आधुनिक चिकित्सा और हार्ट डिजीज का पूर्वानुमान
हाल ही में आयोजित अमेरिकी हृदय संघ के वैज्ञानिक सत्र 2024 में एक अध्ययन प्रस्तुत किया गया, जिसमें हृदय रोग के जोखिम का अनुमान लगाने के लिए MESA हार्ट डिजीज जोखिम स्कोर के नए प्रयासों पर जोर दिया गया। इस अध्ययन के अनुसार, MESA हार्ट डिजीज जोखिम स्कोर का एक संस्करण जिसमें जातीयता का कोई उल्लेख नहीं है, हृदय रोग के जोखिम की भविष्यवाणी उतनी ही सटीकता से कर सकता है जितना कि मूल स्कोर जिसमें जातीयता शामिल होती है। MESA स्कोर का उपयोग आमतौर पर कोरोनरी हृदय रोग जैसी समस्याओं के जोखिम का विचार करने के लिए किया जाता है, जो हृदयाघात और हृदय रुकवाट जैसे चिंताजनक मामलों को समाहित करता है।
MESA स्कोर के अध्ययनों की व्याख्या
इस अध्ययन ने मुख्य रूप से मल्टी-एथनिक स्टडी ऑफ एथोरोस्लेरेसिस के डेटा का उपयोग किया, जो एक समुदाय-आधारित अध्ययन है। यह अध्ययन एक ऐसी प्रक्रिया के तहत किया गया जिसमें 6,000 से ज्यादा वयस्क शामिल थे। इन व्यक्तियों का अध्ययन प्रारंभिक स्थिति में मुक्त हृदय रोग के आधार पर 10 वर्षों तक किया गया। प्रतिभागियों का चयन संयुक्त राज्य अमेरिका के छह क्षेत्रों से किया गया था, जिनमें 39% गैर-हिस्पैनिक श्वेत, 12% चीनी अमेरिकी, 28% अश्वेत और 22% हिस्पैनिक लोग शामिल थे। इसके अलावा, पुरुष और महिला दोनों की संख्या लगभग समान थी।
प्रमुख निष्कर्ष और उनके महत्व
अध्ययन का निष्कर्ष बताता है कि बिना जातीय संशोधनों के भी, MESA स्कोर की सटीकता हृदय रोग के जोखिम का अनुमान लगाने में प्रभावी है। स्कोर का कंपलीट वर्गीकरण मूल्य 0.800 था जबकि मूल स्कोर का मूल्य 0.797 था। वर्गीकरण यह दर्शाता है कि यह समीकरण कितनी अच्छी तरह से जोखिमी और गैर-जोखिमी व्यक्तियों को पहचान सकता है। यह परिणाम 0.7 से अधिक के मूल्य के बड़े हिस्से के तहत एक अच्छा मॉडल निर्दिष्ट करता है। वास्तविक हृदय रोग की दर और अनुमानित दर के बीच प्रायोगिक सामंजस्य अध्ययन के दोनों संस्करणों में मिलान करती है।
विविधता का प्रभाव और भविष्य की दिशा
शोधकर्ताओं के अनुसार, मॉडल विकसित करने के लिए विविध जनसंख्या का महत्व अत्यधिक है। डॉक्टर सदिया खान ने यह बताया कि जातीयता और नस्ल के बिना स्कोर को व्यापक बनाने की पहल अत्यधिक जरूरी है, जिससे यह हमारे समाज के विभिन्न वर्गों के लिए उपलब्ध हो सके।
इस प्रकार के अध्ययन यह साबित करते हैं कि हृदय रोग जैसे गंभीर मुद्दों पर जातीयता के स्थान पर अधिक वैज्ञानिक आधारों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। ऐसे संयोजन हमें आने वाले समय में और अधिक समावेशी और वैज्ञानिक रूप से सही पूर्वानुमान मॉडल प्रदान कर सकते हैं। इसके साथ ही, यह चिकित्सा क्षेत्र में सुधार की संभावनाओं के नए दरवाजे खोल सकता है। हृदय रोग के जोखिम की आशंका सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है और इस प्रकार के अनुसंधान चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को नई दिशा देने में समर्थ हो सकते हैं।