कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद बस दुर्घटना में 9 लोगों की मौत
रविवार को भारतीय प्रशासित कश्मीर के रिआसी जिले में, एक बस पर हुए संदिग्ध हमले के कारण कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। यह दर्दनाक घटना तब हुई जब बस हिंदू तीर्थयात्रियों को लेकर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल से लौट रही थी। पुलिस अधिकारियों ने इस हमले की जानकारी दी और बताया कि आतंकवादियों ने बस पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिससे बस गहरी खाई में गिर पड़ी।
हमले का पूरा घटनाक्रम
रिआसी जिले के पुलिस प्रमुख मोहिता शर्मा ने बताया कि घटना के समय बस माता वैष्णो देवी मंदिर से तल्यात्रियों को लेकर लौट रही थी। अचानक, आतंकवादियों ने बस को घेर लिया और उस पर गोलियों की बौछार कर दी। गोलीबारी के बाद बस नियंत्रण खो बैठी और खाई में जा गिरी। स्थानीय पुलिस और बचाव दल जल्दी से घटना स्थल पर पहुंच गए और सभी घायल लोगों को बचाने का काम शुरू किया। घायलों को नारायण अस्पताल और रिआसी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।
जिम्मेदारी की अब तक नहीं आई पुष्टि
इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाला कोई संगठन अभी तक सामने नहीं आया है। हालांकि, यह क्षेत्र लंबे समय से आतंकवाद और हिंसा से ग्रस्त रहा है। 1989 से शुरू हुए सशस्त्र विद्रोह के कारण हजारों लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि हाल के वर्षों में हिंसा में कमी आई है, लेकिन अब भी कभी-कभी ऐसे हमले होते रहते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस हमले के बाद भारतीय विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना को 'घिनौना आतंकवादी हमला' बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर आरोप लगाया कि वे क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति बनाए रखने में असफल रहे हैं।
इलाके में हालात
हालांकि, 2019 में मोदी सरकार द्वारा कश्मीर की सीमित स्वायत्तता को समाप्त किए जाने के बाद से हिंसा और भारत-विरोधी प्रदर्शनों में काफी कमी आई है। पुलिस प्रमुख आरआर स्वैन ने हाल ही में बताया कि क्षेत्र में स्थानीय लड़ाकों की संख्या घट गई है, लेकिन 70-80 विदेशी लड़ाके अभी भी सक्रिय हैं।
इसके साथ ही, क्षेत्र में हाल ही में हुए आम चुनाव में 58.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो पिछले 35 वर्षों में सबसे अधिक है।
समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय समुदाय इस घटना से चौंक गया है और उन परिवारों को सहानुभूति प्रकट की है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। घटना ने सुरक्षा के मामले में भी कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं और लोगों में खौफ का माहौल बनाया है।
कश्मीर में हिंसा और आतंक के दौर के बाद न केवल स्थानीय बल्कि बाहरी लोगों को भी इस खूबसूरत स्थल पर जाने में डर लगने लगा है।
निष्कर्ष
इस हमले ने एक बार फिर से आतंकवाद की भयावहता और इंसानी जिंदगियों पर इसके प्रभाव को उजागर किया है। आवश्यक है कि शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सभी संबंधित पक्ष मिलकर काम करें और आतंकवादी गतिविधियों को समाप्त करें। हम उम्मीद करते हैं कि घायल लोग जल्दी स्वस्थ हो जाएं और मृतकों के परिवारों को यह सवेदनशील समय पार करने की शक्ति मिले।