हर साल 26 जुलाई को भारत में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। इस दिन 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की जीत का जश्न मनाते हैं। जब पाकिस्तान ने कारगिल पर कब्जा करने की कोशिश की, तो भारतीय सेना ने धैर्य और साहस से दुश्मन को पीछे हटवाया। यही कारण है कि यह तारीख राष्ट्रीय गर्व और शहीदों के सम्मान का प्रतीक बन गई।
1999 में कारगिल, लडाख की ऊँची पहाड़ी पर स्थित एक छोटा सा क्षेत्र था। पाकिस्तान ने अचानक उसपर अपने सैनिक भेजे और भारतीय पोस्टों को घेर लिया। भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, दो बटालियन भेजी और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद लड़ाई जीत ली। इस युद्ध में कई जवान शहीद हुए, लेकिन साथ ही एक बड़ी रणनीतिक जीत भी मिली।
जंग की सबसे बड़ी सीख यह थी कि उच्च पर्वतीय इलाकों में भी तैयार रहने की जरूरत है। भारत ने बाद में सेंट्रल कमांड को मजबूत किया और नई तकनीकें अपनाई। आज के सैनिक इन अनुभवों से सीखते हैं और अपनी तैयारी को बेहतर बनाते हैं।
इस दिन स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में झंडा फहराना अनिवार्य होता है। कई जगह पर शहीदों के सम्मान में समारोह होते हैं, जहाँ उनके परिवार को उपहार या सन्मानपत्र दिया जाता है। सरकारी अस्पतालों में रक्तदान कैंप लगे रहते हैं क्योंकि यह राष्ट्रीय सेवा का भी एक पहलू माना जाता है।
लॉस एंजेलिस में भारतीय दूतावास ने भी इस मौके पर भारत‑अमेरिका सहयोग की बातें बताई थीं, जिससे दिखता है कि कारगिल विजय केवल सीमा तक सीमित नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मित्रता का भी प्रतीक है। छोटे शहरों में तो लोकगीत और नृत्य के माध्यम से भी शहीदों को याद किया जाता है।
अगर आप घर पर इस दिन मनाना चाहते हैं, तो एक छोटी पूजा रख सकते हैं, राष्ट्रीय गान सुनें और अपने बच्चों को कारगिल की कहानियाँ सुनाएँ। इससे उन्हें देशभक्ति का एहसास होगा और भविष्य में जिम्मेदारी से भरपूर नागरिक बनेंगे।
कुल मिलाकर, कारगिल विजय दिवस सिर्फ एक छुट्टी नहीं, बल्कि हमारे इतिहास के उस मोड़ को याद दिलाता है जहाँ साहस ने जीत हासिल की थी। इस दिन को मनाते समय हमें शहीदों का सम्मान करना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि हम सब मिलकर देश को आगे कैसे ले जा सकते हैं।
कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई, 1999 को भारतीय सेना के गौरवशाली विजय की याद में मनाया जाता है। इस दिन, ऑपरेशन विजय के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय जवानों ने अपनी बहादुरी से जीत हासिल की। इस कार्यक्रम में विभिन्न राष्ट्रव्यापी समारोह, शैक्षिक गतिविधियाँ और स्मृति कार्यक्रम शामिल होते हैं।