भगदड़ यानी भीड़ में अचानक तेज़ी से धक्का‑मुक्की, झगड़ा या अराजकता। अक्सर यह अचानक शुरू हो जाता है जब लोग एक ही जगह पर बहुत ज़्यादा होते हैं – बस स्टॉप, शॉपिंग मॉल, या वोटिंग स्टेशन। खबरों में अक्सर देखा है कि किसी राजनीतिक रैलि या बड़े खेल इवेंट के दौरान यह भड़कता है।
सबसे बड़ा कारण है भीड़ नियंत्रण का अभाव. जब सुरक्षा गार्ड, पुलिस या ट्रैफिक पुलिस ठीक से नहीं होते, तो लोग एक-दूसरे पर धक्का देना शुरू कर देते हैं। दूसरा कारण है जानकारी का टुटना – अगर कोई अटपटे अफवाह या झूठा इशारा देखता है, तो लोग तुरंत प्रतिक्रिया में धक्का मार लेते हैं। मौसम भी भूमिका निभा सकता है; हल्की बूँदें या तेज़ हवा कभी‑कभी लोगों को डराकर तेज़ मूवमेंट में धकेल देती हैं, जैसे 4 सितंबर की भारी बारिश की चेतावनी के बाद कई शहरों में ट्रैफ़िक जाम और छोटी‑छोटी टकराव हुए।
पहला, भीड़ वाले जगह पर हमेशा साइड एंगल पर खड़े रहें. अगर रास्ते दो या तीन तरफ खुलते हैं, तो एक तरफ खुला रास्ता छोड़ दें, ताकि इमरजेंसी में जल्दी निकल सकें। दूसरा, अपने मोबाइल पर स्थानीय समाचार या रियल‑टाइम अपडेट चालू रखें, ताकि अचानक हो रही किसी घटना का पता चल सके। तीसरा, अगर आप किसी इवेंट में हैं और पुलिस ने निर्देश दिया है, तो उनकी राहें ना टालें – यही अक्सर सबसे सुरक्षित तरीका होता है।
कुछ हालिया घटनाओं को देखें तो समझ आएगा। मुंबई में मराठा आरक्षण के अनशन के दौरान भीड़ में अचानक धक्का‑मुक्की हुई, जब हजारों लोगों ने सड़कों को बंद कर दिया। इसी तरह, उत्तर प्रदेश में भारी आंधी‑तूफान के बाद लखीमपुर खीरी में लोग बचाव कार्य के लिए इकट्ठा हुए, और भीड़ नियंत्रित न हो पाती तो छोटे‑छोटे टकराव शुरू हो गए। इन सब में एक बात साफ़ है – अगर भीड़ का प्रबंधन ठीक ना हो, तो कोई भी छोटा‑सा इशारा बड़ा भगदड़ बन सकता है।
क्या आपने कभी ऐसी स्थिति देखी है? अगर हाँ, तो याद रखें कि भागना या धक्का देना नहीं, बल्कि शांत रहना और निर्देशों का पालन करना सबसे बेहतर उपाय है। बेहद ज़्यादा भीड़ वाले इलाकों में आप अपने साथ एक छोटा फर्स्ट‑एड किट रख सकते हैं – टिश्यू, पानी और एक छोटा टॉर्च। अगर आप बच्चे या वरिष्ठ के साथ हों, तो हाथ खोले रखें और उन्हें भीड़ से दूर रखें।
संक्षेप में, भगदड़ का कारण अक्सर मानव त्रुटि और असमान सूचना प्रवाह होता है। लेकिन सही तैयारी, जागरूकता और सरकारी एजेंसियों का समय पर सहयोग इन दुर्घटनाओं को काफी हद तक घटा सकता है। अगर आप किसी भीड़ वाले कार्यक्रम में जा रहे हैं, तो ऊपर बताये गए टिप्स याद रखें और सुरक्षित रहें।
तेलुगु फिल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन को 13 दिसंबर 2024 को उनके फिल्म 'पुष्पा 2: द रूल' के प्रीमियर के दौरान हुए भगदड़ के संबंध में हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। घटना ने एक महिला की जान ले ली जबकि उसका पुत्र घायल हो गया। पुलिस ने थिएटर प्रबंधन, अल्लू अर्जुन और उनकी सुरक्षा टीम के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें क़िस्तों के बीच संकट समन्वय में कमी की ओर इशारा किया गया।