जब अश्विनी वैष्णव, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी के केंद्रीय मंत्री ने 22 सितंबर 2024 को नई दिल्ली से घोषणा की कि वह सभी आधिकारिक दस्तावेज़, स्प्रैडशीट और प्रस्तुति के लिए Zoho के ऑफिस सूट को अपनाएँगे, तो देश के डिजिटल स्वदेशी कदमों में नई ऊर्जा आ गई। "I am moving to Zoho — our own Swadeshi platform for documents, spreadsheets & presentations," उन्होंने X (Twitter) पर लिखा और प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी की स्वदेशी आह्वान को समर्थन दिया।
स्वदेशी तकनीक का पृष्ठभूमि
भारत ने 2015 से डिजिटल इंडिया मिशन के तहत स्थानीय सॉफ्टवेयर कंपनियों को सरकारी प्रयोग में लाने की नीति अपनाई। Zoho का यह सफ़र 2015 में तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम से शुरू हुआ, जहाँ कंपनी ने 387 गांवों में बुनियादी कंप्यूटिंग शिक्षा दी। तब से कंपनी ने धीरे‑धीरे राजकीय प्रोजेक्ट्स को पकड़ कर अपना दायरा बढ़ाया।
प्रधानमंत्री मोदी की आत्मनिर्भर भारत पहल और वैष्णव की घोषणा
दरअसल, नरेंदर मोदी की आत्मनिर्भर भारत रणनीति का मुख्य तत्व "स्वदेशी तकनीकी" था, जिससे विदेश-निर्मित सॉफ़्टवेयर पर निर्भरता घटे। इस संदर्भ में वैष्णव ने कहा, "स्वदेशी उत्पादों को अपनाने से न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि हमारे स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम को भी मजबूती मिलेगी।" यह बयान संसद में 23 सितंबर को भी दोहराया गया, जहाँ उन्होंने यू.एस. के टैरिफ़ नीति का उल्लेख कर भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर बल दिया।
Zoho का सरकारी अपनाना: योजना और समयसीमा
वास्तव में, Zoho को पहले 2023 सितंबर में इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 52 केंद्रीय विभागों के लिए ई‑मेल एवं इंटरनेट‑आधारित टूल्स प्रदान करने की मंजूरी दी थी। इस आदेश संख्या 12‑23/2023‑MeitY के अनुसार, 3.2 मिलियन केंद्रिय कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2024 तक Zoho Mail पर बदलना अनिवार्य है।
- ऑफ़िस सूट में Zoho Writer, Zoho Sheet, और Zoho Show शामिल हैं।
- भविष्य में सभी मंत्रालयों को आधिकारिक दस्तावेज़ इन टूल्स से ही तैयार करने होंगे।
- प्रशिक्षण कार्यशालाएँ 1 अक्टूबर 2024 से शुरू, 12 क्षेत्रीय केंद्रों में 200 से अधिक सत्र मासिक।
वास्तविक प्रमाण के तौर पर, वैष्णव ने 23 सितंबर को एक कैबिनेट ब्रिफ़िंग पूरी तरह Zoho Show से प्रस्तुत की, जिससे माइक्रोसॉफ्ट पॉवरपॉइंट को सीधा चुनौती मिली।
शिक्षा मंत्रालय और Arattai का उछाल
इसी दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भी Zoho के व्हाट्सएप विकल्प Arattai का समर्थन किया। 2021 में लॉन्च हुआ Arattai, वैष्णव की घोषणा के बाद 72 घंटे में 100‑गुना वृद्धि देखी, कुल 7.5 मिलियन डाउनलोड तक पहुँच गया और भारत के ऐप स्टोर में #1 पोज़िशन पर आया। शिक्षा विभाग ने 24 सितंबर को सभी शैक्षणिक संस्थानों को Zoho Office Suite की अनिवार्य उपयोगिता का आदेश जारी किया, जिससे 1,200+ स्कूल‑कॉलेजों में माइक्रोसॉफ्ट 365 और Google Workspace को बदला गया।

आर्थिक प्रभाव और भविष्य की दिशा
आंकड़ों के अनुसार, Zoho की सरकारी अनुबंधों से आय FY2023 में ₹1,200 करोड़ से बढ़कर FY2025 में ₹3,800 करोड़ होने की संभावना है, यानी 216 % की तेज़ी। यह अनुमान CXO Digital Pulse ने 23 सितंबर को दिया था। कंपनी के संस्थापक श्रीधर वेंबू ने कहा, "28 साल की मेहनत अब राष्ट्र की स्वदेशी तकनीकी के रूप में मान्यता प्राप्त कर रही है।" वर्तमान में Zoho के 15,000 से अधिक कर्मचारियों में से 30 % ग्रामीण भारत में स्थित हैं, जो बड़े शहरों‑के‑बाहरी मॉडल को चुनौती देता है।
साइबर सुरक्षा के लिहाज़ से, CERT‑In ने सभी Zoho डिप्लॉयमेंट्स पर भारतीय एन्क्रिप्शन मानकों का प्रयोग अनिवार्य कर दिया है, जो सी‑DAC द्वारा विकसित हैं। यह कदम विदेशी डेटा‑लीक के जोखिम को घटाने के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा को भी सुदृढ़ करता है।
भविष्य में क्या उम्मीदें?
अगले साल तक, सभी केंद्रीय विभागों का पूर्ण रूप से Zoho पर स्विच होना लक्ष्य तय है। इसके साथ ही, राज्य‑स्तर की सरकारें भी इसी दिशा में कदम बढ़ा रही हैं; गुजरात और कर्नाटक ने पहले ही अपने शिक्षा विभाग में Zoho Writer को लागू किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस पारगमन को समय पर पूरा किया गया तो भारत की सॉफ़्टवेयर आय 2027 तक ₹6,500 करोड़ से ऊपर पहुँच सकती है, जिससे देश की तकनीकी निर्यात क्षमता में उल्लेखनीय बढ़त होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सरकारी विभागों को Zoho पर स्विच करने से किन सुविधाओं में सुधार होगा?
Zoho के AI‑सहायक Zia डेटा‑विश्लेषण को 11 भारतीय भाषाओं में तेज़ी से करता है, जिससे रिपोर्ट बनाना और निर्णय‑लेना आसान हो जाता है। साथ ही, सभी डेटा को भारतीय एन्क्रिप्शन मानकों पर सुरक्षित रखा जाता है, जिससे विदेशी सर्वर‑हैक का जोखिम कम होता है।
Arattai ऐप की लोकप्रियता में अचानक उछाल क्यों आया?
शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की शिफ़ारिश और वैष्णव की स्वदेशी अपील ने उपयोगकर्ताओं को इस भारतीय‑निर्मित मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म की ओर धकेला। 72 घंटे में 7.5 मिलियन डाउनलोड और ऐप‑स्टोर में टॉप चार्ट पर स्थान पाकर यह स्पष्ट संकेत मिला कि जनता स्वदेशी विकल्पों को अपनाने को तैयार है।
क्या इस कदम से Microsoft और Google को भारत में नुकसान होगा?
संभावित हानि स्पष्ट है; दोनों कंपनियों की क्लाउड‑सर्विसेज़ और ऑफिस सूट के लिए राजस्व घटेगा। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि नई प्रतिस्पर्धा भारतीय बाजार को विविधता और बेहतर सेवाएँ प्रदान कर सकती है, जिससे दीर्घकालिक में उपयोगकर्ता लाभान्वित होंगे।
भविष्य में अन्य किन सरकारी सेवाओं को Zoho द्वारा संभाला जाएगा?
MeitY ने पहले ही स्वास्थ्य, कृषि और वित्तीय विभागों के लिए Zoho CRM और Zoho Analytics के पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि अगले दो वर्षों में इन क्षेत्रों में भी पूर्ण स्विच‑ओवर होगा, जिससे डेटा‑सुरक्षा और स्थानीयकरण दोनों बेहतर हो पाएंगे।
Rahuk Kumar
अक्तूबर 9, 2025 AT 00:34Zoho अपनाने की नीति को देखते हुए, यह एक संरचनात्मक बदलाव है जो इकोसिस्टम को स्केलेबल बनाता है। इसमें मौजूदा क्लाउड-सर्विसेज़ का इंटीग्रेशन प्राथमिकता के तहत है