कैसे अदाणी ने केबल उद्योग को प्रभावित किया
अदाणी समूह ने भारत के तार और केबल क्षेत्र में प्रवेश करते हुए एक नई संयुक्त उद्यम, प्रणीता ईकोकेबल्स लिमिटेड की घोषणा की है। इस कदम से बाजार में स्थापित केबल निर्माताओं के शेयरों में काफी उथल-पुथल मचा दी है। भारतीय बाजार में इस नई प्रतिद्वंद्वी के प्रवेश से ऐसी स्थिति बनी है कि निवेशकों ने उद्योग के मौजूदा बड़े खिलाड़ियों के शेयरों का बेचना शुरू कर दिया।
प्रणीता ईकोकेबल्स लिमिटेड का लक्ष्य तार और केबल का निर्माण, विपणन और वितरण करना है। इस नई कंपनी के प्रवेश ने केईआई इंडस्ट्रीज, पॉलीकाब इंडिया और हवेल्स इंडिया के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की। 20 मार्च, 2025 को निवेशकों की त्वरित प्रतिक्रिया के चलते केईआई के शेयर 8.4% तक गिर गए, पॉलीकाब इंडिया में 7.8% की और हवेल्स में 5.3% की गिरावट देखने को मिली।
संभावित प्रभाव और चुनौतियाँ
विश्लेषकों का मानना है कि नए प्रतिभागियों को वितरण नेटवर्क बनाने और ग्राहकों की स्वीकृति प्राप्त करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, यह उद्योग धीरे-धीरे असंगठित से संगठित खिलाड़ियों की ओर बढ़ रहा है, जिससे प्रतिस्पर्धा और बढ़ सकती है।
केबल उद्योग में उच्च पूंजी आवश्यकताएं और इसके विखंडित स्वरूप, जैसी समस्याओं के बीच अल्ट्राटेक की ₹1,800 करोड़ की पूंजी निवेश जैसी गतिविधियाँ दिखाती हैं कि नवागंतुकों के लिए यह क्षेत्र कितनी चुनौतियाँ प्रस्तुत कर सकता है। हालांकि, दीर्घकालिक रूप से शहरीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से बढ़ती मांग की संभावना बनी हुई है।
पीछे नहीं हैं मौजूदा खिलाड़ियों ने भी अपने उत्पादन क्षमता और अनुसंधान एवं विकास कार्यों में तेजी लाई है। पॉलीकाब, जो बाजार में 19% शेयर के साथ अग्रणी है, और हवेल्स तथा केईआई जैसे खिलाड़ी भी अपने क्षेत्र का विस्तार करने में जुटे हैं। वहीं, छोटे खिलाड़ी और संगठनों के भीतर विलय अधिग्रहण की संभावनाओं के कारण यूनिवर्सल केबल्स जैसी कंपनियों के शेयरों में वृद्धि हुई।