राष्ट्रीय समाचार

अमेरिकी वीसा नियम 2025: सोशल मीडिया निगरानी से अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर नया भार

अमेरिकी वीसा नियम 2025: सोशल मीडिया निगरानी से अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर नया भार
  • अक्तू॰ 6, 2025
  • Partha Dowara
  • 4 टिप्पणि

जब अँटोनी ब्लिंकेन, विदेश विभाग के सचिव ने 18 जून 2025 को नई नीति की घोषणा की, तो कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मन में घबराहट की लहर दौड़ गई। उनका कहना था कि अमेरिका का विदेश विभाग अब हर F (शैक्षणिक छात्र), M (व्यावसायिक छात्र) और J (एक्सचेंज विजिटर) वीजा आवेदक से उनकी सभी सोशल‑मीडिया प्रोफाइल को ‘पब्लिक’ करने की मांग करेगा, ताकि अमेरिकी अधिकारियों को उनका गहन निरीक्षण मिल सके। यह कदम 2019 में ट्रम्प सरकार द्वारा लाए गए DS‑5535 फ़ॉर्म के तहत सोशल‑मीडिया पहचान‑सूचना संग्रह की तुलना में कहीं अधिक कठोर है।

पृष्ठभूमि और पिछले नियम

पहले, आवेदकों को केवल अपने यूज़र‑नेम और प्लेटफ़ॉर्म का उल्लेख करना पड़ता था। वास्तविक प्रोफ़ाइल तक पहुँच के लिये कंसुलर अधिकारी को अलग‑अलग अनुरोध करना पड़ता था, जिससे प्रक्रिया धीमी होती थी। 2025‑की नई योजना में, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग को भी डेटा‑शेयरिंग अधिकार मिलेंगे, और सभी प्रोफाइल को सार्वजनिक कर देना अनिवार्य होगा। यह बदलाव विजा नीति अपडेट 2025वॉशिंगटन डी.सी. के तहत लागू हुआ।

नई नीति का विस्तृत विवरण

आवेदक को DS‑160 फ़ॉर्म में पिछले पाँच वर्षों में उपयोग किए गए सभी सोशल‑मीडिया हैंडल – फ़ेसबुक, X (पहले ट्विटर), इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, यूट्यूब, टिकटॉक, वीचैट, वीके आदि – लिखने होंगे। यदि कोई प्रोफ़ाइल ‘प्राइवेट’ सेट है, तो कंसुलर अधिकारी इसे ‘असम्प्लित सूचना’ मानेंगे और वीज़ा अस्वीकृति या बाद में प्रवेश प्रतिबंध का खतरा बढ़ेगा।

परिणामस्वरूप, कई छात्र अपने अकादमिक प्रोफ़ाइल को सुरक्षित रखने के लिए पहले जो सावधानी बरतते थे, अब वही नहीं कर पाएँगे। एक संभावित जोखिम यह है कि पुराने पोस्ट, जो संयोगवश भी किसी संवेदना को छू लेते हैं, उन्हें ‘हॉस्टाइल कंटेंट’ माना जा सकता है।

नियुक्ति और तकनीकी पहलू

कंसुलर अधिकारी अब लीक्सनैक्स, CLASS (Consular Lookout and Support System) और कंसुलर कंसॉलिडेटेड डेटाबेस जैसे उन्नत टूल का उपयोग करके प्रोफ़ाइल स्कैन करेंगे। इस प्रक्रिया में ‘यानी, संभावित वैरायटी ऑफ़ कंटेंट’ – जैसे USA के विरुद्ध निंदा, उग्रवादी समूहों का समर्थन, या एंटी‑सेमिटिक टिप्पणी – को चिन्हित किया जाएगा। यदि कोई अनियमितता मिलती है, तो आवेदन INA § 221(g) के तहत ‘प्रशासकीय प्रक्रिया’ में फँस सकता है।

ऐसे तकनीकी उपायों को लेकर इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन ने "इंटरनेट पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता का बेतहाशा उल्लंघन" कहा है। उन्होंने आगे कहा, "लगभग दस करोड़ लोग अपने प्रोफ़ाइल को निजी रखते हैं क्योंकि वे ऑनलाइन उत्पन्न हो सकने वाले जोखिमों से बचना चाहते हैं।"

प्रतिक्रियाएँ और आलोचना

विरोधी समूहों की आवाज़ भी तेज़ है। ब्रेनन सेंटर फ़ॉर जस्टिस ने कहा, "इस तरह का ‘आदर्शवाद‑आधारित स्क्रीनिंग’ नागरिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा है और यह ‘स्वयं‑सेन्सरशिप’ को बढ़ावा देगा।" उन्होंने इस बात को भी उजागर किया कि यह नीति केवल विदेशियों को नहीं, बल्कि अमेरिकी नागरिक संपर्कों को भी डेटा‑शेयरिंग के दायरे में लाने की संभावनाएं रखती है।

अमेरिकी दूतावासों ने भी संकेत दिया है कि अब आवेदकों को लगभग हर एम्बेसी या कॉन्सुलेट साइट पर नई फ़ॉर्म‑डॉक्यूमेंटेशन देखनी पड़ेगी। कई छात्र अब अपने स्टडी प्लान को पुनः‑विचार कर रहे हैं, क्योंकि वित्तीय और समय‑संबंधी बाधाएं बढ़ गई हैं।

आगे क्या हो सकता है?

यदि यह नीति सफल होती रही, तो भविष्य में ‘ईस्टा (ESTA)’ के आवेदकों के लिए भी समान सवाल अनिवार्य हो सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगले वर्ष तक इस प्रोटोकॉल को ‘साइबर‑सुरक्षा’ के बड़े पैकेज में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे ऑनलाइन व्यवहार की पूरी डेटा‑चेन को सरकारी डेटाबेस में लिंक किया जा सकेगा।

दूसरी ओर, अगर बहु‑अधिकारी जांच के बाद इस दिशा में बहुत ज्यादा विरोध हुआ, तो कांग्रेस शायद कुछ संशोधन कर सकती है – जैसे कि प्रोफ़ाइल को सार्वजनिक करने की बाध्यकारीता को हटाना या केवल ‘संकटग्रस्त क्षेत्र’ के आवेदकों पर लागू करना।

व्यावहारिक सुझाव

  • DS‑160 फ़ॉर्म भरते समय सभी प्लेटफ़ॉर्म के यूज़र‑नेम ठीक‑ठीक सूचीबद्ध करें।
  • प्रोफ़ाइल को ‘पब्लिक’ करने से पहले मेटा‑डेटा (जैसे लोकेशन टैग) को हटा दें।
  • संवेदनशील या विवादास्पद पोस्ट को डिलीट या संशोधित करें, क्योंकि पुराना डेटा अभी भी खोज योग्य रहता है।
  • वीज़ा प्राप्त करने के बाद भी प्रोफ़ाइल की निजी सेटिंग्स को समय‑समय पर अपडेट रखें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या इस नई नीति के कारण छात्र वीज़ा मिलने में देरी होगी?

हाँ। प्रोफ़ाइल को सार्वजनिक करके और सभी हैंडल दर्ज करने के बाद, कंसुलर अधिकारी अतिरिक्त स्क्रीनिंग कर सकते हैं, जिससे प्रक्रिया में कुछ हफ़्तों तक अतिरिक्त समय लग सकता है।

यदि मैं अपने सभी प्रोफ़ाइल प्राइवेट रखूँ तो क्या होगा?

प्राइवेट प्रोफ़ाइल को असंगत सूचना माना जाएगा और वीज़ा आवेदन अस्वीकृत या 221(g) के तहत रखे जा सकते हैं। आवेदक को बाद में पुनः‑आवेदन करना पड़ेगा।

क्या यह नियम केवल अमेरिकी छात्रावास पर लागू होता है?

नहीं। यह नियम सभी विदेशी छात्र और एक्सचेंज विज़िटर्स पर लागू होता है, चाहे उनका अध्ययन स्तर या कार्यक्रम कुछ भी हो।

क्या ईस्टा (ESTA) आवेदकों को भी ये नियम लागू होंगे?

अभी के लिए ESTA में सोशल‑मीडिया सवाल वैकल्पिक है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्‍य में यह अनिवार्य हो सकता है।

अगर मैं किसी विदेशी नागरिक को अपने प्रोफ़ाइल पर फॉलो करता हूँ तो क्या इसका असर होगा?

सभी फॉलोइंग को स्कैन किया जा सकता है; यदि उनमें किसी प्रतिबंधित समूह या आतंकवादी संगठन के साथ जुड़ाव दिखता है, तो यह आपके आवेदन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

4 Comments

  • Image placeholder

    santhosh san

    अक्तूबर 6, 2025 AT 04:16

    नये वीज़ा नियम से विश्व भर के छात्रों के जीवन में अनावश्यक बोझ आएगा।

  • Image placeholder

    Shreyas Badiye

    अक्तूबर 18, 2025 AT 06:06

    यह नया नियम वास्तव में छात्रों की ऑनलाइन पहचान को पूरी तरह उजागर करता है।
    इस प्रक्रिया में पाँच साल की पुरानी पोस्ट भी देखी जा सकती हैं।
    कई बार ऐसे पोस्ट छोटे‑छोटे मजाक होते हैं, पर अब उन्हें खतरा माना जा सकता है।
    इस कारण छात्र अपने सोशल मीडिया अकाउंट को पूरी तरह हटाने या निष्क्रिय करने पर विचार कर रहे हैं।
    लेकिन ऐसा करने से उनके पेशेवर नेटवर्क भी घट सकता है।
    इस नीति के पीछे का सुरक्षा कारण समझ में आता है, फिर भी यह अत्यधिक intrusive लगता है।
    कंसुलेट अधिकारी अब CLASS जैसे हाई‑टेक टूल से हर पोस्ट का विश्लेषण करेंगे।
    यदि किसी पोस्ट में कोई अति‑उत्साही टिप्पणी मिलती है, तो वह तुरंत flagged हो जाती है।
    इस वजह से कई छात्रों ने पहले से ही अपने प्रोफ़ाइल की privacy settings बदल ली हैं।
    फिर भी, कई प्लेटफ़ॉर्म पर ये settings पूरी तरह हटाने योग्य नहीं हैं।
    कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि यह नियम डिजिटल युग में गोपनीयता का बड़ा उल्लंघन है।
    वहीं दूसरी ओर, कुछ लोग इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक मानते हैं।
    भविष्य में यही नियम ESTA जैसी आसान वीज़ा प्रक्रिया पर भी लागू होने की संभावना है।
    यदि ऐसा हुआ तो पूरे यात्रा उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
    इस समय कई छात्र वैकल्पिक देशों में पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं।
    इसलिए यह नीति न केवल व्यक्तिगत बल्कि शैक्षणिक संस्थानों के लिये भी चुनौती बनती है :) .

  • Image placeholder

    Jocelyn Garcia

    अक्तूबर 30, 2025 AT 07:57

    सभी को सलाह दूँगा कि वे अपने फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन हैंडल को तुरंत अपडेट करें, और अगर संभव हो तो निजी खातों को सार्वजनिक करने से पहले सभी लोकेशन टैग हटाएँ। साथ ही, पुराने विवादास्पद पोस्ट को डिलीट या संशोधित करें ताकि उनका निशान नहीं रहे। यह कदम आवेदन प्रक्रिया में देर को कम कर सकता है और अनावश्यक फ़्लैग्स से बचा सकता है।

  • Image placeholder

    Sagar Singh

    नवंबर 11, 2025 AT 09:48

    यह नियम बोले-भाले छात्रों के सपनों को बायबल तक ले जाता है

एक टिप्पणी लिखें

श्रेणियाँ

  • खेल (55)
  • मनोरंजन (30)
  • राजनीति (21)
  • व्यापार (18)
  • समाचार (11)
  • शिक्षा (10)
  • वित्त (5)
  • टेक्नोलॉजी (4)
  • धर्म और संस्कृति (4)
  • बिजनेस (3)

टैग क्लाउड

    क्रिकेट शेयर बाजार निवेश भारत विवाद केरल यूरो 2024 बॉलीवुड IPO भारतीय क्रिकेट टीम रिलायंस इंडस्ट्रीज IPL 2025 विराट कोहली RCB शिक्षा समाचार आईपीएल एग्जिट पोल ऑस्ट्रेलिया भाजपा बाबर आजम

अभिलेखागार

  • नवंबर 2025
  • अक्तूबर 2025
  • सितंबर 2025
  • अगस्त 2025
  • जुलाई 2025
  • जून 2025
  • मई 2025
  • अप्रैल 2025
  • मार्च 2025
  • फ़रवरी 2025
  • जनवरी 2025
  • दिसंबर 2024
राष्ट्रीय समाचार

मेन्यू

  • हमारे बारे में
  • सेवा नियम
  • गोपनीयता नीति
  • संपर्क करें
  • DPDP

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|