NEET-UG 2024 विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी चेतावनी के साथ मांगे जवाब

NEET-UG 2024 विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी चेतावनी के साथ मांगे जवाब

NEET-UG 2024 परीक्षा विवाद पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 के प्रवेश परीक्षा परिणामों को रद्द करने की याचिका पर केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में पेपर लीक के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि इससे परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से पूछा है कि इस मामले में उचित कार्रवाई क्यों नहीं की गई है और इस संदर्भ में उत्तर दिये जाएं।

पेपर लीक के आरोप और याचिका के प्रमुख बिंदु

याचिकाकर्ताओं, जो कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के हैं, ने दावा किया है कि परीक्षा में कई विसंगतियाँ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ छात्रों को विशेष छूट दी गई है और इसके अलावा अंकों में भी अजीबोगरीब अंतर देखने को मिला है। यह आरोप लगाए गए हैं कि कई छात्रों के अंक सांख्यिकीय दृष्टिकोण से असंभव हैं। इस संदर्भ में परीक्षा की उत्तीर्णता के लिए कोई स्पष्ट और तार्किक कारण नहीं बताया गया है।

याचिका में यह भी बताया गया है कि NTA द्वारा जारी की गई अस्थायी उत्तर कुंजी को 13,000 से अधिक छात्रों ने चुनौती दी थी। चिकित्सा परीक्षाओं में धोखाधड़ी का उल्लेख किया गया है जो छात्रों की आवधिकताओं पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है और मरीजों की जान खतरे में डाल सकती है।

काउंसलिंग पर सुप्रीम कोर्ट का रुख

सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि वह NEET-UG 2024 की काउंसलिंग प्रक्रिया को जारी रहने देगा, लेकिन मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी जिसे एक अन्य समान याचिका के साथ सुना जाएगा। जबकि NTA ने पहले ही 1,600 छात्रों के शिकायतों का विश्लेषण करने के लिए एक उच्च प्रवर्तित समिति बनाई है।

याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि 5 मई को हुई परीक्षा के अंकों को रद्द किया जाए और पुनः परीक्षा आयोजित की जाए। यह मामला इन दिनों बड़ी ध्यानाकर्षण का केंद्र बन गया है क्योंकि यह केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात नहीं है, बल्कि परीक्षाओं की पवित्रता और विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रक्रियाओं की निष्पक्षता भी सवालों के घेरे में है।

परीक्षा की पवित्रता बनाए रखने का मुद्दा

परीक्षा की पवित्रता बनाए रखने का मुद्दा

इस विवाद ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या हमारे शिक्षा तंत्र की परीक्षाएं वास्तव में निष्पक्ष और पवित्र हैं। एक ओर जहां छात्र अपने भविष्य के लिए इन परीक्षाओं पर निर्भर रहते हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे आरोप उनकी मेहनत पर अनैतिक प्रभाव डालते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस कदम ने यह स्पष्ट किया है कि परीक्षा प्रणाली की सच्चाई और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए तत्पर कार्रवाइयां जरूरी हैं।

यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चिकित्सा उम्मीदवारों के भविष्य से संबंधित है, जो अंततः समाज की स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पेपर लीक जैसी घटनाएं इस गंभीरता को और बढ़ा देती हैं।

कोर्ट का कड़ा रुख और आगे की कार्रवाई

कोर्ट का कड़ा रुख और आगे की कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट ने NTA और केंद्र से इस संदर्भ में स्पष्ट और सटीक उत्तर की मांग की है। यह केस अब केवल एक परीक्षा विवाद नहीं रहा बल्कि यह हमारे शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता की परख का मामला बन गया है। आगे आने वाले दिनों में कोर्ट के अपहल और कार्रवाईयों पर सबकी नजरें तिकी रहेंगी।

अंततः, यह हमारे समाज के उन मूल्यों की बात करती है जिसके आधार पर हम शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र मानते हैं। यह सुनिश्चित करना कि हम इस प्रणली की पवित्रता को कायम रखते हैं, हमारा सबसे बड़ा दायित्व है।

7 Comments

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    vamsi Krishna

    जून 12, 2024 AT 02:20
    ye sab toh bas drama hai... paper leak? kya abhi bhi aise cheezein hoti hain? koi nahi dekhta, koi nahi sambhalta, bas exams ke baad bolne lage... pata hai kaise hota hai? sabko pata hai, par koi kuch nahi karta.
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    Narendra chourasia

    जून 12, 2024 AT 04:20
    NTA??!! NTA ke saamne kya hai??!! Ye log toh bas apne pocket mein paisa daalne ke liye banae gaye hain!! 13,000+ complaints aur phir bhi kuch nahi hua??!! Yeh system toh peda hi ganda hai!! Abhi tak counselling chal rahi hai??!! Kya tum log sochte ho ki yeh bachche kya risk le rahe hain??!! Yeh sirf exam nahi hai - yeh zindagi hai!!
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    Mohit Parjapat

    जून 13, 2024 AT 10:19
    Bhaiya, yeh sab India ka swabhav hai!! 🇮🇳🔥 Paper leak? Haan bhai, lekin abhi tak koi minister ne apna ghar nahi chhodha!! Yeh sab kuchh 'democracy' ka naam hai, par asliyat mein 'chaos' hai!! Abhi tak NTA ka CEO bhi nahi resign kiya?!! Kya yeh system hai ya koi cartoon?!! 🤡😂
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    vishal kumar

    जून 14, 2024 AT 17:02
    The integrity of merit-based systems is foundational to social contract. When procedural legitimacy is compromised, the moral authority of the state is eroded. The court’s intervention is not merely procedural; it is ontological. The absence of accountability constitutes systemic failure.
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    Oviyaa Ilango

    जून 16, 2024 AT 15:01
    The judiciary must act decisively. Any delay undermines public trust. The NTA has failed. The state must be held responsible. No compromises.
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    Aditi Dhekle

    जून 16, 2024 AT 23:04
    The structural inequities embedded in NEET’s architecture are now being exposed through the lens of statistical anomalies. The cognitive load on aspirants from marginalized backgrounds is exacerbated by opaque evaluation mechanisms. This isn’t just a leak - it’s a manifestation of epistemic violence in credentialing systems.
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    Aditya Tyagi

    जून 17, 2024 AT 10:23
    Logon ko pata hai sab kuchh jhootha hai, phir bhi koi kuchh nahi bolta. Maine apne bhai ko dekha hai - 2 saal padha, 1000+ ghante, aur phir bhi uska rank kuchh bhi nahi... aur kisi ke paas 100000+ marks? Bhai, yeh system toh kharab hai. Koi bhi ismein nahi jayega, phir bhi sab log jaa rahe hain. Kya karein?

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