सबसे पहले तो ये समझिये कि रिश्ते का आधार एक‑दूसरे को सुनना है। जब आप अपनी बात साफ़‑साफ़ कहेंगे और साथी की बातें बिना रोक‑टोक सुनेगे, तो छोटी‑छोटी उलझनें बड़े झगड़े में नहीं बदलेंगी।
हर दिन कम से कम 10‑15 मिनट सिर्फ एक‑दूसरे को देख कर बात करने के लिए निकालिए। इसमें फोन की स्क्रीन नहीं, बल्कि आँखों में आंखें मिलाकर बात करनी चाहिए। अगर कोई चीज़ परेशान कर रही है तो तुरंत बताइए, दबी हुई बातें बाद में बड़े मुद्दे बन सकती हैं।
सवाल पूछते समय ‘तुम क्यों’ की बजाय ‘मैं समझना चाहूँगा कि…’ कहिए। इससे सामने वाले को बचाव का मोड नहीं आता और खुलकर जवाब देने में आसानी होती है।
भरोसा रिश्ता बनाता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा जाँच‑पड़ताल भी दूरी बढ़ा देती है। एक दूसरे की निजी जगह को सम्मान दीजिए – जैसे दोस्तों के साथ समय बिताना या शौक में लगे रहना। अगर आप दोनों का भरोसा मजबूत है तो छोटी‑छोटी बातों पर शक नहीं होगा।
एक-दूसरे की सराहना भी उतनी ही ज़रूरी है जितनी आलोचना। जब साथी कुछ अच्छा करे, तुरंत ‘धन्यवाद’ या ‘अच्छा किया’ कहें। इस छोटे से कदम से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और रिश्ते में प्यार का माहौल बना रहता है।
कभी‑कभी झगड़े हो ही जाते हैं; महत्वपूर्ण बात यह है कि आप कैसे सुलझाते हैं। गुस्सा आने पर थोड़ा रुकिए, सांस लेइए फिर शांत मन से समझाइए क्या समस्या है। ‘मैं’ के साथ शुरू होने वाले वाक्य जैसे ‘मैं ऐसा महसूस करता हूँ…’ इस्तेमाल करने से सामने वाला बचाव में नहीं फंसता।
यदि आप दोनों के बीच कोई बड़ा मुद्दा हो, तो एक‑दूसरे की भावनाओं को लिख कर भी साझा किया जा सकता है। लिखित शब्द कभी‑कभी बोलते समय छूट जाने वाले जज़्बातों को साफ़ करता है और समाधान आसान बनाता है।
अंत में यह याद रखिए – प्यार कोई गाड़ी नहीं जो एक बार चलती रहे, बल्कि रोज़ रिफिल होने वाला टैंक है। छोटी‑छोटी देखभाल, सुनना, सराहना और भरोसा मिलकर इस टैंक को भरते हैं। तो आज से ही इन आसान कदमों को अपनाइए और अपने प्रेम संबंध को नया स्फूरत दें।
श्रद्धा कपूर और लेखक राहुल मोदी के बीच प्रेम संबंध की चर्चाएं हैं। 'तू झूठी मैं मक्कार' की शूटिंग के दौरान दोनों करीब आए। दोनों मुंबई में डिनर डेट पर भी देखे गए थे। परिवारों की स्वीकृति के बावजूद, कपल अपने रिश्ते को सार्वजनिक करने से बच रहा है।