आपने हाल ही में जॉ बाइडन के बारे में कई बार सुना होगा – चाहे वह यूएस कांग्रेस में नई बिल्स हों या अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनके बयान। इस पेज पर हम सरल भाषा में समझेंगे कि बाइडन की नीतियां क्या कहती हैं और भारत को कैसे प्रभावित कर सकती हैं। अगर आप राजनीति में रुचि रखते हैं, तो यह लेख आपके लिये सही जगह है।
पहले बात करते हैं बाइडन की मुख्य पहलों की। राष्ट्रपति ने क्लाइमेट चेंज पर सख़्त एग्रीमेंट्स फिर से लागू किए, जिससे हर देश को उत्सर्जन घटाने का दायरा मिला। आर्थिक रूप में उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज बढ़ाया, ताकि रोजगार पैदा हो और छोटे व्यवसायों को राहत मिले। विदेश नीति में बाइडन ने कई मित्र देशों के साथ रक्षा समझौतों को मजबूत किया, विशेषकर भारत‑अमेरिका साझेदारी को आगे बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है।
इन कदमों का असर सिर्फ़ अमेरिकी जनता तक सीमित नहीं रहा; विश्व भर में निवेशकों और नीति निर्माताओं की नजरें बाइडन के निर्णयों पर टिकी हैं। उदाहरण के तौर पर, जब उन्होंने एंटी‑ट्रस्ट एक्टिविटी बढ़ाई, तो टेक कंपनियों की शेयर कीमतें झुकीं और बाजार ने नई दिशा ली।
अब सवाल उठता है – इस सबका भारत से क्या लेना‑देना? सबसे पहले, बाइडन की क्लाइमेट पॉलिसी ने भारत को सौर और विंड प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के नए अवसर दिए हैं। अमेरिकी फंडिंग और तकनीकी सहयोग से कई बड़े रीजनल प्रोजेक्ट्स अब तेज़ गति से चल रहे हैं।
दूसरा, रक्षा क्षेत्र में बाइडन की नीति ने भारत‑अमेरिका मिलिट्री एक्सरसाइज़ को बढ़ावा दिया। हालिया ‘इंडो-प्रशांत फोर्टिफिकेशन’ मीटिंग्स में दोनों देशों ने नई टेक्नोलॉजी शेयर करने का वादा किया, जिससे हमारे सशस्त्र बलों की क्षमताएं सुधरेंगी।
तीसरा, आर्थिक सहयोग के मामले में बाइडन ने भारत को ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में समर्थन दिया है। कई अमेरिकी कंपनियों ने भारतीय स्टार्ट‑अप्स में निवेश बढ़ाया है, जिससे युवा उद्यमी नए बाजारों तक पहुंच पाएंगे।
इन सभी बातों का सार यह है कि बाइडन की नीतियां सिर्फ़ अमेरिका के भीतर नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर असर डाल रही हैं, और भारत को भी इन बदलावों से लाभ उठाने के कई रास्ते मिल रहे हैं। अगर आप इस प्रवाह में आगे रहना चाहते हैं, तो हमें फ़ॉलो करें – राष्ट्रीयसमाचार हर दिन नई जानकारी लाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान वे क्वाड समिट में भाग लेंगे और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा के मकसद भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना है। मोदी ने न्यूयॉर्क में भारतीय प्रवासी को भी संबोधित किया।