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एनटिपीसि ग्रीन एनर्जी – नवीनतम अपडेट और विश्लेषण

आपने कभी सोचा है कि भारत की सबसे बड़ी पावर कंपनी अपने कोयला वाले प्लांट से हट कर सौर‑पवन में कैसे कदम रख रही है? आज हम आपको आसान शब्दों में समझाते हैं कि एनटिपीसि (NTPC) ने ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में कौन‑कौन सी पहलें शुरू की हैं और इसका हमारे रोज़मर्रा की जिंदगी पर क्या असर पड़ रहा है।

सौर ऊर्जा में NTPC का बड़ा कदम

पिछले दो साल में NTPC ने अपने मौजूदा कोयला प्लांट के साथ-साथ कई बड़े सौर पार्क बनवाए हैं। सबसे चर्चित प्रोजेक्ट ‘सुरजग्राम’ है, जो 500 MW की क्षमता वाला सोलर फ़ार्म है और राजस्थान में स्थित है। इस फ़ार्म से निकली बिजली सीधे ग्रिड में मिलती है, जिससे ग्रामीण इलाकों को भरोसेमंद बिजली मिल रही है। कंपनी ने कहा है कि अगले पाँच साल में कुल सौर क्षमता को 10 GW तक बढ़ाया जाएगा।

सुरजग्राम के अलावा NTNTPC ने मध्य प्रदेश और कर्नाटक में छोटे‑छोटे सोलर पावर यूनिट्स लगाए हैं, जो सरकारी सब्सिडी और टैक्स रिबेट से फायदेमंद हो रहे हैं। इन प्रोजेक्ट्स की खास बात यह है कि इन्हें स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है – निर्माण चरण में ठेकेदारों से लेकर रख‑रखाव तक।

विंड ऊर्जा में नई पहल

सौर के साथ-साथ पवन ऊर्जा पर भी NTPC ने तेज़ी से काम किया है। हाल ही में कंपनी ने गुजरात के कच्छ क्षेत्र में 1.5 GW क्षमता वाला विंड फ़ार्म शुरू किया, जिसे ‘हवा शक्ति’ कहा गया है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य लाभ यह है कि यहाँ की लगातार चलने वाली हवा साल भर स्थिर बिजली उत्पादन देती रहती है, जिससे कोयला प्लांट पर दबाव कम होता है।

विंड फ़ार्म से मिलने वाली ऊर्जा को स्मार्ट ग्रिड के जरिए बड़े शहरों में भेजा जाता है, और छोटे कस्बों में बैटरियों में स्टोर किया जाता है। इस तरह रात‑दिन दोनों समय बिजली सप्लाई बनी रहती है। NTPC का कहना है कि 2030 तक विंड क्षमता को 8 GW तक बढ़ाने की योजना है।

इन सौर‑पवन प्रोजेक्ट्स के अलावा कंपनी ने हाइड्रोजन और बायोमास जैसी नई तकनीकों पर भी रिसर्च शुरू किया है। अभी ये शुरुआती चरण में हैं, लेकिन अगर सफल रहे तो फॉसिल फ़्यूल पर पूरी तरह निर्भरता कम हो जाएगी।

सरकारी नीति भी इस बदलाव को तेज़ कर रही है। भारत ने 2030 तक 450 GW नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य रखा है, और NTPC जैसी बड़ी कंपनियों का सहयोग इस लक्ष्य को हकीकत में बदल सकता है। टैक्स इन्सेंटिव, सस्ती लोन और रीन्युएबल एग्रीमेंट्स (PPA) के कारण निवेशकों की रुचि बढ़ी है।

आप अगर एनटिपीसि की ग्रीन ऊर्जा योजनाओं में निवेश या करियर बनाना चाहते हैं तो अब सही समय है। कई स्टार्ट‑अप और तकनीकी फर्में NTPC के साथ साझेदारी कर रही हैं, जिससे नई जॉब्स और इनोवेशन का मौका मिल रहा है।

संक्षेप में, एनटिपीसि ने कोयला से दूर होकर सौर‑पवन पर ध्यान केंद्रित किया है, सरकारी समर्थन से गति मिली है, और अगले कुछ सालों में भारत की ऊर्जा मिश्रण में ग्रीन एनर्जी का हिस्सा बहुत बढ़ेगा। इस बदलाव को समझकर आप भी अपनी ऊर्जा खर्च, निवेश या करियर विकल्प बेहतर बना सकते हैं।

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी आईपीओ: 10,000 करोड़ रुपये का अवसर, क्या लगाना चाहिए दांव?
  • नव॰ 18, 2024
  • Partha Dowara
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एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी आईपीओ: 10,000 करोड़ रुपये का अवसर, क्या लगाना चाहिए दांव?

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का आईपीओ 19 नवंबर 2024 से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने जा रहा है। 10,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर यह आईपीओ 92.59 करोड़ शेयर के नए इश्यू के माध्यम से बाजार में आ रहा है। इसका मूल्य बैंड 102-108 रुपये प्रति शेयर है। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी इस फंड का उपयोग धारणधेन पुनर्भुगतान और उसके नवीन ऊर्जा में निवेश लिए करेगा।

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