जब नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री of भारत ने उत्तरी प्रदेश अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो 2025 का उद्घाटन किया, तो बड़े पर्दे पर सिर्फ रब्बरू के साथ साझेदारी ही नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक आत्मविश्वास की भी झलक दिखी। यह समारोह गुरुवार, 25 सितंबर 2025 को ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में 10:44 एएम IST पर हुआ, जहाँ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ भी मौजूद थे। पाँच दिन तक चलने वाला यह इवेंट 2,200 से अधिक प्रदर्शकों को जोड़ रहा है, जिससे राज्य की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की राह तेज़ हो रही है।
पृष्ठभूमि और मुख्य उद्देश्य
UP अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो 2025, उत्तर प्रदेश सरकार की औद्योगिक विकास रणनीति का एक अभिन्न हिस्सा है। सरकार ऑफ उत्तर प्रदेश ने इस इवेंट को ‘Innovation – Integration – Internationalization’ के तीन मुख्य स्तम्भों के तहत तैयार किया। इसका टैगलाइन ‘Ultimate Sourcing Begins Here’ है, जो स्थानीय उद्यमियों को वैश्विक मंच पर लाने की अभिलाषा दर्शाता है।
इवेंट का आयोजन इंडिया एक्सपोज़िशन मार्ट लिमिटेड के साथ मिलकर किया गया है, जो पहले भी कई राष्ट्रीय-आंतरराष्ट्रीय मेले आयोजित कर चुका है। इस बार ‘One District One Product’ (ODOP) योजना को भी प्रमुखता मिली है, जिससे हर जिले के विशेष उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुँचाया जाएगा।
समारोह की मुख्य बातें और प्रमुख वक्तव्य
उद्घाटन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं सभी व्यापारियों, निवेशकों और युवाओं का दिल से स्वागत करता हूँ। आज 2,200 से अधिक प्रदर्शक अपने उत्पाद और सेवाएँ पेश कर रहे हैं, और इस वर्ष रूस आधिकारिक साझेदार देश है।" उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बीच भी भारत की आर्थिक गति “उत्साहजनक” है, और वह इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सिद्धांत के साथ आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने इस इवेंट को उत्तर प्रदेश की ‘Ease of Doing Business’ में दूसरे स्थान पर आने का प्रमाण बताया, और भारत के ट्रिलियन‑डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाने का जिक्र किया। दोनों ने साथ ही डीनदयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन को भी याद किया, यह बताते हुए कि "अंत्योदय" का अर्थ सबको समावेशी विकास देना है।
प्रदर्शकों की संख्या और उद्योगों की विविधता
शुरुआती आँकड़े दिखाते हैं कि इस साल का शो औद्योगिक वस्तुओं, कृषि उत्पादों, टेक्नोलॉजी समाधान और सांस्कृतिक वस्तुओं के मिश्रण से भरपूर है। प्रमुख सेक्टरों में शामिल हैं:
- फॉरेस्ट्री और कृषि उपकरण
- स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और रोबोटिक्स
- फूड प्रोसेसिंग और पैकेजिंग
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित लॉजिस्टिक्स प्लेटफ़ॉर्म
- हस्तशिल्प और पारंपरिक कला
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के इवेंट स्थानीय MSMEs को वैश्विक बाजार में प्रवेश करने का मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने डिजिटल भुगतान प्लेटफ़ॉर्म – UPI, AADHAAR, DigiLocker, और ONDC के उपयोग को बढ़ावा देने का भी उल्लेख किया, जिससे छोटे व्यापारी आसानी से क्रेडिट तक पहुँच सकें।

रूसी साझेदारी का महत्व
रूस को इस साल का आधिकारिक पार्टनर देश घोषित किया गया है। इस साझेदारी के तहत दो बड़े बैनर लगे: तकनीकी सहयोग और कृषि निर्यात मंच। रूस की उच्च तकनीकी कंपनियों ने अपने फोरेंसिक उपकरण और एरोस्पेस घटकों की प्रदर्शनी लगाई, जबकि भारतीय सिलिकॉन वैली स्टार्ट‑अप्स ने एआई‑सक्षम समाधान पेश किए। इस सहयोग का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को 2028 तक 15 % तक बढ़ाना है, जैसा कि आधिकारिक ब्रीफ़िंग में कहा गया।
रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने कहा कि यह मंच दोनों अर्थव्यवस्थाओं को “परस्पर लाभ” प्रदान करेगा, खास तौर पर ऊर्जा, एरोस्पेस और कृषि‑पर्यटन क्षेत्रों में। इस साझेदारी ने कई अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को भारत के स्टार्ट‑अप्स के पास लाया, जिससे संभावित निवेश का अनुमान 2.3 बिलियन डॉलर तक लगाया गया है।
भविष्य की योजनाएँ और प्रभाव
शो के पाँच दिन बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत राजस्थान के बँसवाड़ा में एक आर्थिक विकास कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जहाँ उन्होंने 1,22,100 करोड़ रुपये मूल्य के कई प्रोजेक्ट्स को लागू करने की घोषणा की। इस तरह के दो‑कार्यक्रम शेड्यूल को देखकर स्पष्ट होता है कि भारत के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर “एक ही दिन में दो प्रमुख बिंदु” स्थापित करने की रणनीति अपनाई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि UP अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो 2025 न केवल निकट भविष्य में राज्य के रोजगार को 8 % तक बढ़ा देगा, बल्कि दीर्घकालिक रूप से उत्तर प्रदेश को ‘ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब’ में बदल देगा। इस इवेंट से उत्पन्न हुए रुझानों को देखते हुए, अगले दो वर्षों में निर्यात में 12 % की वृद्धि और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में 9 % की संभावनाएँ व्याख्यायित की जा रही हैं।

मुख्य तथ्य
- इवेंट: उत्तरी प्रदेश अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो 2025
- उद्घाटन: 25 सितंबर 2025, 10:44 AM IST
- स्थान: इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट, ग्रेटर नोएडा
- प्रमुख अतिथि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ
- साझेदार देश: रूस
- प्रदर्शक: 2,200+
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह ट्रेड शो स्थानीय उद्योगों को कैसे लाभ पहुंचाएगा?
इवेंट में भाग लेने वाले MSMEs को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों से सीधे मिलावटे का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी बिक्री में औसतन 15 % की वृद्धि की संभावना है। साथ ही, डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे ONDC के उपयोग से उन्हें लागत‑प्रभावी लॉजिस्टिक्स और भुगतान समाधान मिलेंगे।
रूस के साथ साझेदारी का मुख्य लक्ष्य क्या है?
रूस के साथ तकनीकी और कृषि क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना मुख्य उद्देश्य है। दोनों देशों के बीच दो‑तरफ़ा व्यापार को 2028 तक 15 % बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे भारत को उच्च‑स्तरीय मशीनरी और ऊर्जा समाधान मिलेंगे, जबकि रूस को भारतीय कृषि उत्पाद और डिजिटल सेवाएँ प्राप्त होंगी।
इवेंट का समय‑सारिणी क्या है?
शो 25 से 29 सितंबर 2025 तक चलेगा। व्यापारिक घंटे प्रतिदिन 11:00 AM से 3:00 PM तक हैं, जबकि सार्वजनिक प्रवेश 3:00 PM से 8:00 PM तक खुला रहेगा। हर दिन दो प्रमुख बाय‑मिट सत्र आयोजित किए जाएंगे।
इस ट्रेड शो से रोजगार पर क्या असर पड़ेगा?
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि शो के दौरान और बाद में लगभग 12,000 सीधे नौकरियों का सृजन होगा, जबकि सहयोगी उद्योगों में अप्रत्यक्ष रूप से 30,000 से अधिक रोजगार जुड़ सकते हैं। यह विशेषकर उत्पाद विकास, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्रों में प्रभावी रहेगा।
भविष्य में इसी तरह के इवेंट की संभावनाएँ क्या हैं?
सरकार ने इस वर्ष के बाद अगले दो वर्षों में इसी पैमाने के शोरूम आयोजित करने की योजना घोषणा की है, जिसमें अधिक राज्य और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों को आकर्षित किया जाएगा। लक्ष्य है उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय निर्यात हब बनाना और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की मूल भावना को और सुदृढ़ करना।
Prince Naeem
अक्तूबर 13, 2025 AT 23:26उत्तरी प्रदेश ट्रेड शो का आयोजन वास्तव में भारत की आर्थिक दिशा का दर्पण है। यह मंच छोटे उद्योगों को वैश्विक बाजार में प्रवेश का अवसर देता है, जो आत्मनिर्भरता के विचार को सुदृढ़ करता है। ऐसी पहल से निर्माण, कृषि और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहन मिलता है। अंततः यह राज्य और राष्ट्र दोनों के लिए दीर्घकालिक लाभदायक सिद्ध होगा।