क्या आपने कभी सोचा है कि कोई कार खुद‑से चलकर आपके दरवाज़े तक पहुंच जाए? यही बात रोबोटैक्सी कहती है। आज कई बड़े कंपनियों ने अपने स्वचालित वाहन को भारतीय सड़कों पर टेस्ट करने का वादा किया है, और कुछ शहरों में पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू हो चुके हैं। अगर आप इस नई तकनीक के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे पढ़िए, कैसे काम करती है, कहां चल रही हैं, और क्या चुनौतियां अभी बाकी हैं।
रोबोटैक्सी का दिमाग एक कंप्यूटर सिस्टम होता है जो सेंसर, कैमरा, लेज़र लिडार (LiDAR) और GPS से जुड़ा रहता है। इन उपकरणों की मदद से कार अपने आसपास के ट्रैफ़िक, पाद यात्रियों और रोड साइन को रीयल‑टाइम में पढ़ती है। फिर एआई एल्गोरिदम तुरंत तय करता है कि कब तेज़ी बढ़ाए, कब ब्रेक लगाए या लेन बदलें। ड्राइवर की जगह एक सॉफ्टवेयर ही सभी फैसले लेता है, इसलिए यात्रियों को कोई मानवीय गलती का डर नहीं रहता।
सुरक्षा के लिये कई स्तर होते हैं: अगर सेंसर में कोई गड़बड़ी दिखे तो कार तुरंत सुरक्षित जगह पर रुक जाती है और दूरस्थ ऑपरेटर से मदद माँगती है। साथ ही, सभी सॉफ्टवेयर अपडेट क्लाउड से लगातार भेजे जाते हैं ताकि नई सड़क नियम या मौसम की स्थिति को समझा जा सके।
बॉम्बे, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में कुछ कंपनियों ने पायलट राइड्स शुरू कर दी हैं। उदाहरण के तौर पर, एक बड़ी कार निर्मात्री कंपनी ने 2024 में बॉम्बे के कुछ मुख्य रोड पर बिना चालक वाली टैक्सी चलाने का लाइसेंस प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि इन वाहनों से ट्रैफ़िक जाम घटेगा और पर्यावरण को कम नुकसान होगा।
लेकिन भारत की सड़कों की खासियत भी आसान नहीं है। तेज़ मोड़, अनियमित पार्किंग और कभी‑कभी पाद यात्रियों का अचनाक रास्ता काटना ऐसी चीजें हैं जो अभी तक सभी रोबोटैक्सियों को समझ में पूरी तरह नहीं आतीं। इसलिए कई स्टार्टअप्स ने ‘हाइब्रिड मोड’ पेश किया है – जहाँ चालक केवल आपातकालीन स्थितियों में कार को संभालता है, जबकि रोज़मर्रा की राइड्स स्वायत्त रहती हैं.
नियम भी धीरे‑धीरे बन रहे हैं। भारतीय ट्रैफ़िक पुलिस ने हाल ही में एक ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की जिसमें रोबोटैक्सी के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया, बीमा नियम और डेटा प्राइवेसी को कवर किया गया है। ये दिशा‑निर्देश कंपनियों को स्पष्टता देते हैं, पर अभी कई बिंदु जैसे रूट ऑप्टिमाइजेशन और पेड स्ट्रीट में चलना पर चर्चा जारी है.
यदि आप रोबोटैक्सी का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं तो सबसे पहले ऐप डाउनलोड करें, अपनी लोकेशन डालें और कीमत देख लें। अधिकांश सेवाएँ पेमेंट के लिए UPI या कार्ड स्वीकार करती हैं, इसलिए नकद लेकर घबराने की जरूरत नहीं। एक छोटी टिप दे सकते हैं अगर आप महसूस करते हैं कि सवारी आरामदायक रही – इससे सेवा को सुधारने में मदद मिलती है.
आगे देखते हुए, रोबोटैक्सी का भारत में बड़ा भविष्य हो सकता है। जैसे‑जैसे तकनीक परिपक्व होगी और नियम स्पष्ट होंगे, कीमतें भी घटेंगी, जिससे आम लोग इस सुविधा से लाभ उठा पाएंगे. तो अब इंतजार न करें, अगली बार जब आप टैक्सी बुक करें, देखें क्या कोई रोबोटैक्सि विकल्प उपलब्ध है – यह आपके समय, पैसे और पर्यावरण के लिये बेहतर हो सकता है.
एलन मस्क अपने लंबे समय से प्रतीक्षित टेस्ला रोबोटैक्सी का अनावरण करने जा रहे हैं, जो एक पूर्ण स्वायत्त वाहन है। यह लॉन्च स्वायत्त वाहन उद्योग में क्रांति लाने का दावा करता है और इस क्षेत्र में अग्रणी बनने की कोशिश करता है। हालांकि, टेस्ला के इतिहास में समयसीमा को पूरा करने की चुनौतियाँ और तकनीकी अवरोधों के कारण यह देखना होगा कि यह लॉन्च कितनी सफल होती है।