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दिल्ली चलो पदयात्रा – आपके लिए आसान टिप्स और बेहतरीन रूट्स

अगर आप दिल्ली में रहते हैं या यहाँ से यात्रा शुरू करना चाहते हैं, तो पैदल यात्रा एक सस्ता और मज़ेदार तरीका है। ट्रैफिक के झंझट से बचकर, प्रकृति की आवाज़ सुनते हुए चलना दिल को ताजगी देता है। लेकिन शुरुआत में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, नहीं तो सफर अधूरा रह जाएगा।

पहले तैयारियां: क्या चाहिए और कैसे योजना बनाएं

सबसे पहले अपने पैरों के लिए सही जूते चुनें। हल्के, आरामदायक और अच्छे ग्रिप वाले स्नीकर्स सबसे उपयुक्त होते हैं। अगर आप लंबे रास्ते पर जाना चाहते हैं तो थोड़ा ब्रेकिंग सॉक्स भी ले लें, इससे पांव में फटने की संभावना कम रहती है।

पानी का इंतजाम न भूलें—एक छोटा रिफिलेबल बॉटल रखें और हर 30 मिनट में एक कप पानी पीएँ। मौसम के हिसाब से कपड़े पहनना भी जरूरी है; गर्मियों में हल्का टी‑शर्ट और टोपिया, सर्दियों में जैकेट और मफलर रखें।

मार्ग चुनते समय दूरी, ऊँचाई और रास्ते की कठिनाई देखिए। गूगल मैप्स या ओपनस्ट्रीटमैप पर ‘वॉकिंग ट्रेल’ फ़िल्टर से आसान रूट मिलेंगे। साथ ही स्थानीय सुरक्षा सूचना देखें; कुछ इलाकों में रात का सफर सुरक्षित नहीं माना जाता।

लोकप्रिय पैदल यात्राएं: दिल्ली के आस‑पास टॉप 3 रूट्स

1. राजगिरि ट्रेल (लगभग 12 किमी) – यह ट्रेल ग्रेटर नॉर्थ में शुरू होती है और हरी-भरी पहाड़ी रास्तों से होकर जाती है। शुरुआती लोगों के लिए सही, क्योंकि उचाई का फर्क कम है और हरियाली मन को शांति देती है। बीच‑बीच में छोटे पानी के फव्वारे भी मिलते हैं जहाँ आप रिफ्रेश हो सकते हैं।

2. सफ़रजंग बगीचा लूप (8 किमी) – दिल्ली के बाहर स्थित यह बगीचा ट्रैक पेड़‑पौधों और फूलों से घिरा है। सुबह की सैर में धुंध का नजारा बेहद खूबसूरत होता है। रास्ते में कई बेन्च हैं, इसलिए आराम कर सकते हैं या फोटो ले सकते हैं।

3. हिसार‑ह्रदयपुर पैदल मारग (15 किमी) – थोड़ा एडवेंचर चाहने वालों के लिये उत्तम। यह ट्रैक नदियों और छोटे पुलों से गुजरता है, इसलिए पानी की धारा सुनते हुए चलना बहुत ही रिफ्रेसिंग लगता है। थकावट महसूस होने पर आप किनारे बैठकर पिकनिक भी कर सकते हैं।

इन रूट्स को चुनते समय अपने फिटनेस लेवल के हिसाब से दूरी तय करें। अगर पहली बार लंबी पैदल यात्रा कर रहे हैं, तो 5‑7 किमी की छोटी ट्रेल से शुरू करना बेहतर रहेगा। धीरे‑धीरे स्टैमिना बढ़ाने पर आप बड़े रास्तों का आनंद ले पाएँगे।

एक और चीज़ जो अक्सर भूल जाती है लोग वह है ‘सुरक्षा’। अकेले यात्रा करने पर अपने मोबाइल में लोकेशन शेयर कर देना, या किसी दोस्त को अपनी योजना बता देना बहुत मददगार होता है। अगर रात के समय चलना पड़े तो टॉर्च या हेडलैंप साथ रखें और हल्की फ्लीयर नहीं बनाएं—दूर से आवाज़ सुननी चाहिए।

अंत में यह कहूँगा कि पैदल यात्रा सिर्फ फिटनेस नहीं, बल्कि दिल को खोलने वाला अनुभव है। दिल्ली की भीड़‑भाड़ से बाहर निकल कर जब आप खुली हवा में कदम रखेंगे तो मन के सारे बंधन टूट जाएंगे। अब समय आया है बैकपैक तैयार करने का और ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ शुरू करने का—चलें, नई राहों पर चलते हैं!

दिल्ली सीमा पर रोका गया सोनम वांगचुक का पदयात्रा: लद्दाख के अधिकारों के लिए आवाज उठाई
  • अक्तू॰ 1, 2024
  • Partha Dowara
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दिल्ली सीमा पर रोका गया सोनम वांगचुक का पदयात्रा: लद्दाख के अधिकारों के लिए आवाज उठाई

पर्यावरणविद् और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में 'दिल्ली चलो पदयात्रा' को दिल्ली सीमा पर पुलिस ने रोक दिया। यह पदयात्रा लद्दाख के मुद्दों को उठाने और केंद्र सरकार को उनके मांगों को लेकर बातचीत शुरू करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई थी।

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