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शेयर बिड की पूरी गाइड: शुरुआती से प्रो तक

अगर आप शेयर बाजार में नए हैं और बिड शब्द सुनते ही दिमाग में जटिल गणित की छवि बन जाती है, तो आप अकेले नहीं हैं। बिड असल में बहुत सीधा है – आप किसी स्टॉक को ख़रीदने या बेचने की इच्छा को एक कीमत के साथ बताते हैं।

बिड दो तरह की होती है: खरीद बिड (Buy Bid) और बेच बिड (Sell Bid). खरीद बिड में आप बताते हैं कि आप कितना शेयर, किस कीमत पर चाहते हैं। बेच बिड में आप बताते हैं कि आप किस कीमत पर शेयर बेचेंगे। जब खरीदार और विक्रेता की कीमत मिलती‑जुलती है, तो ट्रेड प्रभावी हो जाता है।

बिड कैसे लगाएँ – स्टेप‑बाय‑स्टेप

1. **ब्रोकरेज अकाउंट खोलें** – सबसे पहले एक भरोसेमंद ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म पर अकाउंट बनाएं। 2. **स्टॉक चुनें** – आप जिस कंपनी के शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं, उसका नाम या टिकर सिम्बोल डालें। 3. **बिड कीमत तय करें** – अगर आप खरीद रहे हैं, तो वह कीमत डालें जो आप भुगतान करने को तैयार हैं। बेच रहे हैं तो वह कीमत डालें जो आप चाहते हैं। 4. **क्वांटिटी सेट करें** – कितने शेयर चाहिए/बेचे जाएंगे, वह टाइप करें। 5. **ऑर्डर सबमिट करें** – सब कुछ जांच कर ‘बिड लिस्ट’ में जोड़ें। आपके बिड को मार्केट में टॉररेन्ट बिड के साथ दिखाया जाएगा।

जब भी कोई दूसरा ट्रेडर आपकी बिड के अनुरूप कीमत पर शेयर रखता है, तो आपका ऑर्डर तुरंत पूरे हो जाता है। अगर नहीं, तो आपका बिड खुला रहता है और अगले ट्रेड सत्र तक रहता है, या जब तक आप इसे कैंसल नहीं करते।

बिड के फायदे और नुक्सान

फायदे: बिड लगाने से आप अपनी इच्छित कीमत पर शेयर खरीद या बेच सकते हैं, यानी मार्केट की उलट‑फेर से बचते हैं। अगर आप लम्बी अवधि के निवेशक हैं, तो बिड से बेहतर एंट्री पॉइंट मिल सकता है।

नुक्सान: बिड पूरी तरह से फुलफिल नहीं हो सकती अगर आपका दाम बाजार से बहुत अलग है। ऐसे में आपका ऑर्डर प्रलंबित रहता है और अवसर चूका रह जाता है। कभी‑कभी बिड कैंसिल करने में भी छोटे‑छोटे शुल्क लग सकते हैं, जिसको ब्रोकरेज की शर्तें तय करती हैं।

ध्यान देने वाली बात ये है कि बिड लगाते समय मार्केट की मौजूदा कीमत, ट्रेंड और वॉल्यूम को देखना ज़रूरी है। अगर आप रोज़मर्रा की खबरों में SEBI के डेरिवेटिव नियम या बड़े बैंकों के शेयर लोच को देख रहे हैं, तो वह संकेत दे सकता है कि बिड रणनीति बदलनी चाहिए।

उदाहरण के तौर पर, हाल ही में SEBI के डेरिवेटिव्स प्रस्ताव से कई शेयरों में अचानक उतार‑चढ़ाव आया। ऐसे में खरीदारों ने बिड कीमत घटाकर जोखिम कम किया, जबकि बेचने वाले बिड बढ़ा कर टॉलरेंस बढ़ा। अगर आप इन बदलावों को फॉलो नहीं करेंगे, तो बिड फुलफिल नहीं होगी और आपका पैसा फ़ंसेगा।

एक और उपयोगी टिप – लिमिट ऑर्डर और मार्केट ऑर्डर के बीच ग़ौर करें। बिड कई बार लिमिट ऑर्डर जैसा होता है, यानी आप कीमत तय करते हैं। मार्केट ऑर्डर तुरंत मौजूदा कीमत पर खरीदे‑बेचेगा, लेकिन कीमत पर कोई कंट्रोल नहीं।

सामान्य तौर पर, शेयर बिड को समझना और उपयोग करना उतना ही आसान है जितना आप एक छोटी नोटबुक में ‘मैं यह कीमत दूँगा’ लिखते हैं। बस याद रखें, सही टाइमिंग और सही कीमत ही आपको लाभ देती है। अब आप भी बिड लगाकर अपनी ट्रेडिंग को प्रोफ़ेशनल बनाएं!

Ather Energy IPO: कीमत बैंड, अलॉटमेंट और टाइमलाइन की पूरी जानकारी
  • सित॰ 23, 2025
  • Partha Dowara
  • 9 टिप्पणि
Ather Energy IPO: कीमत बैंड, अलॉटमेंट और टाइमलाइन की पूरी जानकारी

Ather Energy का आईपीओ 28 अप्रैल को शुरू हुआ, कीमत बैंड ₹304‑₹321 और कुल आकार ₹2,980 करोड़। ग्रे मार्केट में प्रतिक्रिया सुस्त रही, लेकिन कंपनी FY24 में 1.09 लाख स्कूटर बेच कर तीसरा बड़ा ईवी ब्रांड बन गया। सब्सक्रिप्शन न्यूनतम ₹13,984 से, एलैड मैनेजर्स में Axis, HSBC, JM Financial और Nomura शामिल। अलॉटमेंट 2 मई, लिस्टिंग 6 मई तय।

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