रिलायंस इंडस्ट्रीज: व्यापार वृद्धि की प्रेरणा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने सितंबर 2024 तिमाही में अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की, जिसमें यह देखा गया कि कंपनी का शुद्ध लाभ 5% गिरकर 16,563 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि बाजार के अनुमानों के विपरीत, कंपनी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। ET नाउ के अनुमान के अनुसार, शुद्ध लाभ 15,716 करोड़ रुपये होने की उम्मीद थी, लेकिन कंपनी ने इस अनुमान को पार कर लिया है।
जहां तक राजस्व का सवाल है, कंपनी ने सालाना 0.2% की वृद्धि के साथ कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया। यह वृद्धि बहुत बड़ी नहीं है, परंतु इससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी अपनी विकास की गति को बनाए रखने में सक्षम है। EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और अमोर्टाइजेशन से पहले की आय) 43,934 करोड़ रुपये पर पहुँच गई, जो सालाना 2% की गिरावट को दर्शाती है। EBITDA मार्जिन 50 बेसिस पॉइंट्स घटकर 17% हो गया है।
डिजिटल सेवाओं और अपस्ट्रीम व्यवसाय में मजबूती
रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल सेवाओं और अपस्ट्रीम व्यवसाय ने इस तिमाही में मजबूती का प्रदर्शन किया है। Jio Platforms, जो कंपनी की डिजिटल सेवा इकाई है, ने शुद्ध लाभ में 23% की वृद्धि हुई जो 6,539 करोड़ रुपये तक पहुँच गई। राजस्व में वार्षिक आधार पर 18% की वृद्धि देखी गई जो 37,119 करोड़ रुपये हो गई। टेलीकॉम डिवीजन के EBITDA में 18% की वृद्धि हुई जो 15,931 करोड़ रुपये तक पहुँच गई। इस वृद्धि का प्रमुख कारण था टैरिफ में वृद्धि और बेहतर ग्राहक मिश्रण।
इस क्षेत्र का औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (ARPU) 195.1 रुपये दर्ज किया गया, जो कंपनी की ग्रोथ रणनीतियों को दर्शाता है। कंपनी ने टैरिफ में सुधार किया और ग्राहकों के उच्च मूल्य के लाभ को सुनिश्चित किया।
तेल से लेकर रसायनों तक का अनुशासन
मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, ने तिमाही के दौरान कंपनी के विविध व्यापार पोर्टफोलियो की मजबूती को स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि कंपनी की विभिन्न व्यवसाय इकाइयों, जैसे की डिजिटल सेवाएं और अपस्ट्रीम ऑपरेशंस, ने तेल-से-रसायन (O2C) व्यवसाय में आने वाली चुनौतियों की भरपाई की। वैश्विक मांग-आपूर्ति के प्रकार्य की वजह से O2C कारोबार को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
O2C व्यवसाय दबाव में था, लेकिन विविधतापूर्ण सामरिक योजनाओं ने इसे संतुलित किया। आंतरराष्ट्रीय बाजार में परिवर्तनशीलता के मध्य, कंपनी ने अपने समूह के समग्र प्रदर्शन में ठोस संदेश दिया।
आर्थिक प्रभाव और भविष्य की योजना
रिलायंस के वित्तीय परिणामों का आर्थिक दृष्टिकोण से मोल लगाया जाए तो, यह स्पष्ट है कि कंपनी ने कर्ज संरचना में बदलाव के चलते वित्त लागत में 5% की वृद्धि देखी जो 6,017 करोड़ रुपये हो गई। यह कंपनी के बढ़ते स्तरों के कारण हुआ है, जो भविष्य में अधिक प्रयासों और ध्यान की मांग करेगा।
कुल मिलाकर, यह तिमाही परिणाम स्पष्ट करता है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अपनी विविधतापूर्ण व्यवसाय रणनीतियों के बावजूद एक मजबूत स्थान पर है। आने वाले वर्ष में, कंपनी के पास अपनी प्राथमिकताओं को जारी रखने के लिए कई अवसर होंगे। भविष्य की योजनाएं और भी दिलचस्प हो सकती हैं, विशेषकर जब विभिन्न व्यवसाय इकाइयों को और मजबूत किया जा रहा हो।