सौर ऊर्जा यानी सूरज की रोशनी को विद्युत में बदलना। आजकल जब बिजली का बिल बढ़ रहा है, सोलर पैनल लगाकर आप अपने घर की लाइट और एसी चलाने के लिये खुद ही बिजली बना सकते हैं। इस प्रक्रिया में कोई ईंधन नहीं लगता, सिर्फ धूप चाहिए।
भारत में साल भर औसतन 300‑350 दिन धूप मिलती है, इसलिए सोलर ऊरजा का उपयोग बहुत फायदेमंद है। एक छोटे घर के लिये 3‑5 किलowatt पिक (kWp) सिस्टम काफी रहता है और इससे लगभग 15‑20% बिल घटता है।
पहला काम – जगह चुनें। छत खुली हो, बिना छाया के और धूप की दिशा सही हो तो बेहतर परिणाम मिलेगा। फिर एक भरोसेमंद इंस्टॉलर से कोटेशन ले लें। अच्छे रीव्यू वाले कंपनी से ही संपर्क करें, क्योंकि कनेक्शन की क्वालिटी सीधे आउटपुट को प्रभावित करती है।
दूसरा – सिस्टम डिजाइन. पैनल के आकार, इन्वर्टर (डायरेक्ट करंट को एसी में बदलने वाला) और बैटरी (अगर आप स्टोरेज चाहते हैं) तय करें। अधिकांश घरों को बिना बैटरियों के भी चलाया जा सकता है क्योंकि ग्रिड से कनेक्शन रहता है; जब धूप नहीं होगी तो बिजली ग्रिड सप्लाई ले लेते हैं।
तीसरा – इंस्टालेशन. पेशेवर टीम पैनल को सही एंगल पर लगाते हैं, फिर वायरिंग और इन्वर्टर सेट करते हैं। काम खत्म होते ही वे आपको सिस्टम की टेस्ट रीडिंग दिखाएंगे। यह चरण सबसे महत्वपूर्ण है; गलत एंग्ल से आउटपुट कम हो जाता है।
चौथा – अनुमोदन और कनेक्शन. सरकार के नियम अनुसार, आपको सॉलर एनर्जी पावर प्रोडक्शन (SEPP) या राज्य की बिजली विभाग में रजिस्टर करना पड़ता है। अधिकांश कंपनियां इस काम भी संभाल लेती हैं। एक बार मंजूरी मिलते ही आप ग्रिड से कनेक्ट हो जाते हैं और बचत शुरू होती है।
भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये कई स्कीम चल रही हैं। केंद्र सरकार का "सोलर पावर इन इंडिया" मिशन, राज्य स्तर की सॉलर सब्सिडी, तथा राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा योजना (एनसीएसए) से आप 30‑40% तक खर्च में कटौती पा सकते हैं। कुछ राज्यों में सीधे कैश बैक या टॅक्स रिबेट भी मिलता है।
लागत बचत का हिसाब लगाने के लिये पहले सिस्टम की कीमत, इंस्टॉलेशन फीस और वार्षिक रखरखाव को जोड़ें। फिर अनुमानित बिजली बिल घटाव (औसत 15‑20%) से तुलना करें। कई घरों ने 3‑4 साल में निवेश पूरी तरह वसूला है, उसके बाद शुद्ध लाभ शुरू हो जाता है।
ध्यान रखें कि सॉलर पैनल की लाइफटाइम लगभग 25 साल होती है और वार्षिक सफाई तथा इन्पुट एंगल चेक करने से आप अधिकतम उत्पादन बना सकते हैं। अगर आपको शुरुआती खर्च ज्यादा लग रहा है, तो लीज या रेंट‑ए‑बिल मॉडल देखिए; इससे पहले पेमेंट कम हो जाता है और आप तुरंत बचत शुरू कर सकते हैं।
आखिर में यह कहना सही रहेगा कि सोलर ऊरजा न सिर्फ बिजली बिल घटाता है, बल्कि पर्यावरण को भी साफ रखता है। अगर आपके पास थोड़ी सी धूप वाली छत है, तो एक बार प्लान बनाकर देखिए—आपको आश्चर्य होगा कि कितना आसान और किफायती हो सकता है अपने घर में सौर ऊर्जा लाना।
प्रिमियर एनर्जीज लिमिटेड, एक प्रमुख सोलर सेल और मॉड्यूल निर्माता, ने अपने आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के पहले ही बड़े निवेशकों से 846 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। कंपनी ने 1.88 करोड़ इक्विटी शेयर 60 फंड्स को प्रति शेयर 450 रुपये के मूल्य पर आवंटित किए। आईपीओ 27 अगस्त को खुलेगा और 29 अगस्त को बंद होगा, जिसका प्राइस बैंड 427-450 रुपये प्रति शेयर है।