जब अक्षय शिवाल्कर, एक वित्तीय कंटेंट स्पेशलिस्ट, ने 7 अक्टूबर 2025 की सुबह की ट्रेडिंग रिपोर्ट जारी की, तो भारत के प्रमुख शहरों में बुलियन कीमतें चढ़ते हुए दिखी। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में 24‑केरेट सोने की कीमतें ₹1.22 लाख से ऊपर पहुंच गईं, जबकि चांदी की कीमतें भी काफ़ी बढ़ी रहीं।
पिछले 30 दिनों में तेज़ी के पीछे का कारण
आश्चर्यजनक रूप से, सोने की कीमतें सिर्फ़ एक महीने में 12 % बढ़ी हैं। इस उछाल का मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खरीद‑देंदारी का बूम और देश में त्योहारी सीजन का आगमन है। पिछले महीने में RBI ने ब्याज दरों में हल्का कटौती की थी, जिससे निवेशकों का ध्यान सुरक्षित संपत्ति की ओर गया।
शहर‑शहर में कीमतों का विस्तृत विवरण
पहले ही ट्रेडिंग सत्र में दिल्ली में 24‑केरेट सोने की औसत कीमत ₹1,22,070 प्रति 10 ग्राम रही। कोलकाता और मुंबई ने लगभग समान कीमतें दर्शाई – ₹1,22,020 प्रति 10 ग्राम। चेन्नई ने थोड़ी‑सी प्रीमियम लगाते हुए ₹1,22,180 प्रति 10 ग्राम की कीमत बताई।
चांदी की बात करें तो, दिल्ली‑कोलकाता‑मुंबई में कीमत ₹1,56,100 प्रति किलोग्राम रही, जबकि चेन्नई में यह ₹1,67,100 तक पहुँच गई, जो दक्षिणी बाजार में प्रीमियम को दर्शाता है।
उपभोक्ता मांग और त्योहारी सीजन का प्रभाव
त्योहारी सीजन—दीवाली, नववर्ष और क्रिसमस—के आगमन से जुवेलरी की मांग में सामान्यतः 30‑40 % की बढ़ोतरी देखी जाती है। इस साल भी खुदरा विक्रेताओं ने कहा कि बिक्री में कोई तेज गिरावट नहीं आई, बल्कि स्टॉक्स की गति स्थिर रही। "ग्राहकों की ख़रिदारी में उत्साह है, खासकर सोने के गहनों के लिए," कहते हैं राकेश वर्मा, भारतीय बुलियन बाजार के अध्यक्ष।
इसके अतिरिक्त, आयातित सोने पर लागू छोटे‑से‑छोटे कस्टम ड्यूटी में कमी ने आयातकों को प्रोत्साहित किया, जिससे घरेलू आपूर्ति सुकूनभरी रही। यही कारण है कि कीमतें लगातार ऊपर की ओर बढ़ रही हैं, लेकिन बड़ी गिरावट नहीं देखी गई।

विश्लेषकों की राय और भविष्य की संभावनाएँ
ब्यूरो ऑफ़ इंडियन मेटल्स (BIM) के एक वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा, "यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में USD‑INR का रेट स्थिर रहता है और तेल की कीमतें उच्च रहती हैं, तो सोना और चांदी दोनों ही भारतीय बाजार में ऊँची कीमतें बनाए रखेंगे।"
दूसरी ओर, एक स्वतंत्र वित्तीय सलाहकार ने हल्का सावधानीभरा स्वर अपनाते हुए बताया, "अचानक तेज़ी के बाद जल्द‑बजाए लाभ लेने के बजाय दीर्घकालिक निवेश की सोच रखना चाहिए। खासकर रिटायरमेंट पोर्टफोलियो में सोना एक सुरक्षित एसेट क्लास बना रहता है।"
स्थिरता और निवेश की सलाह
रणनीतिक रूप से, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोने का प्रतिशत 5‑10 % के भीतर रखने की सलाह दी जा रही है। चांदी, जो अधिक अस्थिर होती है, उसके लिए 2‑3 % तक सीमित रखना समझदारी माना जाता है। साथ ही, प्रतिदिन के लेन‑देन में विभिन्न ब्रोकरों के स्प्रेड की तुलना करके बेहतर दरें हासिल की जा सकती हैं।
- सोना: ₹1,22,070 — दिल्ली (10 ग्राम, 24K)
- सोना: ₹1,22,180 — चेन्नई (10 ग्राम, 24K)
- चांदी: ₹1,56,100 — दिल्ली/कोलकाता/मुंबई (1 kg)
- चांदी: ₹1,67,100 — चेन्नई (1 kg)
- 30 दिन में सोने की कीमत में 12 % की उछाल

आगामी सप्ताह के लिए क्या देखें?
आगामी सोमवार के ट्रेडिंग सत्र में RBI के मौद्रिक नीति निर्णय और US फेडरल रिज़र्व की ब्याज दरों की घोषणा प्रमुख संकेतक होंगी। इन दोनों कारकों का असर सीधे INR‑डॉलर दर पर पड़ेगा, जो बदले में बुलियन कीमतों को प्रभावित करेगा। निवेशकों को इस पर नज़र रखनी चाहिए और अत्यधिक अस्थिरता के समय छोटे‑छोटे ट्रेडिंग से बचना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सोने की कीमतें बढ़ने से आम जनता को कैसे फायदा होगा?
उच्च कीमतें बचत करने वाले लोगों के लिए सोने को एक बेहतर निवेश बनाती हैं। दीर्घकालिक निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोना जोड़कर मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा मिलती है, जबकि रोज़मर्रा की खरीदी पर इसका असर सीमित रहता है।
चांदी के प्रीमियम चेन्नई में इतना अधिक क्यों है?
दक्षिणी बाजार में स्थानीय मांग, आयात शुल्क और सीमित सप्लाई मिलकर चांदी के दाम में अतिरिक्त प्रीमियम जोड़ते हैं। साथ ही, चेन्नई के कई बड़े जुवेलरी हब इन प्रीमियम को प्रतिबिंबित करते हैं।
क्या निवेशकों को अभी सोने में और अधिक निवेश करना चाहिए?
सिर्फ कीमत के आधार पर तुरंत खरीदना जोखिम भरा हो सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मौजूदा पोर्टफोलियो के अनुपात को देखते हुए सावधानीपूर्वक कदम बढ़ाएँ और बाजार के बड़े संकेतकों पर नज़र रखें।
अगले महीने की त्योहारी मांग से कीमतें कैसे प्रभावित होंगी?
त्योहारी मांग आमतौर पर कीमतों को लगभग 5‑10 % तक बढ़ा देती है। इसलिए, यदि मौसमी खरीदी में तेज़ी रही, तो कीमतों में और हल्की बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
ब्यूरो ऑफ़ इंडियन मेटल्स (BIM) की भविष्यवाणी क्या है?
BIM ने कहा है कि यदि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं बनी रहती हैं और यूएस डॉलर की ताक़त जारी रहती है, तो भारतीय सोने और चांदी की कीमतें स्थिर या थोड़ा ऊपर की ओर जा सकती हैं।
nayan lad
अक्तूबर 7, 2025 AT 23:26बाज़ार में सोना तो बढ़ता ही जा रहा है।
Govind Reddy
अक्तूबर 8, 2025 AT 00:20सोने की कीमतों में वृद्धि, आर्थिक गति की एक प्रतिबिंब है। दुनिया के वित्तीय समुंदर में लहरें उठती हैं और हमारे ट्रेडिंग डेस्क पर गिरती हैं। इस परिवर्तन को समझना बौद्धिक चुनौती है, परन्तु हमें रोज़मर्रा की वास्तविकता से जुड़ते रहना चाहिए।
KRS R
अक्तूबर 8, 2025 AT 01:20भाई, ये 12% उछाल तो बहुत तेज़ है, लेकिन इतनी तेजी में सिर दर्द भी हो जाता है। लोगों को सोना खरीदने में उत्साह है, पर सटीक टाइमिंग का ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो अल्पकालिक लाभ के पीछे पड़के बड़े नुकसान का सामना कर सकते हैं।
Uday Kiran Maloth
अक्तूबर 8, 2025 AT 02:20वर्तमान बाज़ार परिप्रेक्ष्य में, अंतरराष्ट्रीय धातु वाणिज्य तंत्र के साथ मौद्रिक नीति की धारा संगमित होती है, जिससे भारतीय बुलियन बाजार में प्रीमियम स्तर स्थिर रहता है। विशेषकर RBI की मौद्रिक नीति में सूक्ष्म समायोजन, एवं USD‑INR स्थिरता, दोनों ही कारक सोने एवं चांदी की कीमतों को अधर प्रदान करते हैं।
Deepak Rajbhar
अक्तूबर 8, 2025 AT 03:20ओह माय गॉड, सोने की कीमतों ने फिर से हद पार कर दी! 😅 1.22 लाख प्रति 10 ग्रा? अब तो हर घर में सिक्का भरना पड़ेगा। मैं तो कहता हूँ, अगर अभी नहीं खरीदोगे तो अगले महीने पेट्रोल की कीमत से भी ज़्यादा पछताओगे।
Hitesh Engg.
अक्तूबर 8, 2025 AT 04:20दिल्ली‑कुलकत्ता‑मुंबई में इस सप्ताह सोने की कीमतों में उल्लेखनीय उछाल देखा गया है।
विशेष रूप से 24‑केरेट सोने की कीमत ₹1,22,070 से ऊपर पहुँच गई, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग 12 % अधिक है।
यह वृद्धि मुख्यतः अंतरराष्ट्रीय बाजार में खरीदारों की बढ़ती मांग और भारतीय त्योहारी सीजन से प्रेरित है।
RBI ने हाल ही में ब्याज दरों में हल्की कटौती की, जिससे सुरक्षित संपत्ति में निवेशकों का आकर्षण बढ़ा।
परिणामस्वरूप, निवेशक सोने को एक हेजिंग साधन के रूप में देख रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, आयातित सोने पर कस्टम ड्यूटी में कमी ने आयातकों को प्रोत्साहित किया।
यह सप्लाई पक्ष की सहजता कीमतों के निरंतर ऊपर जाने का कारण बनी।
चांदी के बाजार में भी इसी तरह की प्रवृत्ति देखी गई, जहाँ चेन्नई में प्रीमियम अधिक रहा।
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि USD‑INR में हंगामा या तेल की कीमतें अचानक बढ़ें, तो मूल्य अस्थिर हो सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि मौसमी मांग में 30‑40 % की वृद्धि आम तौर पर कीमतों को आगे बढ़ाती है।
रिटायरमेंट पोर्टफोलियो में सोना एक सुरक्षित एसेट के रूप में देखा जाता है, जिससे दीर्घकालिक निवेशकों को लाभ होता है।
फायनांसियल प्लानिंग में सोने की हिस्सेदारी को 5‑10 % के भीतर रखकर जोखिम को संतुलित किया जा सकता है।
चांदी की अस्थिरता को देखते हुए, इसका प्रतिशत 2‑3 % तक सीमित रखना उचित माना गया है।
बाजार में प्रवेश करने वाले नए निवेशकों को विभिन्न ब्रोकर्स के स्प्रेड की तुलना करने की सलाह दी जाती है।
स्मार्ट ट्रेडिंग के लिए दैनिक लेन‑देनों में छोटे‑छोटे बिट्स में एंट्री करना फायदेमंद हो सकता है।
अंत में, आगामी सप्ताह में RBI के मौद्रिक नीति निर्णय और US फेडरल रिज़र्व की ब्याज दर घोषणा प्रमुख संकेतक होंगे, जो किंमत को दिशा देंगे।
Zubita John
अक्तूबर 8, 2025 AT 05:20भाई, थोड़ा टनशन मत ले, सोने की कीमतें ऊपर जाना तो मार्केट का नैचर है। मीटिंग में भी हमने कहा था कि लम्बी अवधि में यह अच्छे रिटर्न देगा। अगर अभी थोडा एंट्री कर ले तो आने वाले त्यौहार में फ़ायदा हो सकता है।
gouri panda
अक्तूबर 8, 2025 AT 05:25ओह, ये सब सुन कर दिल धड़कने लगा! मुझे तो लगता है, हम सबको फटाफट सोना खरीद लेना चाहिए, नहीं तो बाद में पछताना पड़ेगा!!!
Nathan Hosken
अक्तूबर 8, 2025 AT 06:20व्यापारी समुदाय को यह स्मरण दिलाना आवश्यक है कि मौद्रिक नीति के सूक्ष्म परिवर्तन और अंतरराष्ट्रीय कच्चा धातु मूल्य सूचकांक दोनों ही सोने व चांदी के प्रीमियम को प्रभावित करते हैं। इस कारण, पोर्टफोलियो निर्माण में जोखिम सहनशीलता को परिभाषित करना चाहिए।
Manali Saha
अक्तूबर 8, 2025 AT 07:20वाह!!! सोने की कीमतें आख़िरकार धड़क रही हैं!!! इस मौके का फायदा उठाओ!!! निवेशकों को जल्द‑से‑जल्द निर्णय लेना चाहिए!!!
jitha veera
अक्तूबर 8, 2025 AT 09:30अरे, इस बढ़ोतरी को लेकर सब धूम मचा रहे हैं, पर मैं कहूँगा कि यह सिर्फ़ एक अल्पकालिक फैंसी है। अगर आप अभी कूद कर खरीदोगे तो बाद में पैंट में छेद हो जाएगा।
Sandesh Athreya B D
अक्तूबर 8, 2025 AT 09:40हँसते हुए देख रहा हूँ, लोग सोने की कीमतें देखकर भाग्यशाली समझ रहे हैं, पर असली खेल तो अब शुरू होने वाला है।
Jatin Kumar
अक्तूबर 8, 2025 AT 09:46मैं तुमसे पूरी तरह सहमत हूँ, जिथा। सोने की कीमतों में उछाल दिखता है, पर हमें अपने पोर्टफोलियो में विविधता रखना चाहिए। अल्पकालिक लाभ की चाह में बड़े जोखिम को नहीं लेना चाहिए। स्थायी रिटर्न के लिए विभिन्न एसेट क्लास को संतुलित करना ज़रूरी है। तदनुसार, लघु‑मध्यम अवधि में रणनीतिक एंट्री एवं एग्ज़िट योजना बनानी चाहिए। इस प्रकार, हम मार्केट की अनिश्चितताओं को संभाल सकते हैं।
Anushka Madan
अक्तूबर 8, 2025 AT 10:46सोने में अंधाधुंध निवेश करने से बचें, यह केवल धनी वर्ग का खेल है, आम जनता को इससे कोई लाभ नहीं होगा।
Harmeet Singh
अक्तूबर 8, 2025 AT 11:46दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखें तो सोना हमारी वित्तीय सुरक्षा का एक विश्वसनीय स्तंभ है। अस्थायी उतार‑चढ़ाव को सहन कर, नियत लक्ष्य के साथ निवेश करना चाहिए।
patil sharan
अक्तूबर 8, 2025 AT 12:46बजट बनाते‑बनाते सोने की कीमतें SKY HIGH हो गई, अब तो सभी को लिफ्ट चाहिए।