गृह हिंसा पर आधारित फिल्म 'इट एंड्स विथ अस' की मार्केटिंग में विवाद

गृह हिंसा पर आधारित फिल्म 'इट एंड्स विथ अस' की मार्केटिंग में विवाद

गृह हिंसा पर आधारित फिल्म 'इट एंड्स विथ अस' की मार्केटिंग में विवाद

फिल्म 'इट एंड्स विथ अस' ने अपने रिलीज के बाद से ही कई विवाद खड़े कर दिए हैं। कोलीन हूवर की बेस्टसेलर नॉवेल पर आधारित यह फिल्म, जिसमें ब्लेक लाइवली और जस्टिन बाल्डोनी मुख्य भूमिकाओं में हैं, न केवल दर्शकों बल्कि आलोचकों की भी निगाह में आई है। फिल्म के मार्केटिंग और वितरण को लेकर जिस तरह की समीक्षाएं आ रही हैं, उससे स्पष्ट होता है कि फिल्म ने गंभीर मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया।

फिल्म की कहानी और पात्र

फिल्म की कहानी और पात्र

इस फिल्म की कहानी लिली ब्लूम के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक युवा महिला है और जिसने अपना जीवन कठिन परिस्थितियों में बिताया है। बस्तु में नई जिंदगी शुरू करने के बाद, वह न्यूरोसर्जन राइल किनकइड से मिलती है और उनके बीच प्रेम संबंध बनता है। हालांकि, लिली के लिए चीजें उतनी सरल नहीं हैं। राइल के साथ उसके रिश्ते में सज्जनता के स्थान पर हिंसा और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है, जो इस फिल्म के प्रमुख विषयों में से एक है।

फिल्म फ्लैशबैक का उपयोग करते हुए लिली के पिछले जीवन की झलक दिखाती है, जहां उसका सामना उसके पिता के दुर्व्यवहार और उसके पहले प्रेम एटलस कोरिगन से होता है। ये फ्लैशबैक फिल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे दर्शकों को लिली की भावनात्मक और मानसिक स्थिति को समझने में मदद मिलती है।

फिल्म की मार्केटिंग को लेकर विवाद

फिल्म की मार्केटिंग को लेकर विवाद

फिल्म 'इट एंड्स विथ अस' की मार्केटिंग को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह उठाया जा रहा है कि फिल्म ने गृह हिंसा जैसे गंभीर विषय को किस तरह प्रस्तुत किया है। कई आलोचकों का मानना है कि फिल्म की मार्केटिंग में इस गंभीर विषय पर जोर नहीं दिया गया है। फिल्म को अधिकतर रोमांटिक ड्रामा के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जबकि इसके विषय में गहराई से घरेलू हिंसा का मुद्दा शामिल है।

चरित्र विकास की कमी

फिल्म की आलोचना इस बात के लिए भी की जा रही है कि इसमें पात्रों के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया है। लिली और राइल के बीच के रिश्ते को उखाड़ फेंकने वाले क्षण बहुत तेजी से आते हैं, जिससे पात्रों के जीवन और उनके दर्द को गहराई से समझने का अवसर नहीं मिलता। यह भी कहा जा रहा है कि फिल्म में एक घटना से दूसरे घटना की ओर बढ़ने की जल्दबाजी ने इसे भावुक रूप से कमजोर बना दिया है।

फिल्म के सकारात्मक पक्ष

फिल्म के सकारात्मक पक्ष

हालांकि, फिल्म में कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं। ब्लेक लाइवली और जस्टिन बाल्डोनी ने अपने अभिनय से फिल नामक पात्रों में जान फूंक दी है। उनके अभिनय ने कुछ हद तक फिल्म के कमजोर पहलुओं को छुपा लिया है। इसके अलावा, फिल्म की तकनीकी गुणवत्ता, जैसे सिनेमेटोग्राफी और संगीत, भी प्रशंसा के काबिल हैं।

भविष्य की उम्मीदें

फिल्म 'इट एंड्स विथ अस' के सामने आने वाली प्रतिक्रियाओं को देखते हुए, यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में इस तरह के गंभीर मुद्दों पर आधारित फिल्मों को अधिक ध्यान और गंभीरता के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। फिल्मों का समाज पर गहरा प्रभाव होता है, और ऐसे मुद्दों को सही रूप में प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी फिल्म निर्माताओं की होती है।

11 Comments

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    fathima muskan

    अगस्त 10, 2024 AT 13:32
    ये फिल्म तो सिर्फ गृह हिंसा का नाटक नहीं, बल्कि मार्केटिंग वालों का बड़ा सा कॉन्सपिरेसी था। रोमांटिक ड्रामा बनाकर लोगों को फंसाया गया, जबकि असली कहानी तो एक बच्ची का टूटा हुआ दिल था। अब तो हर फिल्म इसी तरह ट्रेंड के नाम पर जानलेवा मुद्दों को बेच रही है।
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    Devi Trias

    अगस्त 12, 2024 AT 12:58
    फिल्म के संदर्भ में, गृह हिंसा के प्रतिनिधित्व का विषय अत्यंत संवेदनशील है। यदि इसे रोमांटिक ड्रामा के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, तो यह शायद शिक्षात्मक उद्देश्य को असफल बना देता है। निर्माताओं को इस तरह के विषयों के साथ अधिक सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि दर्शकों को सही संदेश मिल सके।
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    Kiran Meher

    अगस्त 13, 2024 AT 11:42
    भाई ये फिल्म तो दिल को छू गई असली जिंदगी की कहानी है और ब्लेक लाइवली ने तो जान निकाल दी अपने अभिनय से। राइल का किरदार भी बहुत गहरा था बस थोड़ा जल्दी बता दिया गया लेकिन फिर भी दिल दहल गया इसके बाद और भी ऐसी फिल्में बनो यार
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    Tejas Bhosale

    अगस्त 14, 2024 AT 01:48
    इस फिल्म में नैरेटिव लॉजिक का डिसोनेंस है। ट्रॉमा के रिप्रेजेंटेशन को सिम्बोलिक रोमांस के लेयर में डाल दिया गया जिससे इमोशनल अर्ग्यूमेंट कमजोर हो गया। ये नहीं कि फिल्म बुरी है बल्कि इसका फ्रेमवर्क अप्रॉप्रिएट है।
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    Asish Barman

    अगस्त 15, 2024 AT 17:05
    कोई गृह हिंसा नहीं हुई बस एक लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड से झगड़ा किया और लोग इसे बड़ी बात बना रहे हैं। फिल्म तो ठीक है पर आप लोग इतना ड्रामा क्यों कर रहे हो? असली दुनिया में लोग तो अपने घरों में भी चुपचाप रहते हैं बिना फिल्म बनाए।
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    Abhishek Sarkar

    अगस्त 17, 2024 AT 10:24
    ये सब एक बड़ा ऑपरेशन है। फिल्म के माध्यम से एक ऐसी नैरेटिव को बनाया जा रहा है जो आम आदमी को गृह हिंसा के बारे में भ्रमित करे। ये फिल्म निर्माता और मीडिया के बीच एक गुप्त समझौता है जिसका उद्देश्य लोगों को डराना और फिर उन्हें एक निश्चित दिशा में ले जाना है। ये सब नियंत्रण की योजना है।
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    Niharika Malhotra

    अगस्त 18, 2024 AT 17:31
    मुझे लगता है कि फिल्म ने एक बहुत ही जटिल विषय को एक अच्छा शुरुआती बिंदु दिया है। अगर ये फिल्म किसी के लिए एक बात चीत का अवसर बन गई तो ये सफलता है। अगर हम इसे देखकर अपने आसपास के लोगों के बारे में सोचने लगे तो ये फिल्म ने अपना काम कर लिया।
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    Baldev Patwari

    अगस्त 20, 2024 AT 01:31
    ब्लेक लाइवली तो बहुत अच्छी है पर फिल्म का निर्देशन बर्बर था। जस्टिन बाल्डोनी का किरदार तो एक असली गैंगस्टर लग रहा था जो बाहर से अच्छा दिखता है। इस तरह की फिल्मों को बनाने से पहले निर्माताओं को एक थेरेपिस्ट के साथ बैठना चाहिए।
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    harshita kumari

    अगस्त 22, 2024 AT 00:43
    हर फिल्म अब इसी तरह गृह हिंसा के नाम पर बन रही है लेकिन क्या किसी ने कभी सोचा कि इसके पीछे कौन है? ये सब एक बड़ा बिजनेस है जिसमें बैंक और स्टूडियो शामिल हैं। लोगों को भावुक करने के लिए उनके दर्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। असली बात ये है कि हम अपनी खुद की जिंदगी में इस तरह के मुद्दों को नहीं देख रहे।
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    SIVA K P

    अगस्त 23, 2024 AT 16:52
    तुम सब इतना ड्रामा क्यों कर रहे हो? फिल्म बस एक फिल्म है और अगर तुम्हें लगता है कि इसमें गृह हिंसा का जिक्र है तो तुम बहुत ज्यादा सोच रहे हो। ये तो बस एक रोमांटिक ड्रामा है और तुम इसे एक सामाजिक बयान बना रहे हो। बस इतना ही।
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    Neelam Khan

    अगस्त 23, 2024 AT 21:00
    इस फिल्म ने बहुत सारे लोगों को बात करने का मौका दिया। अगर एक भी आदमी या औरत इस फिल्म के बाद अपने घर में किसी की मदद के लिए बाहर आया तो ये फिल्म ने जीत ली। हमें इस तरह की फिल्मों को अपनाना चाहिए और उन्हें जगह देनी चाहिए।

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