क्या आपने कभी सोचा है कि टैक्स रिटर्न, बजट या कंपनी की रिपोर्ट बनाते समय कौन पीछे से काम करता है? वही है चॉरटरड अकाउंटेंट (CA)। उनका काम सिर्फ नंबर गिनना नहीं, बल्कि आपका पैसा कैसे बचाया और बढ़ाया जाए, इस पर सलाह देना भी है। इसलिए हम यहाँ हर हफ़्ते नई‑नई वित्तीय ख़बरें और आसान‑सी टिप्स लाते हैं, ताकि आप बिना झंझट के अपनी फ़ाइनैंस समझ सकें।
जैसे ही बजट 2025-26 सामने आया, कई कर‑सुधारों की बात सुनाई दी। सबसे बड़ा बदलाव आयकर स्लैब में हल्की कमी और छोटे व्यापारियों के लिए नई छूटें हैं। अगर आप अपना बहीखाता सही रख रहे हैं तो इन छूटों का फायदा तुरंत उठा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, लाड़ली बहन योजना के तहत 1.26 करोड़ महिला लाभार्थियों को मिल रहा 1859 करोड़ का सीधा ट्रांसफ़र – इसका मतलब है कि महिलाओं की आय में इजाफा होगा और टैक्स‑पेयर को भी कम दायित्व।
SEBI के नए डेरिवेटिव नियमों से शेयर‑बाज़ार में हलचल बनी रही, लेकिन अगर आप CA के साथ मिलकर अपने पोर्टफ़ोलियो का रिस्क मैनेजमेंट कराते हैं तो नुकसान से बचना आसान होता है। बहुत सारे रिटेल ट्रेडर्स ने 2025 में लगभग ₹1.05 लाख करोड़ का नुक्सान झेला, पर सही बहीखाता और समय पर स्टॉप‑लोस् सेट करने से इस तरह की बड़ी हानि कम की जा सकती थी।
1. **बजट प्लानिंग**: हर महीने अपने खर्चों को तीन हिस्सों में बाँटे – अनिवार्य, आवश्यक और वैकल्पिक। CA की मदद से आप इनकी सही श्रेणी तय कर सकते हैं और बचत का लक्ष्य सेट कर सकते हैं।
2. **टैक्स रिटर्न फाइलिंग**: अगर आपका आयकर स्लैब 10% से नीचे है तो फ़ॉर्म‑4 के बजाय सरल ITR‑1 फाइल करें। इससे समय भी बचेगा और प्रोसेसिंग फीस कम होगी।
3. **निवेश पर रिटर्न चेक**: म्यूचुअल फंड, पीपीएफ या सुक्का बीमा में निवेश करने से पहले CA से पूछें कि कौन‑सी योजना आपके टैक्सेबल आय को सबसे अधिक कम करेगी। अक्सर लोग बिना सोचे‑समझे हाई‑रेटेड बॉन्ड्स में पैसा लगा देते हैं, जबकि उनका रिटर्न टैक्स के बाद बहुत घट जाता है।
4. **बहीखाता रख‑रखाव**: डिजिटल एप्प या क्लाउड‑आधारित सॉफ़्टवेयर का प्रयोग करें। यह न सिर्फ आपके लेन‑देनों को ट्रैक करता है, बल्कि साल के अंत में आयकर रिटर्न भरने में मदद भी करता है।
5. **अधिकतम छूटें लेना**: हेल्थ इन्शुरेंस प्रीमियम, शिक्षा ऋण का ब्याज़ या गृह लोऩ पर मिलने वाले टैक्स डिडक्शन को न भूलें। इनको बहीखाते में सही जगह लिखने से आपका कर‑बिल बहुत घट सकता है।
यदि आप अभी भी समझ नहीं पा रहे हैं कि कौन‑से फॉर्म भरें या किस छूट का उपयोग करें, तो तुरंत अपने पास के चार्टर्ड अकाउंटेंट से संपर्क करें। एक छोटा‑सा परामर्श अक्सर बड़ी बचत की चाबि बन जाता है।
अंत में याद रखें – वित्तीय स्वस्थ्य सिर्फ बड़े निवेशों से नहीं, रोज़मर्रा के छोटे‑छोटे फैसलों से बनता है। सही बहीखाता और टैक्स प्लानिंग के साथ आप न केवल वर्तमान में आराम महसूस करेंगे बल्कि भविष्य की अनिश्चितताओं का सामना भी आत्मविश्वास से कर पाएँगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईवाई इंडिया के एक कर्मचारी एना सेबास्टियन परायिल की मौत पर 'सहने में असमर्थ' टिप्पणी कर विवाद पैदा किया है। विपक्षी कांग्रेस ने उनके बयान को 'शिकार को दोषी ठहराने' के रूप में आलोचना की है। मंत्री ने विश्वविद्यालयों को तनाव प्रबंधन पाठ्यक्रम जोड़ने का आग्रह किया है।