अगर आप अंबेडकर की बातें, उनके सामाजिक सुधार या संविधान से जुड़े मुद्दे देखना चाहते हैं तो यह टैग पेज आपके लिए बना है। यहाँ हर लेख, इंटरव्यू और टिप्पणी को एक जगह जमा किया गया है जिससे आपको जल्दी‑से‑जल्दी वही मिल सके जो चाहिए।
डॉ. बि.र. अंबेडकर सिर्फ भारत के संविधान निर्माता नहीं, बल्कि सामाजिक समानता के सच्चे दूत थे। उनका मानना था कि शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता ही जातियों के बीच का अंतर मिटा सकती है। उन्होंने अपने जीवन में कई बार कहा – ‘जिनको अधिकार नहीं मिलता, उन्हें वही अधिकार देना चाहिए जो सबसे ज़्यादा जरूरत हो’। यह सोच आज भी दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों की राजनीति में गूंजती है।
उनके विचार को समझना मुश्किल नहीं—अगर आप चाहते हैं कि हर बच्चा पढ़े, तो स्कूलों का विकास और छात्रवृत्ति कार्यक्रम बढ़ाएँ। अगर आप रोजगार में समानता चाहते हैं, तो निजी‑सार्वजनिक साझेदारी के जरिए स्किल ट्रेनिंग को बढ़ावा दें। अंबेडकर ने यही कहा था, पर आज की सरकारें अक्सर इसे टाल देती हैं। इसलिए हर बार जब कोई नई नीति आती है, तो हम इस टैग पेज पर उसकी तुलना उनके मूल सिद्धांतों से करते हैं।
इस सेक्शन में आप सबसे हालिया समाचार और विश्लेषण पाएँगे—जैसे कि अंबेडकर के जन्मदिन पर सरकारी योजनाओं का मूल्यांकन, उनके विचारों को लेकर संसद में चल रही बहसें, या फिर सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रम। हर लेख छोटा, समझने आसान और तथ्य‑आधारित है, ताकि आप बिना झंझट के पढ़ सकें।
उदाहरण के तौर पर, हमने हाल ही में एक रिपोर्ट डालते हैं जिसमें बताया गया कि अंबेडकर की आर्थिक सिद्धांतों को आज के स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम में कैसे लागू किया जा सकता है। उसी तरह, कई लेखों में हम दिखाते हैं कि उनके सामाजिक न्याय के विचार अभी भी ग्रामीण भारत में शिक्षा पहुंचाने वाले एनजीओज़ को किस हद तक प्रेरित करते हैं।
अगर आप किसी खास विषय पर गहराई से पढ़ना चाहते हैं—जैसे आरक्षण नीति, महिला सशक्तिकरण या अंतरधार्मिक विवाह की कानूनी स्थिति—तो टैग पेज का फ़िल्टर इस्तेमाल करके तुरंत उस लेख को पा सकते हैं। हम लगातार नई सामग्री जोड़ते रहते हैं, इसलिए यहाँ हर बार नया कुछ मिल सकता है।
साथ ही, हमारी टिप्पणी सेक्शन में आप अपने विचार शेयर कर सकते हैं और अन्य पाठकों के साथ चर्चा भी कर सकते हैं। अक्सर पढ़े‑जाने वाले सवालों के जवाब हमारे विशेषज्ञ लिखते हैं, जिससे आपका समझना आसान हो जाता है।
तो देर मत कीजिए—स्क्रॉल करके अंबेडकर से जुड़ी सभी ख़बरें एक ही जगह देखिए और अपने ज्ञान को अपडेट रखें। राष्ट्रीय समाचार पर हम हमेशा सच्ची, भरोसेमंद जानकारी देने की कोशिश करते हैं, चाहे वह राजनीति हो, सामाजिक मुद्दे हों या इतिहास। आपके सवालों का जवाब देने के लिए हमारा टीम तैयार है, बस आप यहाँ से पढ़ना शुरू करें!
संविधान दिवस, जिसे 'समविधान दिवस' के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 26 नवंबर को भारत में भारतीय संविधान को याद करने के लिए मनाया जाता है जिसे 1949 में संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। यह दिन गणतंत्र दिवस से अलग है जो 26 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि यह संविधान के लागू होने का प्रतीक है। संविधान दिवस की पहल 2015 में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए की गई।