मुंबई-14 अप्रैल: महिला मंत्री लड़की बहिन योजना को लेकर हाल ही में विधानसभा में उठे सवालों को आज आदिति तत्करे ने साफ़ शब्दों में जवाब दिया। विपक्षी सदस्यों ने योजना के कवरेज, लाभार्थी चयन प्रक्रिया और आय के स्रोत को लेकर शंका जताई थी। तत्करे ने कहा कि यह स्कीम 2024 की शुरुआत से ही महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता दिलाने के उद्देश्य से तैयार की गई है, और इसमें 21‑65 वर्ष की आयु वर्ग की 10 लाख eligible महिलाएं शामिल होंगी।
मुख्य बिंदु और जवाब
1. पात्रता मानदंड – केवल राज्य के भीतर रहने वाली, मान्यता प्राप्त प्राथमिक या माध्यमिक स्कूलों से उत्तीर्ण या स्वयंरोज़गार वाली महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिलेगा। 2. वित्तीय प्रावधान – हर महीने ₹1,500 सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा, जिससे कोई मध्यस्थता नहीं होगी। 3. निगरानी तंत्र – प्रत्येक जिलाधिकारी को ग्रासरूट स्तर पर स्वयंसेवकों की टीम तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जो लाभार्थी की पहचान और भुगतान प्रक्रिया की सटीकता सुनिश्चित करेंगे। 4. विरोध के सवालों का जवाब – विरोधी दल ने कहा कि योजना के वित्तीय बोझ से राज्य की बजट में दबाव बढ़ेगा, पर तत्करे ने बताया कि इसके लिए विशेष फंड अलग से आरक्षित किया गया है और यह योजना मौजूदा महिला धर्मनिरपेक्ष कल्याण योजनाओं के साथ ओवरलैप नहीं करेगी।
आदिति तत्करे ने यह भी बताया कि योजना का लक्ष्य सिर्फ आर्थिक मदद नहीं बल्कि महिलाओं को आत्मविश्वास, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों की ओर भी प्रेरित करना है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि "लड़की बहिन योजना" के तहत महिलाओं को अपना स्वर बनाने, परिवार के खर्चों में योगदान देने और स्थानीय उद्यमिता के लिए छोटे‑छोटे ऋण लेने का अवसर मिलेगा।
विरोधी दल के अध्यक्ष ने तत्करे के जवाब को स्वीकार किया, पर उन्होंने योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और समय‑सीमा की स्पष्टता की मांग भी दोहराई। इस बीच, राज्य सरकार ने अगले महीने के भीतर सभी जिलों में लाभार्थी सूची को सार्वजनिक करने और ऑनलाइन ट्रैकिंग पोर्टल लॉन्च करने का संकल्प जताया है।
Aravind Anna
सितंबर 23, 2025 AT 03:10ये योजना असली में बहुत अच्छी है पर सरकार अब तक क्या कर पाई है ये देखो तो लगता है बस नारे लगाने के लिए बनाई गई है
VIJAY KUMAR
सितंबर 23, 2025 AT 05:15ओए ये सब नए नए नाम लगाकर लोगों को भ्रमित कर रहे हो जैसे कोई नया इलाज निकाल दिया है 😂 जब तक बेटियों को पढ़ाने का इरादा नहीं होगा तब तक ये सब बस एक बड़ा शो होगा 🤡
Aila Bandagi
सितंबर 23, 2025 AT 10:19मैं अपनी बहन के लिए ये पैसे बहुत काम आएंगे बस जल्दी से शुरू हो जाए वरना बहुत देर हो जाएगी
navin srivastava
सितंबर 25, 2025 AT 09:48हर योजना में लोग नए नए नाम लगाते हैं पर असली समस्या तो ये है कि बेटियों को घर से निकालना ही नहीं आता ये सब बस चुगली है
Neelam Dadhwal
सितंबर 25, 2025 AT 16:09हर बार ये लोग बेटियों के नाम पर लोगों को धोखा देते हैं और फिर बजट बढ़ाकर अपने दोस्तों को ठेके देते हैं ये सब बस एक बड़ा धोखा है
Imran khan
सितंबर 27, 2025 AT 07:06मैंने अपने गाँव में एक औरत जिसका बेटा बीमार था उसे ये पैसे देखकर बहुत उम्मीद हुई अगर ये ठीक से पहुँच जाए तो बहुत बदलाव आएगा
Rajendra Mahajan
सितंबर 27, 2025 AT 12:23इस योजना का सच्चा उद्देश्य तो ये है कि महिलाओं को आर्थिक ताकत देकर उनके आत्मसम्मान को बढ़ाया जाए न कि बस एक ट्रांसफर का नाम लेकर लोगों को शांत किया जाए ये तो सामाजिक बदलाव की शुरुआत है
जब तक महिलाएं अपने घर के खर्च में आवाज़ नहीं उठा पाएंगी तब तक कोई योजना असली नहीं हो सकती
ये रुपये सिर्फ पैसे नहीं बल्कि एक नए विचार का प्रतीक है जिसमें महिला को एक सामाजिक भूमिका दी जा रही है
क्या हमने कभी सोचा कि एक औरत जो अपने घर में अकेली बैठी है और जिसके पास कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है वो जब अपने खाते में 1500 रुपये देखती है तो उसके मन में क्या बदलाव आता है
ये बदलाव बाहरी नहीं अंदरूनी है ये तो एक छोटी सी आग है जो एक घर से दूसरे घर में फैल सकती है
हम सब ये भूल जाते हैं कि जब एक महिला आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती है तो वो अपने बच्चों को भी शिक्षित करने का फैसला लेती है
ये योजना बस एक बजट आइटम नहीं बल्कि एक सामाजिक इतिहास की नींव है
अगर हम इसे सही तरीके से लागू करें तो आने वाले 20 साल में हमारी समाज की संरचना ही बदल जाएगी
हम अपनी बहनों को बलि देने के बजाय उन्हें अपना स्वामी बनाने का अवसर दे रहे हैं
ये योजना तभी सफल होगी जब एक गाँव की औरत अपने बेटे को बोलेगी कि तू अपनी बहन के लिए भी एक दिन तैयार हो
हम इसे बस एक योजना नहीं बल्कि एक नई आदत बना सकते हैं
और जब एक आदत बन जाएगी तो वो कोई भी सरकार नहीं रोक सकती
इसलिए ये योजना न केवल बजट का मुद्दा है बल्कि भारत के भविष्य का मुद्दा है
ANIL KUMAR THOTA
सितंबर 29, 2025 AT 05:38अगर ये पैसे दे दिए जाएं तो लोग अपने घर में भी बेटियों को बेहतर तरीके से देखने लगेंगे
LOKESH GURUNG
सितंबर 29, 2025 AT 17:51अरे ये तो बहुत अच्छी बात है अब तो बहनों के लिए भी ज़िंदगी बदल जाएगी 💪
Abhishek gautam
सितंबर 30, 2025 AT 19:35तुम सब ये सोच रहे हो कि ये योजना बचाव है पर असल में ये तो एक बड़ा ब्रांडिंग ट्रिक है जिसके तहत सरकार अपनी असफलता को छुपा रही है
हर बार जब बजट खराब होता है तो वो एक नया नाम लगा देती है और लोग भूल जाते हैं कि पिछले 5 साल में क्या हुआ
ये योजना बस एक नए फेक न्यूज़ फ्रेम है जिसका इस्तेमाल अगले चुनाव के लिए किया जाएगा
तुम्हारे घर में बेटी को पढ़ाने के लिए पैसे नहीं हैं तो ये 1500 रुपये तुम्हारे घर की समस्या का हल नहीं है
ये तो बस एक लोकप्रियता का शो है जिसमें तुम सब अपने भावों को फेक कर रहे हो
जब तक तुम अपनी बेटी को अपने घर में बराबरी के साथ नहीं देखोगे तब तक ये सब बस एक बड़ा नाटक होगा
ये योजना तो एक असली समाज की जरूरत है न कि एक असली सरकार की
Sumit singh
सितंबर 30, 2025 AT 22:08अब तो बेटियों को पैसे देने से लोगों का दिमाग बदल जाएगा ये तो अच्छी बात है लेकिन अगर ये पैसे बेटे के नाम पर जाएंगे तो फिर ये योजना क्या फायदा देगी
Manohar Chakradhar
अक्तूबर 2, 2025 AT 06:20मैं अपने दोस्त के घर में एक बहन रहती है जिसके पास अभी तक कोई बैंक खाता नहीं है अगर ये योजना उस तक पहुँच गई तो उसकी जिंदगी बदल जाएगी