जब हम ड्रॉ, खेल में दो टीमें समान स्कोर पर पहुँचने की स्थिति. Also known as ड्रॉ रिजल्ट, it पॉइंट तालिका को सीधे प्रभावित करता है की बात करते हैं, तो तुरंत ड्रॉ शब्द दिमाग में आता है। यह शब्द सिर्फ़ क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि फुटबॉल, हॉकी और कई प्रतियोगिताओं में लक्ष्य को दर्शाता है। अक्सर बारिश या अन्य बाहरी कारणों से मैच अधूरा रह जाता है, फिर परिणाम ड्रॉ बन जाता है।
एक प्रमुख खेल क्रिकेट, बॉल और बैट से खेले जाने वाला अंतरराष्ट्रीय खेल में ड्रॉ का मतलब दोनों टीमों को एक‑पॉइंट मिलना होता है, जैसा कि न्यूज़ीलैंड‑पाकिस्तान मुकाबले में हुआ। इसी तरह मौसम, वायुमंडलीय स्थितियों का समुच्चय भी ड्रॉ को निर्धारित करने में बड़ी भूमिका निभाता है; बारिश के कारण कई मैच रद्द या बाधित होते हैं, फिर स्कोर बराबर रह जाता है। ड्रॉ की स्थिति को अंक तालिका में अंक, किसी टीम या खिलाड़ी द्वारा प्राप्त पॉइंट्स के रूप में दर्ज किया जाता है, जिससे लीग रैंकिंग पर असर पड़ता है।
ड्रॉ का प्रभाव केवल खेल तक सीमित नहीं रहता। व्यापारिक घटनाओं में भी “ड्रॉ” शब्द का प्रयोग लॉटरी या बिडिंग प्रक्रिया में होता है, जहाँ कई प्रतिभागियों को समान अवसर मिलता है। इसी कारण से इस टैग में कभी‑कभी आर्थिक या राजनीतिक समाचार भी आते हैं, जैसे ट्रेड शो का शुभारम्भ या वीज़ा नियमों में बदलाव, जहाँ विभिन्न पक्षों का समान योगदान या समान परिणाम देखा जाता है। इस विविधता को समझना मदद करता है कि ड्रॉ शब्द कितना बहुआयामी है।
नीचे आप कई लेख देखेंगे जिनमें ड्रॉ की विभिन्न परिस्थितियों, परिणामों और उससे जुड़े आंकड़े विस्तार से बताए गए हैं। चाहे आप क्रिकेट में ड्रॉ के तकनीकी पहलुओं को जानना चाहते हों, या मौसम की भविष्यवाणी कैसे मैच की समाप्ति को बदलती है, यहाँ सब कुछ उपलब्ध है। आगे बढ़ते हुए इन कहानियों से आप ड्रॉ के विभिन्न आयामों को समझ पाएँगे और अपने ज्ञान को अपडेट रख सकेंगे।
इंडिया U19 बनाम इंग्लैंड U19 दोहरा टेस्ट ड्रॉ, Hamza Saleem का शतक और दोनों टीमों की दमदार प्रदर्शन, लक्ष्य 355 पर भारत ने 290 बनाकर बराबरी सुरक्षित की।