तेलुगु सिनेमा के सबसे बड़े परिवारों में से एक की बेटी ने एक बार अपने ही पिता से पुलिस सुरक्षा मांगी थी—वह भी सुर्खियों के बीच। यह कहानी सिर्फ ग्लैमर नहीं, पारिवारिक दबाव, कानूनी लड़ाइयों और निजी फैसलों की कीमत दिखाती है। यही कहानी है सृजा कोनीडेला की, यानी चिरंजीवी की बेटी, जो आज दो बेटियों को अकेले पाल रही हैं।
पहली शादी: विरोध, एफआईआर और पुलिस सुरक्षा
सृजा की पहली शादी सिरिश भारद्वाज से उस समय हुई, जब घर का विरोध खुलकर सामने आ गया। शुरुआती 2000 के दशक में यह रिश्ता बगावत की मिसाल बन गया। परिवार की सहमति न मिलने पर मामला थाने पहुंचा—चिरंजीवी ने शिकायत दर्ज कराई कि बेटी नाबालिग है और उसे बहकाया गया। घटनाक्रम पलटा जब सृजा ने ही पुलिस से सुरक्षा मांगी और पिता के खिलाफ ‘खतरे’ की बात रखी। मीडिया में यह मामला छा गया और दोनों उस दौर में सिम्पैथी और समर्थन भी जुटाने में कामयाब रहे।
2008 में उनकी बेटी निवृथि का जन्म हुआ। शुरुआती दिनों में अस्पताल में सिर्फ मां सुरेखा और भाई राम चरण के आने की खबरें सामने आईं। परिवार और जोड़े के बीच धीरे-धीरे कुछ नरमी दिखी, लेकिन यह रिश्ता टिक नहीं पाया। 2011 में सृजा ने पुलिस में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 498A और दहेज निषेध कानून के दायरे में आया। लंबी तनातनी के बाद 2014 में तलाक हो गया और सृजा वापस अपने परिवार के साथ दिखने लगीं।
इधर सिरिश भारद्वाज ने जीवन में नया अध्याय शुरू किया—वह राजनीति में आए, दोबारा शादी की। जून 2024 में उनके निधन की खबर आई। पुराने विवादों के बावजूद यह एक ऐसा मोड़ था जिसने इस लंबी कहानी में एक और underline जोड़ दी।
इस पूरे दौर में ‘कोनीडेला’ परिवार की सार्वजनिक छवि, फैन कल्चर और मीडिया की भूख—सब कुछ साथ-साथ चलता रहा। स्टार परिवार होने का मतलब यही है कि निजी फैसले भी हेडलाइन बनते हैं। एक तरफ माता-पिता की चिंता और प्रतिष्ठा का दबाव, दूसरी तरफ अपनी पसंद का रिश्ता बचाने की कोशिश—सृजा इन्हीं दो ध्रुवों के बीच झूलती रहीं।

दूसरी शादी: सुकून की तलाश, अलगाव और अकेली मां
2016 में सृजा ने अपने बचपन के दोस्त और तेलुगु अभिनेता कल्याण देव से शादी की। 2018 में दोनों की बेटी नाविश्का हुई। शुरुआत में यह रिश्ता स्थिर दिखा, लेकिन 2022 आते-आते बदलते संकेत दिखने लगे—सृजा ने सोशल मीडिया प्रोफाइल से पति का सरनेम हटाया। परिवार ने चुप्पी साधे रखी, पर अटकलें बढ़ती रहीं।
जून 2023 में फादर्स डे पर कल्याण देव ने एक भावनात्मक पोस्ट में अलगाव को संकेतों से साफ कर दिया। उन्होंने तस्वीरों और एक वीडियो के साथ लिखा—“The best 4 hours I spend every week! #DaughtersAreTheBest” और “Until we meet again… Miss you Navvu!”। यह ‘सप्ताह में सिर्फ चार घंटे’ वाली मुलाकात व्यवस्था बताने के लिए काफी था। इससे पहले भी वे अपने जन्मदिन को नाविश्का के चौथे जन्मदिन के साथ मनाने की वजह बताते हुए ‘सीमित समय’ का इशारा कर चुके थे।
आज सृजा दो बेटियों—निवृथि और नाविश्का—की परवरिश अकेले कर रही हैं। सार्वजनिक मंचों पर वह निजी जिंदगी को लेकर संयमित रहती हैं। परिवार की ओर से भी कोई विस्तृत बयान नहीं आता। जो दिखता है, वह यही कि अब प्राथमिकता बच्चों की पढ़ाई और उनकी दिनचर्या है। दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में यह अलग-थलग घटना नहीं, पर सृजा का मामला इसलिए खास है क्योंकि इसमें दो पीढ़ियों के बीच टकराते ‘कंट्रोल बनाम चॉइस’ की बहस हर मोड़ पर दिखती है।
कानूनी नजर से देखें तो दहेज प्रताड़ना के मामलों में पुलिस जांच, जमानत, काउंसलिंग और फैमिली कोर्ट की सुनवाई—ये सब लंबा खिंचने वाला रास्ता है। बच्चों की कस्टडी और विजिटेशन आमतौर पर ‘बेस्ट इंटरेस्ट ऑफ द चाइल्ड’ के सिद्धांत पर तय होती है। कोर्ट समय-सारणी, स्कूलिंग और दोनों पक्षों की उपलब्धता देखकर मुलाकात के घंटे तय करता है। कल्याण देव का ‘चार घंटे हर हफ्ते’ वाला उल्लेख इसी तरह की व्यवस्था की ओर इशारा करता है, हालांकि केस-फाइलें निजी रहती हैं, इसलिए बारीकियां सार्वजनिक रिकॉर्ड में नहीं मिलतीं।
सोशल मीडिया क्लू—जैसे सरनेम हटाना—अब वैवाहिक रिश्तों में बदलाव का नया ‘पहला संकेत’ माना जाने लगा है। सेलिब्रिटी दुनिया में जहां हर फोटो ट्रैक होती है, वहां ये छोटे बदलाव भी खबर बन जाते हैं। सृजा के मामले में भी ऐसा ही हुआ। लेकिन असली कहानी हमेशा कागजों, कोर्टरूम और घर के बंद दरवाजों के पीछे लिखी जाती है।
- शुरुआती 2000s: परिवार के विरोध के बीच सिरिश भारद्वाज से शादी, पुलिस सुरक्षा की मांग
- 2008: बेटी निवृथि का जन्म
- 2011: दहेज प्रताड़ना की शिकायत
- 2014: तलाक, परिवार से पुनर्मिलन
- 2016: कल्याण देव से दूसरी शादी
- 2018: बेटी नाविश्का का जन्म
- 2022: अलगाव की खबरें, सोशल मीडिया से सरनेम हटाना
- जून 2023: फादर्स डे पोस्ट में ‘सप्ताह में चार घंटे’ वाली मुलाकात का खुलासा
- जून 2024: सिरिश भारद्वाज का निधन
फिलहाल तस्वीर साफ है—शहर बदलें या रिश्ते, बच्चों की दिनचर्या नहीं बदलनी चाहिए। यही वजह है कि सृजा लो-प्रोफाइल रहते हुए भी हर मोड़ पर ‘मॉम-फर्स्ट’ अप्रोच अपनाती दिखती हैं। स्टार परिवारों में भी निजी फैसलों का भार उतना ही वास्तविक होता है जितना किसी आम घर में—बस उसकी गूंज ज्यादा दूर तक सुनाई देती है।