Ben Curran को अफगानिस्तान के खिलाफ ज़िम्बाब्वे ODI टीम में जगह, Curran परिवार की विरासत जारी

Ben Curran को अफगानिस्तान के खिलाफ ज़िम्बाब्वे ODI टीम में जगह, Curran परिवार की विरासत जारी

Ben Curran: Curran परिवार की नई पहचान ज़िम्बाब्वे के रंग में

अगर क्रिकेट के परिवारों की बात करें तो Curran नाम अपने आप में एक पहचान है। इंग्लैंड के लिए Sam और Tom Curran चमकते सितारे हैं, वहीं अब उनका छोटा भाई Ben Curran ज़िम्बाब्वे क्रिकेट की नई उम्मीद बन गया है। Ben का सिलेक्शन अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाली ODI सीरीज में उनकी मेहनत और काबिलियत दोनों को साबित करता है।

Ben Curran की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं। उनका जन्म इंग्लैंड में हुआ, लेकिन क्रिकेट की जड़ें उनके पिता Kevin Curran के ज़रिये थी, जिन्होंने 1980 और 1990 के दशक में ज़िम्बाब्वे का प्रतिनिधित्व किया। क्रिकेट परिवार की ये विरासत, Ben के ज़िम्बाब्वे टीम में चुने जाने के साथ आगे बढ़ रही है।

Ben ने दिसंबर 2024 में अफगानिस्तान के खिलाफ अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया और 68 रन की अहम पारी खेली, जिससे हर क्रिकेट प्रेमी की नज़र उन पर टिक गई। इसके बाद आयरलैंड के खिलाफ फरवरी 2025 में उन्होंने नाबाद 118 रन ठोक दिए, जिससे ज़िम्बाब्वे ने एकतरफा नौ विकेट से जीत दर्ज की। ODI क्रिकेट में अपने शुरुआती कदम से ही Ben ने बता दिया कि वो बड़ी चुनौतियों के लिए तैयार हैं।

इंग्लैंड के लिए काउंटी क्रिकेट में खेलते हुए Ben ने Northamptonshire की टीम को कई बार मुश्किल हालात में संभाला था। 2018 से 2022 तक उन्होंने इंग्लिश काउंटी क्रिकेट के कड़े मुकाबलों में खुद को निखारा। वहाँ से Zimbabwe की ओर रुख किया और Southern Rocks के लिए घरेलू क्रिकेट खेला। इस दौरान Logan Cup जैसी प्रतियोगिताओं में उन्होंने अलग-अलग परिस्थितियों में लगातार रन बनाए।

ज़िम्बाब्वे की नई रणनीति: दोहरी विरासत और घरेलू प्रदर्शन को तरज़ीह

ज़िम्बाब्वे की नई रणनीति: दोहरी विरासत और घरेलू प्रदर्शन को तरज़ीह

Ben Curran की क्रिकेट यात्रा यहां भी नहीं रुकी। अप्रैल 2025 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। वहां भी उन्होंने 44 रन बनाते हुए ओपनिंग साझेदारी में अहम भूमिका निभाई और टीम को तीन विकेट से ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की। ये पारी दिखाती है कि वो सिर्फ लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट के खिलाड़ी नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में भी अपना दम दिखाने का माद्दा रखते हैं।

ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड इस वक्त अपनी बल्लेबाज़ी को फिर से खड़ा करने में जुटा है। Ben Curran जैसे इंटरनेशनल एक्सपोज़र और मजबूत तकनीक वाले खिलाड़ी इसमें अहम हथियार साबित हो सकते हैं। पिछले कुछ सालों में जिम्बाब्वे ने दोहरी नागरिकता या विरासत वाले खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की नीति अपनाई है और Ben इस रणनीति का ताजा उदाहरण हैं।

  • उनका सिलेक्शन घरेलू प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन का नतीजा है।
  • अलग-अलग कंडीशंस में खेलने का अनुभव उन्हें बाकी खिलाड़ियों से आगे रखता है।
  • उनकी ODI में मजबूती और बड़े मैचों में संयम, जिम्बाब्वे को नई दिशा दे सकता है।

इस बार जब Zimbabwe cricket टीम अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज खेलेगी, तो Ben Curran के प्रदर्शन पर हर किसी की नज़र रहेगी। ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या Curran परिवार की ये नई कड़ी अपने परिवार की शोहरत को जिम्बाब्वे के रंग में पूरी तरह से सजा पाएगी या नहीं। फिलहाल, Ben ने अपने शानदार प्रदर्शन और मेहनत से आलोचकों और फैंस दोनों को अपने पक्ष में कर लिया है।

5 Comments

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    Jitendra Singh

    मई 25, 2025 AT 02:13
    ये सब विरासत की बात कर रहे हो, पर असली बात ये है कि बेन कर्रन ने अपनी मेहनत से ये जगह बनाई है। इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट का जंगल घूमकर, नॉर्थेम्प्टनशायर के लिए बार-बार टीम को बचाया, फिर ज़िम्बाब्वे आया। विरासत तो सिर्फ एक नाम है, असली चीज़ वो है जो तुम ग्राउंड पर करते हो।
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    VENKATESAN.J VENKAT

    मई 25, 2025 AT 04:55
    क्या ये सच है कि ज़िम्बाब्वे अब इंग्लैंड के खिलाड़ियों को अपना रहा है? ये तो बस नौकरी की तलाश है, न कि किसी राष्ट्रीय गर्व की बात। अगर वो अपने देश के लिए खेलना चाहते थे तो इंग्लैंड में ही रह जाते। ये जिस्म तो ज़िम्बाब्वे का है, पर दिल अभी भी लंदन के बाहर है।
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    Amiya Ranjan

    मई 26, 2025 AT 22:40
    उन्होंने जिस तरह आयरलैंड के खिलाफ नाबाद 118 बनाए, वो बस एक बल्लेबाज़ नहीं, एक बचावकर्ता है। जब टीम डूब रही हो, तो वो अकेले नाव खींचता है। इंग्लैंड में कोई उसे नहीं देख पा रहा था, लेकिन ज़िम्बाब्वे ने उसकी आवाज़ सुन ली।
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    vamsi Krishna

    मई 28, 2025 AT 21:53
    ben curran ka debut dekha? 68 runs toh theek tha par 118?? yeh toh bhaiya koi bhi bana sakta hai agar pitch soft ho. koi bhi ballebaaz 100 bana deta hai agar bowlers gareeb ho. zimbabwe ka cricket abhi bhi 2000 ka hai.
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    Narendra chourasia

    मई 30, 2025 AT 19:53
    ये सब नाटक है! एक इंग्लैंड का लड़का, जिसके पिता ने 30 साल पहले ज़िम्बाब्वे के लिए खेला था, अब उसे नेशनल टीम में डाल दिया? ये नहीं हो सकता! ज़िम्बाब्वे के अपने लोगों के बीच ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं? ये तो बस एक बाहरी रंग लगाने की कोशिश है! अगर वो असली ज़िम्बाब्वे बनना चाहते थे, तो बचपन से वहाँ रहते! ये नीति गलत है, ये धोखा है, ये धोखेबाज़ी है!!

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