जब आप मौसम विभाग, वो सरकारी एजेंसी है जो लगातार देश के विभिन्न हिस्सों की जलवायु स्थिति, तापमान, बरसात और आपदा जोखिम पर डेटा इकट्ठा करती है. Also known as Weather Department, it भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारत का प्रमुख मौसम संस्थान है जो राष्ट्रीय स्तर पर मौसम विज्ञान की रिसर्च और चेतावनी जारी करता है और मौसम पूर्वानुमान, विभाग द्वारा तैयार की गई भविष्य की मौसम स्थिति की भविष्यवाणी है, जिसमें वर्षा, तापमान और हवाओं की जानकारी होती है शामिल होते हैं। यह एजेंसी लगातार डेटा संग्रह (डेटा कलेक्शन) और मॉडलिंग (मॉडलिंग) पर निर्भर करती है, इसलिए मौसम विभाग का काम मौसम चेतावनी जारी करना, कृषि योजना बनाना और आपदा प्रबंधन में मदद करना है।
मौसम विभाग की प्रमुख सेवाओं में से एक है मौसम पूर्वानुमान—जो दैनिक, साप्ताहिक और दीर्घकालिक भविष्यवाणी प्रदान करता है। यह सेवा किसानों को बीज बोने‑कटाई के सही समय चुनने में, स्कूलों को छुट्टियों की योजना बनाने में और यात्रियों को यात्रा‑सुरक्षा के बारे में सुझाव देने में मदद करती है। दूसरा महत्वपूर्ण पहलू बारिश चेतावनी है; जब विभाग भारी बारिश या बवंडर की संभावना देखता है, तो वह तुरंत अलर्ट जारी करता है, जिससे नागरिकों को समय पर सुरक्षित स्थानों में जाने का अवसर मिल जाता है। बारिश चेतावनी अक्सर आफत प्रबंधन टीमों को तैयार करती है, जिससे बाढ़, तुषार या जलभ्रष्टता जैसी आपदाओं की रोकथाम बेहतर होती है।
जलवायु परिवर्तन (Climate Change) भी मौसम विभाग के काम को नज़र में रखता है। गर्मी की लहरें, असामान्य बरसात और समुद्री‑तटवर्ती तूफान सभी इस बड़े परिवर्तन का हिस्सा हैं। विभाग इन रुझानों को मॉनिटर करके सरकार को नीति‑निर्धारण में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर, 2025 में गुजरात में 21 सेमी+ बारिश की चेतावनी ने स्थानीय प्रशासन को तैयार किया, जिससे बुनियादी ढाँचा मजबूत बना और नुकसान कम हुआ। इसी तरह, दिल्ली‑एनसीआर में बिखरी हुई बारिश ने ट्रैफ़िक जाम और उड़ान‑रुकावट को पूर्वानुमानित किया, जिससे यात्रियों को वैकल्पिक योजनाएँ बनाने का मौका मिला।
इन सभी कार्यों में डेटा संग्रह और रिमोट सेंसिंग तकनीकें मुख्य भूमिका निभाती हैं। सैटेलाइट इमेज, ग्राउंड स्टेशनों और मोबाइल एप्लिकेशन्स से मिलते‑जुलते डेटा को प्रोसेस करके विभाग सटीक मॉडलों को अपडेट करता है। इस प्रक्रिया का एक हिस्सा है मौसम संकेतक जैसे तापमान, आर्द्रता, दबाव और वायुदाब। इन संकेतकों की सही व्याख्या से सटीक पूर्वानुमान संभव हो पाते हैं, जो कृषि, ऊर्जा और पर्यटन उद्योगों के लिए अमूल्य है।
जब बात मौसम की होती है, तो आवासीय क्षेत्र और शहरी नियोजन भी विभाग से जुड़ते हैं। शहर planners बारिश‑परिवहन के मार्ग, जल निकासी प्रणाली और सड़कों के डिज़ाइन में विभाग के डेटा का उपयोग करते हैं। इससे न केवल मौजूदा समस्याओं का हल मिलता है, बल्कि भविष्य के संभावित जल‑संकटों से बचाव के कदम भी स्पष्ट होते हैं।
आज के डिजिटल युग में मौसम विभाग ने अपने एप्प और वेबसाइट के ज़रिये रीयल‑टाइम अपडेट उपलब्ध करवाए हैं। उपयोगकर्ता अपने मोबाइल पर तुरंत ताज़ा मौसम रिपोर्ट, अलर्ट और विस्तृत 7‑दिनीय पूर्वानुमान देख सकते हैं। इस इंटरफ़ेस में स्थान‑आधारित सेवा शामिल है, जिससे हर छोटा‑बड़ा शहर, गांव या पहाड़ी इलाका भी सटीक जानकारी पा सकता है।
संक्षेप में, मौसम विभाग का काम सरल नहीं है—यह विज्ञान, तकनीक और जनता के बीच सेतु बनाता है। चाहे वह किसान हों, विद्यार्थी हों या व्यापारिक टीमें, सबको सही समय पर मौसम‑सूचना चाहिए। नीचे आप विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लेख, रिपोर्ट और विशेषज्ञ विश्लेषण पाएँगे, जिनमें हाल के बारिश‑अलर्ट, तापमान‑वृद्धि, और जलवायु‑परिवर्तन के प्रभावों की गहराई से चर्चा है। इन लेखों को पढ़कर आप न केवल अपने रोज़मर्रा के निर्णय बेहतर बना पाएँगे, बल्कि भविष्य की योजना में भी अधिक सुदृढ़ रहेंगे।
5 अक्टूबर 2025 को दिल्ली‑एनसीआर में 6.3 mm बारिश का अलर्ट जारी, तापमान 28‑38°C रहेगी। नोएडा, गाज़ियाबाद, आगरा और पटना के मौसम की विस्तृत जानकारी।