नेटफ्लिक्स की वाइल्ड वाइल्ड पंजाब: एक समीक्षात्मक दृष्टिकोण
नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज हुई 'वाइल्ड वाइल्ड पंजाब' का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। इस फिल्म में वरुण शर्मा, सनी सिंह और मंजोत सिंह ने प्रमुख भूमिका निभाई है। इस फिल्म के निर्माता लव रंजन हैं, जिन्होंने पहले 2015 में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया था। परंतु इस फिल्म की शुरुआत और इसके विचार की पूरी क्षमता को अंत तक महसूस नहीं किया जा सका।
कहानी और पटकथा
इस फिल्म की कहानी पंजाब के एक छोटे से गाँव पर आधारित है, जहाँ तीन युवक किसी बड़ी योजना में फंस जाते हैं। फिल्म में कुछ हल्के-फुल्के और मजेदार पल जरूर हैं, लेकिन अधिकांश समय यह कथा क्लिशे और स्टीरियोटाइप्स का शिकार हो जाती है। फिल्म की पटकथा में कोई विशेषता नहीं दिखी जिससे उसे यादगार बनाया जा सके।
अभिनय
वरुण शर्मा ने अपने पुराने किरदारों की तरह ही यहां भी वही पुरानी कॉमेडी करने की कोशिश की है, जो अब उतनी ताज़गीभरी नहीं लगती। मंजोत सिंह और सनी सिंह ने भी अपने हिस्से के काम को निभाने की कोशिश की, लेकिन उनके किरदारों की गहराई में कोई कमी रह गई। चुनौतीहीन किरदारों और कमजोर संवादों के बीच, उनका प्रदर्शन बेदम दिखाई दिया।
फिल्म की विभिन्न समीक्षाएं
यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म को मिली प्रतिक्रिया मिलीजुली रही है। जबकि कुछ लोग इसे मनोरंजक मानते हैं, कई आलोचक इसे कमजोर और निराशाजनक बताते हैं। फिल्म की रिलीज पर महत्वपूर्ण समीक्षाओं में इसे युवा दर्शकों को लुभाने की कोशिश लेकिन इसे सही से अंजाम देने की कमी बताया गया।
हास्य और सामग्री
फिल्म का हास्य वही पुराना और घिसापिटा है, जो अब दर्शकों को बोर कर रहा है। फिल्म में बेवजह के शोर और बिना किसी विशेष कारण के मजाक बहुतायत में हैं। यह इस फिल्म को बचाने में नाकाम रहती है। फिल्म की समीक्षा के दौरान यह ध्यान में आता है कि इसकी अधिकांश सामग्री दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरती।
संगीत और निर्देशन
फिल्म के संगीत और निर्देशन के पहलू पर गौर करें तो संगीत कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ता। निर्देशन में लव रंजन अपनी पुरानी शैली को दोहराने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह स्टाइल अब दर्शकों को आकर्षित करने में असमर्थ प्रतीत होती है।
निष्कर्ष
अंततः 'वाइल्ड वाइल्ड पंजाब' एक ऐसी फिल्म है जो कुछ हिस्सों में मनोरंजन प्रदान करती है लेकिन समग्रता में यह फिल्म अपना प्रभाव छोड़ने में असफल रहती है। इसे एक शोरगुल भरी, पुराने चुटकुलों से भरी अनुभव के रूप में देखा जा सकता है। वरुण शर्मा और बाकी कलाकारों की कोशिशों के बावजूद, फिल्म की कहानी और पटकथा में विशेषता की कमी स्पष्ट रूप से दिखती है। कुल मिलाकर, यह फिल्म उन दर्शकों के लिए है जो समय काटने के लिए हल्के-फुल्के मनोरंजन की खोज में हैं लेकिन इससे अधिक की उम्मीद न करें।