मिथुन चक्रवर्ती को मिला 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के सम्मान

मिथुन चक्रवर्ती को मिला 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के सम्मान

मिथुन चक्रवर्ती को मिला दादा साहेब फाल्के सम्मान

भारतीय सिनेमा के अनुभवी अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में वर्ष 2022 के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है और इसे भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। इस वर्ष यह सम्मान मिथुन चक्रवर्ती को उनके चार दशक लंबे करियर और उनकी यादगार फिल्मों के लिए दिया गया है।

मिथुन चक्रवर्ती का अभिनय करियर

मिथुन चक्रवर्ती ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1976 में फिल्म 'मृगया' से की थी। इस फिल्म में उनके अभिनय ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्में दीं, जिनमें 'डिस्को डांसर', 'साहेब', 'प्यार झुकता नहीं', 'अग्निपथ', 'डांस डांस' और 'प्रेम प्रतिज्ञा' शामिल हैं। उनके अभिनय का जादू दर्शकों पर इस कदर छाया कि उन्हें 'डांसिंग स्टार' और 'डिस्को किंग' के नाम से जाना जाने लगा।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार का महत्व

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है, जो भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के की स्मृति में दिया जाता है। इसे भारत सरकार द्वारा 1969 में शुरू किया गया था और तब से लेकर अब तक यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के तमाम दिग्गजों को दिया गया है। इस पुरस्कार में स्वर्ण कमल (गोल्डन लोटस) पदक, 10 लाख रुपये की नकद राशि और एक शॉल प्रदान किया जाता है।

पुरस्कार समारोह की चमक

पुरस्कार वितरण समारोह 30 सितंबर, 2024 को भव्य तरीके से आयोजित किया गया। इस दौरान फिल्म जगत की कई हस्तियां मौजूद थीं और सभी ने मिथुन चक्रवर्ती को इस सम्मान के लिए बधाई दी। यह पुरस्कार उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री के हाथों सौंपा गया। मिथुन चक्रवर्ती ने इस सम्मान को पाकर गर्व और खुशी जाहिर की और अपने विमल, सजीव, और गतिशील करियर पर प्रकाश डाला।

मिथुन चक्रवर्ती की प्रतिक्रिया

इस खास मौके पर मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मुझे दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर, मैं बहुत गर्व और खुशी महसूस कर रहा हूँ। यह सम्मान मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मैं इस सम्मान को अपने सभी प्रशंसकों और परिवार को समर्पित करता हूँ, जिनके सहयोग और प्यार के बिना यह मुमकिन नहीं था।' उन्होंने आगे कहा कि इस पुरस्कार ने उनकी जिम्मेदारी को और बढ़ा दिया है और वे भविष्य में भी सिनेमा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखेंगे।

फिल्म जगत की प्रतिक्रिया

मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने पर फिल्म जगत में खुशी की लहर दौड़ गई। कई बड़े कलाकारों और निर्देशकों ने उनके इस सम्मान पर खुशी जाहिर की और उन्हें बधाई दी। बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र ने कहा, 'मिथुन एक महान कलाकार हैं और उन्होंने भारतीय सिनेमा में जो योगदान दिया है, उसके लिए यह सम्मान उनके लिए बिल्कुल सही है।' अभिनेत्री रेखा ने कहा, 'मिथुन दा ने हमें सिनेमा की दुनिया में कई यादगार पल दिए हैं। उनका यह सम्मान भारतीय सिनेमा के लिए गर्व की बात है।'

मिथुन चक्रवर्ती का निजी जीवन

मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1952 को कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। वे एक साधारण परिवार से आते हैं और उनका बचपन कठिनाइयों से भरा रहा है। मिथुन ने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से अपनी पढ़ाई की और फिर भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) से अभिनय में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

मिथुन का सिनेमा में योगदान

मिथुन चक्रवर्ती ने न केवल हिंदी बल्कि बंगाली, ओड़िया, भोजपुरी और तमिल फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने अपने अभिनय के जरिए विभिन्न भाषाओं के दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। उनके अभिनय में विविधता और गहराई थी, जिसने उन्हें भारतीय सिनेमा का एक कालजयी अभिनेता बना दिया।

मिथुन की सामाजिक सेवा

मिथुन चक्रवर्ती सिनेमा के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं। वे कई समाजसेवी संगठनों के साथ जुड़े हुए हैं और गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते रहते हैं। उन्होंने कई बार अपने अभिनय की फीस दान में दे दी है और समाजसेवा में अपनी हिस्सेदारी निभाई है।

भविष्य की योजनाएं

मिथुन चक्रवर्ती ने इस अवसर पर अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि वे अब नए और उभरते हुए कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए काम करेंगे और नई प्रतिभाओं को मौका देने के लिए संघर्ष करेंगे। वे नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं और जल्द ही वे अपने चाहने वालों के सामने नए रूप में नजर आने वाले हैं।

समारोह की खास बातें

पुरस्कार वितरण समारोह की खास बात यह रही कि मिथुन चक्रवर्ती के परिवार के सभी सदस्य इस मौके पर उपस्थित थे। उनके बेटे मिमोह और नमाशी ने अपने पिता को यह सम्मान मिलते देखा और गर्व महसूस किया। समारोह में मिथुन चक्रवर्ती के पुराने दोस्तों और सहकर्मियों ने भी हिस्सा लिया और उन्हें बधाई दी।

मिथुन चक्रवर्ती का यह सम्मान भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ता है। उनके अभिनय और उनकी फिल्मों ने करोड़ों दर्शकों का मनोरंजन किया है और उन्हें भारतीय सिनेमा का अविस्मरणीय चेहरा बना दिया है। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद मिथुन चक्रवर्ती का नाम भारतीय सिनेमा के महान दिग्गजों में शामिल हो गया है।

इस समारोह के साथ ही मिथुन चक्रवर्ती के प्रशंसक भी उनके इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं। यह पुरस्कार न केवल मिथुन चक्रवर्ती के अभिनय के प्रति समर्पण को मान्यता देता है, बल्कि भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान को भी सलाम करता है।

10 Comments

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    Rohit Roshan

    अक्तूबर 2, 2024 AT 00:35
    वाह! मिथुन दा को ये सम्मान मिलना बिल्कुल लायक है। उनकी फिल्में तो अभी भी घरों में चलती हैं। 😊
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    arun surya teja

    अक्तूबर 2, 2024 AT 11:42
    दादा साहेब फाल्के पुरस्कार एक ऐसा सम्मान है जो केवल उन्हीं को मिलता है जिन्होंने भारतीय सिनेमा के आधार को मजबूत किया है। मिथुन चक्रवर्ती ने अभिनय की दुनिया में एक नया मानक स्थापित किया है।
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    Jyotijeenu Jamdagni

    अक्तूबर 3, 2024 AT 16:56
    मिथुन दा का डिस्को फेज़ तो जिंदगी बदल गया था ना? पहले लोग सोचते थे ये तो बस डांस करते हैं, फिर अग्निपथ आया और सबके मुँह बंद हो गए। ये आदमी तो एक जिंदा क्लासिक है। 🤯
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    navin srivastava

    अक्तूबर 4, 2024 AT 05:55
    अब ये सब फिल्मी नेता को पुरस्कार देते हैं तो असली काम करने वाले कलाकार क्या हो गए? इनके जमाने में तो अभिनेता बिना गाने के भी जीतते थे। आज तो जिसका बॉडीगार्ड बड़ा है उसे पुरस्कार मिलता है।
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    Aravind Anna

    अक्तूबर 6, 2024 AT 00:26
    मिथुन चक्रवर्ती ने बंगाली फिल्मों में भी ऐसे अभिनय किए कि दिल दहल गया। उनकी आवाज़, उनका अंदाज़, उनका जुनून - ये सब कुछ एक साथ था। ये पुरस्कार सिर्फ उनके लिए नहीं, भारतीय सिनेमा के लिए है। 🇮🇳
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    Rajendra Mahajan

    अक्तूबर 7, 2024 AT 18:46
    क्या हम भूल गए कि मिथुन चक्रवर्ती ने एक छोटे से परिवार से शुरुआत की थी? बिना किसी फैमिली बैकग्राउंड के, बिना किसी लिंक के, बस अपने अभिनय के जरिए दुनिया को रोक दिया। ये ही असली भारतीय सपना है।
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    ANIL KUMAR THOTA

    अक्तूबर 9, 2024 AT 15:38
    मिथुन दा की फिल्में तो अभी भी टीवी पर चलती हैं और लोग उन्हें देखकर बातें करते हैं। ये तो असली स्टार हैं जिन्हें न तो ट्रेंड्स चाहिए और न ही सोशल मीडिया।
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    VIJAY KUMAR

    अक्तूबर 11, 2024 AT 10:28
    अरे यार ये सब तो बस एक बड़ा राजनीतिक प्रोपेगेंडा है। अब तो जो भी बोलता है उसे दादा साहेब फाल्के दे देते हैं। जब तक ये सरकार बनी रहेगी तब तक ये सम्मान बस एक गैर-प्रामाणिक ट्रोफी बन जाएगा 😒👑
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    Manohar Chakradhar

    अक्तूबर 12, 2024 AT 03:11
    मिथुन दा के बारे में बात करने के लिए एक दिन भी काफी नहीं है। उन्होंने जो भी फिल्म की वो एक अलग अनुभव था। उनके बिना भारतीय सिनेमा का जीवन अधूरा है। और हाँ, अब नए लोगों को मौका देने का वादा किया है - ये तो असली नेता हैं।
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    LOKESH GURUNG

    अक्तूबर 12, 2024 AT 17:36
    अरे भाई ये तो बस अभिनय का बादशाह है। जब तक मिथुन चक्रवर्ती ने अभिनय किया तब तक बॉलीवुड में असली भावना थी। आज के नवाचारी नायकों को ये सम्मान देकर उनका दिल भी नहीं बदलेगा। ये तो एक लेजेंड है। 🙌🔥

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