तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण: अमेरिका-भारत के सहयोग की नई मिसाल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 फरवरी, 2025 को यह घोषणा की कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को अनुमति मिल गई है। यह घोषणा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई। यह भारत-अमेरिका संबंधों में एक महत्वपूर्ण राजनयिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। राणा फिलहाल अमेरिका में कैद है और उस पर इन हमलों के लिए तार्किक समर्थन प्रदान करने का आरोप है, जिसने 166 निर्दोष जान ले ली थी।
भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच द्विपक्षीय चर्चा के बाद प्रत्यर्पण प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दिया गया। यह आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता को दिखाता है। राणा का कथित रूप से एक प्रमुख भूमिका इस योजना में शामिल थी जिसमें उसने डेविड हेडली की मुंबई में टोही रूपरेखा तैयार करने में मदद की। ट्रंप ने इसे 'खतरनाक व्यक्ति' के रूप में वर्णित किया और पीड़ितों को न्याय दिलाने में इस प्रत्यर्पण की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अमेरिका-भारत सहयोग की मजबूती का परिचायक माना।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम
प्रत्यर्पण के बाद, राणा के खिलाफ भारत में मुकदमा चलाया जाएगा, जहां वह साजिश और आतंकवाद से संबंधित आरोपों का सामना करेगा। भारत की तरफ से 2009 में उसकी गिरफ्तारी के उपरांत से ही लगातार कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे थे। यह कदम दर्शाता है कि कैसे दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और न्याय की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने में लगे हैं। अमेरिका और भारत के बीच यह सहयोग भविष्य में भी ऐसे ही और सकारात्मक कदमों की संभावना को प्रकट करता है।