सोफिया फिरदौस: एक नयी सुबह की शुरुआत
ओडिशा की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ा है, और इसकी मुख्य किरदार हैं 32 वर्षीय सोफिया फिरदौस। सोफिया ने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में बराबती-कटक सीट से विजय हासिल कर ओडिशा की पहली मुस्लिम महिला विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया है। इस विजय ने न सिर्फ ओडिशा की राजनीति में बल्कि भारतीय राजनीति में भी सोफिया का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया है।
सोफिया का राजनीतिक सफर अत्यधिक प्रेरणादायक है। उनकी शिक्षा और योग्यता ने न केवल उन्हें एक सक्षम नेता बनाया है, बल्कि उनके संघर्ष और संकल्प की कहानी भी किसी प्रेरणादायक उपन्यास से कम नहीं है। सोफिया ने कालेनगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर से 2022 में एक्जीक्यूटिव जनरल मैनेजमेंट प्रोग्राम भी किया है।
परिवार और पूर्व राजनीतिक धरोहर
सोफिया के पिता, मुहम्मद मोकिम, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं और बराबती-कटक सीट से विधायक भी चुने जा चुके हैं। हालांकि, 2022 में भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई, जिसे 2024 में ओरिसा हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा। इस कठिन चुनौती के बावजूद, कांग्रेस पार्टी ने सोफिया को बराबती-कटक सीट से मैदान में उतारने का निर्णय लिया और इसका परिणाम सभी के सामने है।
सोफिया का वास्ता राजनीति के साथ-साथ निर्माण क्षेत्र से भी रहा है। वे अपने पिता के मेट्रो बिल्डर्स कंपनी की निदेशक रह चुकी हैं और क्रीडाई के भुवनेश्वर इकाई से जुड़ी रही हैं। यह अनुभव उन्हें न केवल रणनीतिक बल्कि नेतृत्व क्षमता में भी निपुण बनाता है।
चुनाव में विजय
सोफिया ने बीजेपी के पूरन चंद्र महापात्र को 8001 मतों के अंतर से हराकर यह जीत हासिल की। यह अकेले उनके व्यक्तिगत प्रयास का परिणाम नहीं था, बल्कि उनका उच्च शिक्षा स्तर, प्रबंधन कौशल और उनके पिता की राजनीतिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके पोल एफ़िडेविट के अनुसार, सोफिया के ऊपर कोई भी आपराधिक मामला नहीं है और उनकी कुल संपत्ति करीब 5 करोड़ रुपये है।
2019 के विधानसभा चुनाव में सोफिया के पिता मोकिम ने बराबती-कटक सीट से जीत हासिल की थी, जबकि 2024 में इस सीट पर सोफिया ने विजय का परचम लहराया। यह जीत सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चित रही और रचनात्मक व्यक्तियों ने सोफिया की इस सफलता को एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा।
ओडिशा में राजनीतिक पटल पर बदलाव
2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ओडिशा की 147 में से 78 सीटों पर जीत हासिल कर बीजेडी सरकार के 24 वर्षों के शासन को समाप्त कर दिया। इस संशय और परिवर्तन की राजनीति में सोफिया की जीत एक नयी दिशा की ओर संकेत करती है।
सोफिया की इस विजय ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय राजनीति में बदलाव की लहर आ चुकी है और नये चेहरे और नई आवाजें अब प्रमुख भूमिका निभाने के लिए आगे बढ़ रही हैं। यह जीत केवल एक राजनीतिक सफलता नहीं है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता की ओर भी एक सकारात्मक कदम है।
भविष्य की दिशा
सोफिया फिरदौस की ये अद्वितीय सफलता ओडिशा की महिलाओं के लिए नयी दिशाओं और अवसरों का द्वार खोलती है। उनकी कहानी यह संकेत देती है कि शिक्षा, संकल्प और संघर्ष के माध्यम से कोई भी अड़चन पार की जा सकती है।
सोफिया के चुनावी अभियान में उनका व्यक्तित्व, नेतृत्व शैली और समाज के प्रति उनका समर्पण सबके सामने आया। इस सफलता के साथ ही वे न केवल अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं, बल्कि ओडिशा की राजनीति में भी एक नया अध्याय लिख रही हैं। उनका नाम अब उन महिलाओं की पंक्ति में शामिल हो गया है, जिन्होंने अपने संघर्ष और कड़ी मेहनत के बल पर समाज में एक नई मिसाल कायम की है।
LOKESH GURUNG
जून 11, 2024 AT 09:51Aila Bandagi
जून 12, 2024 AT 15:07Abhishek gautam
जून 14, 2024 AT 02:55Imran khan
जून 14, 2024 AT 23:01Neelam Dadhwal
जून 15, 2024 AT 19:09Sumit singh
जून 16, 2024 AT 20:03