सीबीआई जांच में सामने आई NEET-UG 2024 की गड़बड़ियां, 17 बिहार छात्र री-टेस्ट में प्रतिबंधित

सीबीआई जांच में सामने आई NEET-UG 2024 की गड़बड़ियां, 17 बिहार छात्र री-टेस्ट में प्रतिबंधित

सीबीआई की प्राथमिकता: NEET-UG 2024 की गड़बड़ियों की जांच

भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं के मामले में एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। इस परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा 5 मई को किया गया था और इसमें व्यापक स्तर पर गड़बड़ियों की रिपोर्ट्स सामने आई थीं। इन गड़बड़ियों में मुख्य रूप से धोखाधड़ी, पहचान में गलती और अन्य अनुचित तरीकों की शिकायतें शामिल थीं। इसके चलते देशभर में छात्रों और अभिभावकों द्वारा भारी प्रदर्शन और विरोध प्रदर्शन देखा गया।

सीबीआई ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष टीमों का गठन किया है जो पूरे प्रकरण की जांच कर रही हैं। इनमें प्रमुख जांच पटना और गोधरा में प्रश्नपत्र लीक के मामलों पर केंद्रित है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार की प्रक्रियाओं में इतने संगठित तरीके से धांधली की कोशिशें की गईं, जिन्होंने परीक्षाओं की प्रामाणिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

री-एग्जाम और छात्रों का भविष्य

NTA ने इस साल 23 जून को उन 1563 छात्रों के लिए एक री-एग्जाम का आयोजन किया था, जो पहले की परीक्षा में गड़बड़ी के शिकार हुए थे। इस दौरान बिहार के 17 छात्रों को अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया। इसे शिक्षा प्रणाली में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

री-एग्जाम के परिणामों की घोषणा 30 जून 2024 को की जाएगी। NTA के अधिकारी यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि इस बार कोई भी गड़बड़ी न हो और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। इस परीक्षा में लगभग 24 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था, और 4 जून को इसके परिणाम घोषित किए गए थे।

प्रश्नपत्र लीक के गंभीर आरोप

प्रश्नपत्र लीक के गंभीर आरोप

सीबीआई ने अपनी जांच में गोधरा और पटना में प्रश्नपत्र लीक के मामलों की जांच को भी शामिल किया है। गोधरा से मिली प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ संदिग्ध व्यक्तियों ने प्रश्नपत्र लीक करने का प्रयास किया था। वहीं, पटना में भी इस तरह की गतिविधियां देखी गईं, जिन्हें रोकने के लिए सीबीआई की टीम ने त्वरित कार्रवाई की।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की धांधली न केवल छात्रों के भविष्य के लिए खतरनाक है, बल्कि इससे शिक्षा प्रणाली की साख पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। CBI की जांच का मकसद इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाना और भविष्य में उनकी पुनरावृत्ति को रोकना है।

छात्रों और अभिभावकों में नाराजगी

परीक्षा में गड़बड़ियों के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों में जबर्दस्त नाराजगी है। उनके अनुसार, इन घटनाओं ने उनके मेहनत और सपनों को ठेस पहुंचाई है। कई लोगों ने परीक्षा प्रणाली में सुधार की मांग की है और यह भी अनुरोध किया है कि संबंधित अधिकारियों को अधिक जिम्मेदार बनाया जाए।

सीबीआई का यह कदम छात्रों में न्याय की भावना को बहाल करने का प्रयास है, लेकिन इसके साथ ही यह सवाल भी पैदा होता है कि ऐसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं में किस स्तर की निगरानी और सुरक्षात्मक उपाय होना चाहिए।

सीबीआई की प्राथमिकता

सीबीआई की प्राथमिकता

CBI के सूत्रों का कहना है कि इस मामले को शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए, उन्होंने गहन जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स से मिले तथ्यों के आधार पर, यह स्पष्ट है कि इसमें बड़े पैमाने पर संगठित नेटवर्क शामिल हो सकते हैं जो इस प्रकार की गै़लत गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

CBI की टीम ने परीक्षा के आयोजन स्थल, प्रश्नपत्र सेट करने वाली एजेंसी और अन्य संबंधित पक्षों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। इसके अलावा, गवाहों और संबंधित दस्तावेजों की जांच भी तेजी से की जा रही है। CBI का कहना है कि इस जांच का मुख्य उद्देश्य परीक्षा प्रणाली की अखंडता को बहाल करना और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकना है।

छात्रों और अभिभावकों के लिए यह उम्मीद की किरण है कि इस प्रकार की जांच के माध्यम से आने वाले समय में वे सुरक्षित और निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया लंबी हो सकती है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप एक आग्रही और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली की स्थापना की जा सकेगी।

उपसंहार

उपसंहार

NEET-UG 2024 परीक्षा में अनियमितताओं के प्रकट होने से शिक्षा प्रणाली की आधारभूत चुनौतियाँ सामने आई हैं। सीबीआई की जांच न केवल दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का प्रयास है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने का एक कदम है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और उसकी विस्तृत रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक यह कहना मुश्किल है कि इस पूरे मामले का अंतिम परिणाम क्या होगा। लेकिन एक बात निश्चित है, ऐसे कदम शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।

10 Comments

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    ankit singh

    जून 24, 2024 AT 22:14
    ये सब तो पहले भी हुआ है पर किसी ने कुछ नहीं किया। अब CBI आया तो बड़ी बात हो गई। छात्रों का भविष्य खेल में नहीं होना चाहिए।
    कोई भी फैलाव नहीं होना चाहिए
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    Pratiksha Das

    जून 25, 2024 AT 20:23
    kya bhai ye sab toh bas dikhawa hai... pahle toh kisi ne kuch nahi kiya ab CBI aaya toh sabko shanti de di jaa rhi hai... bas ek dum jhootha hai ye sab
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    ajay vishwakarma

    जून 25, 2024 AT 23:17
    ये जांच असली होनी चाहिए। बस फोटो और रिपोर्ट नहीं, असली कार्रवाई चाहिए। जिन्होंने प्रश्नपत्र लीक किए, उनकी जेल होनी चाहिए।
    शिक्षा का अहमियत किसी के लिए नहीं, हर छात्र के लिए है।
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    devika daftardar

    जून 26, 2024 AT 14:35
    हम सब जानते हैं कि ये परीक्षा असल में किसके लिए है
    क्या ये सिर्फ बिहार के 17 छात्रों की बात है या पूरे देश के लाखों लड़कों लड़कियों की
    हमें अपने बच्चों को बताना होगा कि मेहनत करो लेकिन ये दुनिया तुम्हारी मेहनत को नहीं देख रही
    अब जो भी हो रहा है वो बहुत देर से हो रहा है
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    fatima almarri

    जून 28, 2024 AT 05:36
    इस तरह की घटनाओं में सिस्टम फेल होता है। निगरानी के तंत्र असमर्थ हैं।
    अभिभावकों का विश्वास टूट गया है।
    हमें टेक्नोलॉजी-बेस्ड सुरक्षा चाहिए, जैसे AI-मॉनिटरिंग, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, रियल-टाइम प्रोक्सिमिटी ट्रैकिंग।
    ये सब तो अमेरिका में है, हमारे पास नहीं।
    हमारी शिक्षा प्रणाली अभी भी डिजिटल एज के बाहर है।
    हमें बस निष्पक्षता नहीं, बल्कि अखंडता चाहिए।
    इसे एक संस्कृति बनाना होगा।
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    deepika singh

    जून 28, 2024 AT 14:31
    अरे भाई ये तो बस बाजार में जैसे दूध में पानी मिलाया जाता है, वैसे ही परीक्षा में धोखा हो रहा है।
    लेकिन अब CBI आ गया तो बस बाप रे! अब तो जान बचानी पड़ेगी उनकी जिन्होंने गड़बड़ की।
    एक बार जब बाहर आएगा तो देखना, कौन बाजार का बाजीगर है।
    मेरा भाई तो बिहार से है, उसका दोस्त री-टेस्ट में फेल हुआ, लेकिन वो तो दिल से पढ़ा था।
    हम तो बस इंतजार कर रहे हैं कि कौन असली है।
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    amar nath

    जून 30, 2024 AT 01:10
    ये सब तो हमारे परिवार में हर साल होता है। मेरे दादाजी ने कहा था कि परीक्षा कभी न्याय नहीं देती, बस जिसके पास जुगाड़ है वो आगे बढ़ जाता है।
    लेकिन अब तो ये बड़ा नेटवर्क बन गया है।
    क्या आपने सुना है कि कुछ लोग फोन पर प्रश्न भेज रहे हैं जब छात्र परीक्षा दे रहे होते हैं?
    अब तो ये ऑनलाइन गैंग्स हैं।
    किसी ने बताया कि एक टीचर ने प्रश्नपत्र बेच दिया था और उसके बेटे को इंजीनियरिंग में जगह मिल गई।
    इसलिए जब तक शिक्षकों को नहीं रोका जाएगा, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा।
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    Pragya Jain

    जुलाई 1, 2024 AT 10:32
    अब तक क्या हुआ? केवल 17 छात्रों को बैन किया? ये तो बहुत हल्का प्रहार है।
    इस देश में जिन्होंने धोखा किया, उन्हें सजा नहीं, बल्कि देशद्रोह की सजा देनी चाहिए।
    हमारी शिक्षा का नाम लेकर जो लोग बदमाशी कर रहे हैं, वो गैर-भारतीय हैं या भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं।
    इनकी जेल होनी चाहिए। इनकी परिवार को भी निकाल देना चाहिए।
    ये सब तो बाहरी शक्तियों की साजिश है।
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    Shruthi S

    जुलाई 1, 2024 AT 12:35
    बस एक बात कहना चाहती हूँ... मेरी बहन भी बिहार से है। उसने बहुत मेहनत की थी। उसका दिल टूट गया जब उसे पता चला कि कुछ लोग बस धोखे से आगे बढ़ रहे हैं।
    कृपया उनका दर्द समझो। ❤️
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    Neha Jayaraj Jayaraj

    जुलाई 2, 2024 AT 05:11
    अरे भाई ये तो बहुत बड़ा मामला है!!
    क्या आप जानते हैं कि एक लड़की ने अपने फोन पर बैठकर बार-बार प्रश्न भेजे थे?
    और जब उसका नाम बाहर आया तो उसके पिता ने टीवी पर रोते हुए कहा कि 'मेरा बेटा तो बस अच्छा इंसान है!' 😭
    फिर बाद में पता चला कि वो बस एक चार्जर बेच रहा था और उसके लिए बड़ा गिरोह था!
    अब तो ये ड्रामा बिल्कुल बाजार का है।
    मैंने तो एक बार देखा था एक लड़की ने अपनी बांह पर प्रश्न लिख लिए थे 😱
    ये तो फिल्मों से भी ज्यादा बेहतरीन है।

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