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आयकर रिटर्न कैसे फ़ाइल करें – आसान स्टेप‑बाय‑स्टेप गाइड

अगर आप सोच रहे हैं कि आयकर रिटर्न भरना कितना कठिन है, तो डरने की ज़रूरत नहीं। सही जानकारी और थोड़ी तैयारी से आप ऑनलाइन फॉर्म जल्दी भर सकते हैं। इस लेख में हम हर कदम को सरल भाषा में समझाते हैं जिससे आपका टैक्स फ़ाइलिंग तनाव‑मुक्त हो जाए।

आयकर रिटर्न कब और कैसे फाइल करें?

पहला काम है वित्तीय साल के अंत (31 मार्च) तक सभी आय की सूची बनाना। वेतन, ब्याज, किराया या फ़्रीलांस इनकम सबको जोड़ें। फिर इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट (ITR) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ और अपना PAN तथा जन्म तिथि से लॉगिन करें। यदि आप पहली बार फाइल कर रहे हैं तो "नया उपयोगकर्ता" चुनें, नहीं तो पिछले साल का रिटर्न खोलकर एडिट कर सकते हैं।

सही फ़ॉर्म चुनना भी ज़रूरी है। वेतनभोगी के लिए ITR‑1 (Sahaj) सबसे आसान है, जबकि व्यापार या फ्रीलांस काम वाले को ITR‑3 या ITR‑4 चाहिए। फॉर्म खोलने पर आपसे आय का विवरण, कटौतियों की जानकारी और टैक्स देनदारी पूछी जाएगी। यहाँ तक कि बीमा प्रीमियम, पब्लिक ट्रस्ट दान आदि की रसीदें अपलोड कर सकते हैं जिससे टैक्‍स बचत बढ़ेगी।

रियायती टिप्स व आम गलतियां

1. **डॉक्यूमेंट तैयार रखें** – फॉर्म भरते समय पिछले साल का फ़ॉर्म, फ़ॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट और बीमा रसीदें हाथ में रखिए। इससे डेटा टाइपिंग कम होगी।

2. **कटौतियों को नजरअंदाज न करें** – सेक्शन 80C में आप जीवन‑बीमा, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और एलईडी इक्विटी जैसी चीज़ें डाल सकते हैं। अगर इनका दावा नहीं करेंगे तो टैक्स बचत हाथ से निकल जाएगी।

3. **आधार लिंक करना अनिवार्य** – 2025 के बाद सभी रिटर्न को आधार से जोड़ना ज़रूरी है। यदि आपका PAN और आधार अलग हैं तो पहले उन्हें मिलाएँ, नहीं तो फाइलिंग अस्वीकार हो सकती है।

4. **समय सीमा का पालन करें** – देर से फ़ाइल करने पर पेनल्टी लगती है। अगर 31 जुलाई तक नहीं भेजा तो हर दिन के लिए ₹1000 तक जुर्माना लग सकता है। इसलिए रिटर्न को जल्दी जमा कर दें।

5. **वेरिफिकेशन मत भूलें** – फॉर्म भरने के बाद ई‑वेरिफिकेशन या एडिटी की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। अगर वेरिफ़ाई नहीं किया तो आपका रिटर्न अधूरा माना जाएगा और आयकर विभाग से नोटिस आएगा।

इन बिंदुओं को ध्यान में रखेंगे तो आपका टैक्स फ़ाइलिंग आसान रहेगा और कोई दिक्कत नहीं होगी। याद रखें, आयकर रिटर्न सिर्फ़ एक फॉर्म नहीं, बल्कि वित्तीय साल के हिसाब‑किताब का सार है। इसे सही समय पर भरना आपके भविष्य की योजना बनाता है।

यदि अभी भी कोई शंका है तो टैक्स कंसल्टेंट या आयकर हेल्पलाइन से संपर्क करें। अधिकांश सवालों के जवाब ऑनलाइन गाइड और वीडियो में मिलते हैं, इसलिए मदद लेनी नहीं डरें। अब देर न करें – अपने रिटर्न को आज ही फाइल करके वित्तीय स्थिरता की ओर कदम बढ़ाएँ।

आयकर रिटर्न फॉर्म चुनने का सही तरीका: ITR-1 और ITR-2 में क्या अंतर है?
  • जुल॰ 31, 2024
  • Partha Dowara
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आयकर रिटर्न फॉर्म चुनने का सही तरीका: ITR-1 और ITR-2 में क्या अंतर है?

यह लेख दो प्रमुख आयकर रिटर्न फॉर्म्स - ITR-1 (सहज) और ITR-2 के बीच तुलना करता है। ITR-1 उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी आय वेतन, एक मकान संपत्ति, अन्य स्रोतों और 5,000 रुपये तक की कृषि आय से होती है, जबकि ITR-2 उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) के लिए है जिनकी आय में वेतन, एक से अधिक मकान संपत्ति, पूंजीगत लाभ, विदेशी संपत्ति, और व्यवसाय/व्यवसाय आय शामिल हैं। सही फॉर्म चुनने के महत्त्व पर जोर दिया गया है ताकि करदाताओं को परेशानियों से बचाया जा सके।

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