020 के लद्दाख के पूर्वी क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई घटनाओं और गालवान घाटी संघर्ष के बाद, शी जिनपिंग प्रशासन के साथ संवाद बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव

प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव

अपने कूटनीतिक करियर में, मिस्री ने तीन भारतीय प्रधानमंत्रियों- इन्द्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में सेवाएं दी हैं। यह उनके अनुभव की व्यापकता और गंभीरता को दर्शाता है।

डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्यकाल

डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्यकाल

विदेश सचिव नियुक्त किए जाने से पहले, मिस्री ने डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दी। उनके योगदान को देखकर, उनके कार्यकाल को निष्कर्ष से खत्म कर दिया गया है और उन्हें नए पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

विक्रम मिस्री की नियुक्ति को भारतीय कूटनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव भारतीय विदेश नीति को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की उम्मीद है।

17 Comments

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    SIVA K P

    जून 29, 2024 AT 20:15
    फिर से एक चीन विशेषज्ञ? अरे भाई, जब तक हम अपने अंदर के डर को नहीं समझेंगे, तब तक बस बाहर के लोगों को बदलने की कोशिश करते रहेंगे। गालवान के बाद से तो हर कोई चीनी राजदूत को बचाव का बलिदान बना रहा है।
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    harshita kumari

    जून 30, 2024 AT 15:47
    ये सब बातें तो बस धूम मचाने के लिए हैं जबकि असली फैसले तो आईएसआई और एनएसए के कमरों में होते हैं जहां आम आदमी कभी नहीं जा सकता और इसलिए हम सब बस इन नामों को देखकर खुश हो रहे हैं जैसे कोई बड़ा बदलाव हो गया हो लेकिन असल में तो सब कुछ वही है जो पहले था
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    Neelam Khan

    जून 30, 2024 AT 19:23
    विक्रम मिस्री के बारे में सुनकर बहुत खुश हुई। उनकी शिक्षा, अनुभव और विश्वास देखकर लगता है कि भारत की कूटनीति में असली बदलाव आ सकता है। इन लोगों को समर्थन देना हमारा कर्तव्य है।
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    Jitender j Jitender

    जुलाई 1, 2024 AT 10:14
    एक एमबीए और इतिहास के स्नातक का संयोजन वाकई अनोखा है। इस तरह के बहुआयामी पृष्ठभूमि वाले अधिकारी आज के जटिल अंतर्राष्ट्रीय वातावरण में निर्णय लेने के लिए बेहतर तैयार होते हैं। यह एक नए युग की शुरुआत है।
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    Jitendra Singh

    जुलाई 2, 2024 AT 23:54
    क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब नियुक्तियाँ किसके लिए हैं? क्या ये सब व्यक्ति वास्तव में राष्ट्र के लिए काम करते हैं या फिर अपने व्यक्तिगत इतिहास को बनाने के लिए? ये सब एक नाटक है जिसमें आम आदमी कभी नहीं जीतता
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    VENKATESAN.J VENKAT

    जुलाई 4, 2024 AT 05:26
    इन्द्र कुमार गुजराल से लेकर मोदी तक के निजी सचिव रहे? ये तो बस एक चक्र है जिसमें कोई नया नहीं है। ये सब एक ही पार्टी के लोग हैं जो एक दूसरे को बढ़ावा देते हैं। असली बदलाव कब आएगा?
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    Amiya Ranjan

    जुलाई 6, 2024 AT 04:18
    एमबीए के साथ इतिहास? ये तो बस एक बाहरी झलक है। असली विदेश नीति तो आर्थिक हितों और सैन्य दबाव से बनती है। इन लोगों की शिक्षा का कोई मतलब नहीं।
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    vamsi Krishna

    जुलाई 6, 2024 AT 12:04
    मिस्री? मिस्री? ये नाम तो मिस्र से लगता है ना? ये तो बस नाम का खेल है। असली चीज़ तो ये है कि वो कितना बुद्धिमान है और वो भारत के लिए क्या करेगा।
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    Narendra chourasia

    जुलाई 8, 2024 AT 09:00
    हर बार एक ऐसा आदमी आता है जो चीन के साथ बातचीत करता है... और हर बार चीन हमारी जमीन ले लेता है। ये सब बस एक बड़ा धोखा है। आप लोग अभी भी इनको बहादुर समझते हैं?
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    Mohit Parjapat

    जुलाई 8, 2024 AT 21:29
    अरे भाई! ये तो बस एक और ब्राह्मण विदेश सचिव है जो अपनी नौकरी के लिए चीन के साथ बातें करता है। हमें अपने देश के लिए लड़ना होगा, न कि बातचीत करना! 🇮🇳🔥
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    vishal kumar

    जुलाई 9, 2024 AT 22:03
    व्यक्तिगत अनुभव का विश्लेषण अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय नीति के स्तर पर अर्थपूर्ण नहीं होता। कार्यकाल के निर्णय तथ्यों और संरचनाओं पर आधारित होने चाहिए।
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    Oviyaa Ilango

    जुलाई 11, 2024 AT 19:43
    XLRI MBA के बाद IFS? अरे बाप रे। ये तो एक बिजनेस मैन को देश का नेतृत्व दे रहे हैं। ये सब बस एक नए युग की शुरुआत है जहां ताकत की बजाय ट्रेडिंग बातचीत होगी
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    Aditi Dhekle

    जुलाई 12, 2024 AT 23:10
    उनकी चीन विशेषज्ञता और अफ्रीका के अनुभव को देखकर लगता है कि भारत की नीति अब एक ग्लोबल स्केल पर चल रही है। ये बहुत अच्छा है।
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    Aditya Tyagi

    जुलाई 14, 2024 AT 13:02
    अगर ये लोग इतने अच्छे हैं तो फिर क्यों लद्दाख में हमारी सेना घायल हुई? ये सब नियुक्तियाँ बस एक नाटक है।
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    pradipa Amanta

    जुलाई 14, 2024 AT 17:50
    एक श्रीनगर का लड़का विदेश सचिव? अरे ये तो बस एक बड़ा झूठ है। इन लोगों को तो अपने राज्य के लोगों को भूल गए।
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    chandra rizky

    जुलाई 16, 2024 AT 12:23
    बहुत अच्छा! एक ऐसा व्यक्ति जो चीन, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका तक का अनुभव रखता है, वो भारत के लिए बहुत बड़ा संपत्ति है। उनके साथ बातचीत करना एक सम्मान की बात है। 🙏
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    Rohit Roshan

    जुलाई 16, 2024 AT 17:57
    मुझे लगता है कि ये नियुक्ति भारत के लिए एक बड़ा मोड़ है। एक ऐसा व्यक्ति जिसने तीन प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है, वो बहुत कुछ जानता है। उम्मीद है वो नई दिशा देगा।

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