दुर्गापुर सांसद कीर्ति आजाद की पत्नी का निधन
दुर्गापुर-बर्दवान लोकसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस के नेता कीर्ति झा आजाद की पत्नी पूनम झा आजाद का सोमवार को उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया। पूनम आजाद पिछले कई सालों से गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं और उनका स्वास्थ्य लगातार खराब हो रहा था। उनके निधन की खबर से पूरे राजनीतिक और खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
कीर्ति झा आजाद ने सोशल मीडिया पर इस दुखद समाचार की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'मेरी अर्धांगिनी पूनम झा आजाद अब हमारे बीच नहीं रहीं। उन्होंने वर्षों तक बीमारी से जूझा और अब वह आखिरकार शांति को प्राप्त हुईं।' उनका यह संदेश लोगों के दिलों को छू गया और कई प्रमुख हस्तियों ने अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट कीं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से शोक संवेदना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूनम आजाद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा, 'पूनम आजाद एक साहसी महिला थीं जिन्होंने लंबे समय तक बीमारी से लड़ाई लड़ी। मैं कीर्ति आजाद और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।' ममता बनर्जी ने पूनम की देखभाल में कीर्ति आजाद और उनके परिवार के समर्पण की भी प्रशंसा की।
ममता बनर्जी ने अपने संदेश में पूनम आजाद के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और बताया कि कैसे उन्होंने अपनी बीमारी के बावजूद जीवन को अच्छे तरीके से जीने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि पूनम आजाद का साहस और जज्बा हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
अन्य राजनेताओं ने भी प्रकट की शोक संवेदना
पूनम आजाद के निधन पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'कीर्ति आजाद और उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। पूनम आजाद ने जिस तरह से बीमारी का सामना किया वह सचमें प्रेरणादायी है।' ओवैसी ने यह भी कहा कि इस दुख की घड़ी में वह कीर्ति आजाद और उनके परिवार के लिए भगवान से शक्ति और धैर्य की प्रार्थना करते हैं।
इसके अलावा कई अन्य प्रमुख राजनेताओं और क्रिकेट जगत से जुड़े लोगों ने भी अपने शोक संदेश भेजे। इन सबने पूनम आजाद की जीवटता और साहस को सराहा और कहा कि उनकी याद हमेशा के लिए हमारे दिलों में बनी रहेगी।
पूनम आजाद के जीवन की झलक
पूनम आजाद का जीवन संघर्षों और साहस से भरा हुआ था। उन्होंने ज़िंदगी के हर मुश्किल दौर का सामना मजबूती से किया। चाहे वह कीर्ति आजाद के राजनीतिक करियर में उनका साथ हो या फिर घरेलू जीवन में उनके कर्तव्यों का पालन करना, पूनम ने हर भूमिका बखूबी निभाई।
उनके करीबी बताते हैं कि पूनम बेहद संवेदनशील और मजबूत महिला थीं। उन्होंने अपने परिवार और मित्रों को हमेशा समर्थन दिया और मुश्किल समय में भी किसी का मनोबल टूटने नहीं दिया।
पूनम का निधन न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि उन सबके लिए बड़ी क्षति है जो उनसे जुड़े हुए थे। उनकी जिंदादिली और जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण को हमेशा याद रखा जाएगा।
बीमारी से संघर्ष
पिछले कुछ वर्षों में पूनम आजाद गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनकी शारीरिक स्थिति और भी खराब होती गई। इसके बावजूद, उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और हर पल को पूरी तरह से जिया। कीर्ति आजाद और उनके परिवार ने भी उनकी देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी और पूरी तन्मयता से उनका ख्याल रखा।
इस मुश्किल वक्त में कीर्ति आजाद ने पूनम के साथ बिताए हर पल को संजो कर रखा और उनका हौंसला बढ़ाते रहे। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी पूरी मदद की और हर संभव प्रयास किया कि पूनम को किसी भी तरह की तकलीफ न हो।
आखिरकार, इस लंबी लड़ाई के बाद पूनम ने हमेशा के लिए आंखें मूंद लीं। उनके निधन से परिवार और मित्रों में शोक की लहर है।
शोक सभाएं और अंतिम संस्कार
पूनम आजाद के अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा चुकी हैं। परिवार ने इस बात की पुष्टि की है कि अंतिम संस्कार में केवल नजदीकी रिश्तेदार और मित्र ही शामिल होंगे।
उनकी आत्मा की शांति के लिए कई जगहों पर शोक सभाएं भी आयोजित की जा रही हैं। पूनम आजाद के निधन को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
बनर्जी ने भी अपने संदेश में लोगों से आग्रह किया है कि वे इस दुखद घड़ी में आजाद परिवार का साथ दें और उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से सहयोग करें।
पूनम की यादें और विरासत
पूनम आजाद को उनके परिवार ने हमेशा याद रखा जाएगा। उनका संघर्ष, उनका साहस और उनकी जिंदादिली हमेशा उनके प्रियजनों के दिलों में जिंदा रहेगी। पूनम ने अपने पीछे खुशियों और यादों का एक बडा खजाना छोड़ा है, जिसे उनके परिवार और मित्र हमेशा संजो कर रखेंगे।
इस कठिन समय में, कीर्ति आजाद और उनका परिवार पूनम की यादों में ही अपनी संजीवनी खोज रहे हैं। उनकी यादें ही अब उनके परिवार के लिए एक बड़ा सहारा हैं।
आशा है कि पूनम आजाद की आत्मा को शांति मिले और उनका परिवार इस कठिन दौर को पार कर सके।