क्या आप भी चश्मे को उतार‑पोतकर साफ़ नज़र चाहते हैं? कॉन्टैक्ट लेन्स आपके लिए आसान विकल्प बन सकते हैं। लेकिन सही जानकारी के बिना खरीदना या पहनना जोखिम भरा हो सकता है। इस लेख में हम बता रहे हैं कि लेन्स कैसे चुनें, किस बात का ध्यान रखें और रोज़मर्रा की देखभाल कैसे करें। पढ़िए और अपनी आँखों को स्वस्थ रखिए।
पहला कदम है ऑफ़्थैल्मोलॉजिस्ट से प्रिस्क्रिप्शन करवाना। बिना जांच के कोई भी लेन्स नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति की आँखों का आकार और रिफ़्रैक्शन अलग होता है। दूसरा, आप कौन सा टाइप चाहते हैं – सॉफ्ट दैनिक, दो‑हफ़्ते या महीने‑वाला? सॉफ्ट दैनिक सबसे हाइजीनिक होते हैं; एक दिन के बाद फेंक देते हैं, इसलिए इन्फेक्शन का खतरा कम रहता है। अगर बजट पर ध्यान देना है तो दो‑हफ़्ते वाले भी ठीक हैं, लेकिन उन्हें साफ़ रखना ज़रूरी है। तीसरा, लेन्स की सामग्री देखें – सिलिकॉन हाइड्रॉजेल आजकल सबसे आरामदायक माना जाता है क्योंकि यह ऑक्सीजन को अच्छी तरह पास होने देता है।
लेन्स पहनते‑समय हमेशा साफ़ हाथों से काम लें। साबुन और पानी से हाथ धोएँ, फिर अल्कोहल‑फ्री टॉवल पर सुखाएँ। लेन्स को निकालने के बाद केस में रखे हुए सॉल्यूशन को रोज़ बदलें; पुराना सॉल्यूशन बैक्टीरिया का घर बन सकता है। अगर आप दो‑हफ़्ते या महीने वाला लेन्स इस्तेमाल कर रहे हैं, तो हर दिन कम से कम 4‑5 बार साफ़ करें। आँखों में जलन या लालिमा महसूस होने पर तुरंत लेन्स निकालें और डॉक्टर से मिलें।
एक आम गलती है कि लोग लेन्स को पानी या आँसू के साथ धोते हैं; इससे सूक्ष्मजीव आसानी से बढ़ते हैं। हमेशा केवल ऑफ़्थैल्मोलॉजिस्ट द्वारा सुझाए गए क्लीनिंग सॉल्यूशन का इस्तेमाल करें। अगर आप स्विमिंग या जिम में पसीना बहता है, तो लेन्स को उतार‑बितर कर रखें, क्योंकि क्लोरीन और पसीने से लेन्स की सतह ख़राब हो सकती है।
लेन्स पहनते समय यदि आपको धुंधली दिखे या दृष्टि में बदलाव महसूस हो, तो तुरंत जांचें कि लेन्स सही तरीके से लगा है या नहीं। कभी‑कभी छोटी सी असुविधा भी आँखों के इर्रिटेशन का संकेत देती है। ऐसे में पेशेवर मदद लेना बेहतर रहता है, क्योंकि खुद से समस्या हल करने की कोशिश से आगे नुकसान हो सकता है।
अंत में, अगर आप पहली बार लेन्स ले रहे हैं तो एक ट्रायल पीरियड रखें। कई ब्रांड्स पहले दो‑हफ़्ते का टेस्ट पैक देते हैं, जिससे आप देख सकते हैं कि आपके लिए कौन सा टाइप सबसे आरामदायक है। इस दौरान नोट करें कि आँखें कितनी थकीं या नहीं, और फिर पूरी तरह से वही लेन्स चुनें जो आपकी ज़रूरतों के अनुकूल हो।
कॉन्टैक्ट लेन्स सही तरीके से चुनें, साफ़ रखें और नियमित जांच कराते रहें – इस सरल उपाय से आप स्पष्ट नज़र और स्वस्थ आँखों का आनंद ले सकते हैं।
जानी मानी टीवी अभिनेत्री जैस्मिन भसीन को कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के दौरान आंखों में दर्द हुआ, जो बाद में बड़ी तकलीफ में बदल गया। यह घटना दिल्ली में एक इवेंट के दौरान हुई। उनकी आंखों में चोट की पुष्टि डॉक्टरों ने की है और उनका मुंबई में उपचार चल रहा है।