जब अँटोनी ब्लिंकेन, विदेश विभाग के सचिव ने 18 जून 2025 को नई नीति की घोषणा की, तो कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मन में घबराहट की लहर दौड़ गई। उनका कहना था कि अमेरिका का विदेश विभाग अब हर F (शैक्षणिक छात्र), M (व्यावसायिक छात्र) और J (एक्सचेंज विजिटर) वीजा आवेदक से उनकी सभी सोशल‑मीडिया प्रोफाइल को ‘पब्लिक’ करने की मांग करेगा, ताकि अमेरिकी अधिकारियों को उनका गहन निरीक्षण मिल सके। यह कदम 2019 में ट्रम्प सरकार द्वारा लाए गए DS‑5535 फ़ॉर्म के तहत सोशल‑मीडिया पहचान‑सूचना संग्रह की तुलना में कहीं अधिक कठोर है।
पृष्ठभूमि और पिछले नियम
पहले, आवेदकों को केवल अपने यूज़र‑नेम और प्लेटफ़ॉर्म का उल्लेख करना पड़ता था। वास्तविक प्रोफ़ाइल तक पहुँच के लिये कंसुलर अधिकारी को अलग‑अलग अनुरोध करना पड़ता था, जिससे प्रक्रिया धीमी होती थी। 2025‑की नई योजना में, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग को भी डेटा‑शेयरिंग अधिकार मिलेंगे, और सभी प्रोफाइल को सार्वजनिक कर देना अनिवार्य होगा। यह बदलाव विजा नीति अपडेट 2025वॉशिंगटन डी.सी. के तहत लागू हुआ।
नई नीति का विस्तृत विवरण
आवेदक को DS‑160 फ़ॉर्म में पिछले पाँच वर्षों में उपयोग किए गए सभी सोशल‑मीडिया हैंडल – फ़ेसबुक, X (पहले ट्विटर), इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, यूट्यूब, टिकटॉक, वीचैट, वीके आदि – लिखने होंगे। यदि कोई प्रोफ़ाइल ‘प्राइवेट’ सेट है, तो कंसुलर अधिकारी इसे ‘असम्प्लित सूचना’ मानेंगे और वीज़ा अस्वीकृति या बाद में प्रवेश प्रतिबंध का खतरा बढ़ेगा।
परिणामस्वरूप, कई छात्र अपने अकादमिक प्रोफ़ाइल को सुरक्षित रखने के लिए पहले जो सावधानी बरतते थे, अब वही नहीं कर पाएँगे। एक संभावित जोखिम यह है कि पुराने पोस्ट, जो संयोगवश भी किसी संवेदना को छू लेते हैं, उन्हें ‘हॉस्टाइल कंटेंट’ माना जा सकता है।
नियुक्ति और तकनीकी पहलू
कंसुलर अधिकारी अब लीक्सनैक्स, CLASS (Consular Lookout and Support System) और कंसुलर कंसॉलिडेटेड डेटाबेस जैसे उन्नत टूल का उपयोग करके प्रोफ़ाइल स्कैन करेंगे। इस प्रक्रिया में ‘यानी, संभावित वैरायटी ऑफ़ कंटेंट’ – जैसे USA के विरुद्ध निंदा, उग्रवादी समूहों का समर्थन, या एंटी‑सेमिटिक टिप्पणी – को चिन्हित किया जाएगा। यदि कोई अनियमितता मिलती है, तो आवेदन INA § 221(g) के तहत ‘प्रशासकीय प्रक्रिया’ में फँस सकता है।
ऐसे तकनीकी उपायों को लेकर इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन ने "इंटरनेट पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता का बेतहाशा उल्लंघन" कहा है। उन्होंने आगे कहा, "लगभग दस करोड़ लोग अपने प्रोफ़ाइल को निजी रखते हैं क्योंकि वे ऑनलाइन उत्पन्न हो सकने वाले जोखिमों से बचना चाहते हैं।"
प्रतिक्रियाएँ और आलोचना
विरोधी समूहों की आवाज़ भी तेज़ है। ब्रेनन सेंटर फ़ॉर जस्टिस ने कहा, "इस तरह का ‘आदर्शवाद‑आधारित स्क्रीनिंग’ नागरिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा है और यह ‘स्वयं‑सेन्सरशिप’ को बढ़ावा देगा।" उन्होंने इस बात को भी उजागर किया कि यह नीति केवल विदेशियों को नहीं, बल्कि अमेरिकी नागरिक संपर्कों को भी डेटा‑शेयरिंग के दायरे में लाने की संभावनाएं रखती है।
अमेरिकी दूतावासों ने भी संकेत दिया है कि अब आवेदकों को लगभग हर एम्बेसी या कॉन्सुलेट साइट पर नई फ़ॉर्म‑डॉक्यूमेंटेशन देखनी पड़ेगी। कई छात्र अब अपने स्टडी प्लान को पुनः‑विचार कर रहे हैं, क्योंकि वित्तीय और समय‑संबंधी बाधाएं बढ़ गई हैं।
आगे क्या हो सकता है?
यदि यह नीति सफल होती रही, तो भविष्य में ‘ईस्टा (ESTA)’ के आवेदकों के लिए भी समान सवाल अनिवार्य हो सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगले वर्ष तक इस प्रोटोकॉल को ‘साइबर‑सुरक्षा’ के बड़े पैकेज में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे ऑनलाइन व्यवहार की पूरी डेटा‑चेन को सरकारी डेटाबेस में लिंक किया जा सकेगा।
दूसरी ओर, अगर बहु‑अधिकारी जांच के बाद इस दिशा में बहुत ज्यादा विरोध हुआ, तो कांग्रेस शायद कुछ संशोधन कर सकती है – जैसे कि प्रोफ़ाइल को सार्वजनिक करने की बाध्यकारीता को हटाना या केवल ‘संकटग्रस्त क्षेत्र’ के आवेदकों पर लागू करना।
व्यावहारिक सुझाव
- DS‑160 फ़ॉर्म भरते समय सभी प्लेटफ़ॉर्म के यूज़र‑नेम ठीक‑ठीक सूचीबद्ध करें।
- प्रोफ़ाइल को ‘पब्लिक’ करने से पहले मेटा‑डेटा (जैसे लोकेशन टैग) को हटा दें।
- संवेदनशील या विवादास्पद पोस्ट को डिलीट या संशोधित करें, क्योंकि पुराना डेटा अभी भी खोज योग्य रहता है।
- वीज़ा प्राप्त करने के बाद भी प्रोफ़ाइल की निजी सेटिंग्स को समय‑समय पर अपडेट रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या इस नई नीति के कारण छात्र वीज़ा मिलने में देरी होगी?
हाँ। प्रोफ़ाइल को सार्वजनिक करके और सभी हैंडल दर्ज करने के बाद, कंसुलर अधिकारी अतिरिक्त स्क्रीनिंग कर सकते हैं, जिससे प्रक्रिया में कुछ हफ़्तों तक अतिरिक्त समय लग सकता है।
यदि मैं अपने सभी प्रोफ़ाइल प्राइवेट रखूँ तो क्या होगा?
प्राइवेट प्रोफ़ाइल को असंगत सूचना माना जाएगा और वीज़ा आवेदन अस्वीकृत या 221(g) के तहत रखे जा सकते हैं। आवेदक को बाद में पुनः‑आवेदन करना पड़ेगा।
क्या यह नियम केवल अमेरिकी छात्रावास पर लागू होता है?
नहीं। यह नियम सभी विदेशी छात्र और एक्सचेंज विज़िटर्स पर लागू होता है, चाहे उनका अध्ययन स्तर या कार्यक्रम कुछ भी हो।
क्या ईस्टा (ESTA) आवेदकों को भी ये नियम लागू होंगे?
अभी के लिए ESTA में सोशल‑मीडिया सवाल वैकल्पिक है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में यह अनिवार्य हो सकता है।
अगर मैं किसी विदेशी नागरिक को अपने प्रोफ़ाइल पर फॉलो करता हूँ तो क्या इसका असर होगा?
सभी फॉलोइंग को स्कैन किया जा सकता है; यदि उनमें किसी प्रतिबंधित समूह या आतंकवादी संगठन के साथ जुड़ाव दिखता है, तो यह आपके आवेदन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
santhosh san
अक्तूबर 6, 2025 AT 04:16नये वीज़ा नियम से विश्व भर के छात्रों के जीवन में अनावश्यक बोझ आएगा।