वेनिस फ़िल्म फेस्टिवल हर साल इटली के वेनिस में आयोजित होता है। यह दुनिया का सबसे पुराना अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव माना जाता है, इसलिए यहाँ दिखने वाली फिल्मों में अक्सर नई प्रवृत्तियों की झलक मिलती है। अगर आप फ़िल्म प्रेमी हैं तो इस इवेंट को मिस नहीं करना चाहेंगे।
1932 में शुरू हुआ वेनिस फेस्टिवल, अब तक 80 से अधिक वर्षों की परंपरा रखता है। हर साल यहाँ कई देशों के निर्देशक अपनी नई रचनाएँ पेश करते हैं और जूरी सबसे बेहतरीन फ़िल्म को ग्रैंड प्री पुरस्कार देती है। इस इवेंट का असर सिर्फ़ फिल्म उद्योग तक सीमित नहीं; यह सांस्कृतिक संवाद, नए कलाकारों की खोज और दर्शकों के स्वाद में बदलाव लाता है।
इस साल फेस्टिवल में कई भारतीय फ़िल्में भी चयनित हुई हैं। एक्शन‑थ्रिलर, सामाजिक मुद्दों पर आधारित ड्रामा और इंडी प्रोजेक्ट्स सभी ने ध्यान खींचा है। खासकर ‘फतह’ जैसी सायबरक्राइम थीम वाली फिल्म को कई समीक्षकों ने सराहा है। विदेशियों में भारतीय फ़िल्मों की लोकप्रियता बढ़ रही है, इसलिए अगर आप देखना चाहते हैं कि भारत का नया लहजा क्या है तो यह मौका बेहतरीन है।
फेस्टिवल के दौरान पैनल डिस्कशन, वर्कशॉप और रेट्रो स्क्रीनिंग भी होते हैं। यदि आप फ़िल्म निर्माण में रुचि रखते हैं तो इन इवेंट्स से सीख सकते हैं कि बड़े बजट की फिल्में कैसे बनती हैं, या इंडी फ़िल्ममेकर अपने काम को कैसे प्रमोट करते हैं।
फेस्टिवल के प्रमुख पुरस्कारों में ग्रैंड प्री, ऑरोलो जूरी प्राइस और ल्यूकास साउथविक अवार्ड शामिल हैं। इनकी सूची हर साल बदलती रहती है, इसलिए वर्तमान विजेताओं की खबरें जल्दी ही अपडेट हो जाती हैं। आप इन्हें हमारी साइट पर भी फॉलो कर सकते हैं ताकि कोई महत्वपूर्ण अपडेट छूट न जाए।
फ़ेस्टिवल देखना आसान है – अगर आप इटली में नहीं जा रहे तो ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव या बाद में देखें। कई बार वेनिस के आधिकारिक साझेदारों द्वारा रीकॉर्डेड सत्र उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे घर बैठे भी फ़िल्में देख सकते हैं। टिकट की कीमत और समय-सारणी फेस्टिवल की वेबसाइट पर मिल जाएगी; बस एक क्लिक में बुकिंग कर लें।
सिर्फ़ बड़े पर्दे का आनंद नहीं, यहाँ दर्शकों के बीच इंटरैक्टिव सत्र भी होते हैं जहाँ आप निर्देशक से सवाल पूछ सकते हैं या फ़िल्म की बैकस्टोरी जान सकते हैं। यह अनुभव सामान्य सिनेमाघर में नहीं मिलता, इसलिए अगर आपको फ़िल्मों के पीछे की कहानी में रुचि है तो इस हिस्से को ज़रूर देखिए।
अंत में, वेनिस फेस्टिवल का सबसे बड़ा आकर्षण विविधता है – यहाँ आप यूरोप की आर्ट हाउस फ़िल्में, एशिया की इंडी मूवीज और अमेरिकी ब्लॉकबस्टर्स एक ही मंच पर देखते हैं। यह मिश्रण दर्शकों को नई सोच देता है और फिल्म बनाते समय क्या ट्रेंड्स चल रहे हैं, इसका पता चलता है। इसलिए अगली बार जब आप फ़िल्मों के बारे में बात करें तो वेनिस फेस्टिवल की कुछ बातें जरूर जोड़ें – इससे आपका वार्तालाप रोचक बनेगा।
निकोल किडमैन ने एक बार फिर वेनिस फिल्म फेस्टिवल में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, इस बार हलीना रेन द्वारा निर्देशित इरोटिक थ्रिलर 'Babygirl' के साथ। फिल्म को छह मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन मिला। किडमैन के आगामी प्रोजेक्ट्स उनकी सतत प्रासंगिकता और समर्पण को दर्शाते हैं।