भारत में हर महीने कम से कम एक बड़ा हिंदू त्योहार पड़ता है। इनकी तारीख पंचांग पर निर्भर करती है, इसलिए ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल बदल सकती हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि इस साल कौन‑से त्यौहार आएँगे और उन्हें घर में कैसे मनाएँ, तो नीचे दिया गया गाइड काम आएगा।
दीपावली – रोशनी का त्योहार है। लोग दीप जलाते, माँ लक्ष्मी की पूजा करते और मिठाइयाँ बाँटते हैं। घर साफ‑सफाई करके रौशन करना शुभ माना जाता है।
होली – रंगों का मज़ा है। गुड़िया के साथ गिलास में पानी डालकर रंग मिलाते हैं, फिर सभी को गुलाल लगाकर खुशी मनाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत दिखाता है।
नवरात्रि / दुर्गा पूजा – माँ दुर्गा की नौ रातों तक उपासना होती है। हर दिन अलग‑अलग रूप का सम्मान किया जाता है, और अंत में विजयादशमी मनाते हैं।
रक्षा बंधन – भाई-बहन के रिश्ते को बांधने वाला त्योहार है। बहन रक्षाबंधन की धागी बाँधती है, भाई सुरक्षा का वचन देता है और अक्सर मिठाई या उपहार देता है।
उषा (विषु) – भारत में कई क्षेत्रों में मनाया जाता है, जिसमें नयी फसल के स्वागत के लिए विशेष व्यंजन बनाते हैं।
पहले से कैलेंडर में सभी त्यौहार अंकित कर लें; मोबाइल ऐप या दीवार पर एक छोटा पंचांग रख सकते हैं। इससे तारीख भूलने का डर नहीं रहेगा।
त्योहार की तैयारी में परिवार को शामिल करें। बच्चों के साथ मिलकर रंग, फूल और मिठाइयाँ बनाना उन्हें उत्साहित करता है और यादें बना देता है।
पूजा सामग्री खरीदते समय स्थानीय बाजार से ताज़ा फल, फूल और धूप चुनें—यह लागत कम रखता है और वातावरण भी सच्चा रहता है।
यदि आप बाहर खाने की योजना बनाते हैं, तो पहले से रेस्टोरेंट में बुकिंग कर लें, खासकर दीपावली या होली जैसी पिक‑हाई दिनों में। इससे लंबी कतारें नहीं लगेंगी।
अंत में, फोटो और छोटे वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर करें—परिवार के साथ ये पल फिर से जीने का मज़ा बढ़ाता है।
हर त्योहारी मौसम में कुछ नया सीखते रहें। चाहे वह नई रेसिपी हो, या कोई पुरानी पूजा विधि जो पीढ़ियों से चली आ रही है, इसे अपनाने से आपका सांस्कृतिक जुड़ाव मजबूत होगा। तो अगली बार जब कैलेंडर पर किसी हिंदू त्योहार की झलक दिखे, तैयार रहिए—और अपने घर को खुशी और शांति से भर दीजिए।
शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, 16 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन का महत्व हिंदू धर्म में विशेष है, क्योंकि यह माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन के धार्मिक अनुष्ठान में खीर बनाना और चाँदनी में रखना शामिल है। यह पर्व भारत के विभिन्न हिस्सों में पूजा-पाठ, दान-पुण्य और सामाजिक समागम के साथ मनाया जाता है।