राष्ट्रीय समाचार
  • हमारे बारे में
  • सेवा की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • संपर्क करें

‘विदुथलाई पार्ट 2’ रिव्यू: गहन प्लॉट और तीव्र नाटक की समीक्षा

‘विदुथलाई पार्ट 2’ रिव्यू: गहन प्लॉट और तीव्र नाटक की समीक्षा
  • दिस॰ 20, 2024
  • अर्जुन वर्मा
  • 0 टिप्पणि

'विदुथलाई पार्ट 2': गहन प्लॉट और तीव्र नाटक

वे लोग जिन्होंने वेत्री मारन की फिल्‍म 'विदुथलाई पार्ट 1' का आनंद लिया, वे इसके अगली भूमिका 'विदुथलाई पार्ट 2' की वृद्धि देखेंगे। यह फिल्म जहां से पहली छोड़ी गई थी वहीं से अपनी कहानी शुरू करती है। यहां की कहानी मुड़कर विजय सेतुपति के किरदार पेरुमल पर ध्यान केंद्रित करती है, जो एक शिक्षक से नक्सली बनने के अपने उल्लेखनीय सफर को दर्शाती है। फिल्म की लंबाई 172 मिनट है और यह कहानी कई जटिल मुद्दों को सामने लाती है जो उचित सामाजिक न्याय और राजनैतिक संघर्ष के बारे में हैं।

पेरुमल का सफर और संघर्ष

विजय सेतुपति के किरदार पेरुमल की कहानी उसके शिक्षक से नक्सली बनने के सफर पर केंद्रित है। यह सफर हमें उस बदलाव की छानबीन कराता है जो न केवल व्यक्तिगत है बल्कि सामाजिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। पेरुमल की चेतना और उसके चारों ओर के परिवर्तनों को बड़े ही ख़ूबसूरती से दर्शाया गया है। यह फिल्म हमें कई पल ऐसे देती है जो हमें नजदीक से सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर कार कोई योग्‍य और जानकार व्यक्ति अपने सामाजिक और राजनैतिक सीमाओं को कैसे बढ़ा सकता है।

फिल्म के दृश्य और निर्देशन

फिल्म में वी. वेलराज की सिनेमैटोग्राफी असाधारण है, विशेष रूप से जंगल के दृश्य और फ्लैशबैक सीक्वेंस में। ये दृश्य कहानी की गहराई और किरदारों के आंतरिक संघर्ष को और उभरने में मदद करते हैं। फिल्म के एडिटिंग का पैटर्न और साउंड डिज़ाइन शानदार हैं, जो दर्शकों के लिए अनुभव को और अधिक प्रभावी बनाते हैं। हालांकि, कभी-कभी इसका उपयोग फिल्म में थकान पैदा करने वाली दृश्यक्रमों का संतुलन कर पाने में विफल रहता है।

अभिनय और कला कार्य

फिल्म का महत्वपूर्ण पहलू है इसके कलाकारों का बेहतरीन प्रदर्शन। विजय सेतुपति के द्वारा पेरुमल के किरदार में लाए गए गहराई और भावनाओं को सराहा जाना चाहिए। उनके अभिनय में निखार साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसके अलावा, राजीव मेनन का सुब्रयमियन का किरदार और चेतन का कुमारेश के बॉस का किरदार भी ध्यान खींचते हैं। मन्जू वारियर का किरदार थोड़ा ढीला है, लेकिन फिर भी वह अपनी अदाकारी से प्रभावित करती हैं।

फिल्म के सामाजिक और राजनैतिक दृष्टिकोण

'विदुथलाई पार्ट 2' में समाज और राजनीति के जटिल विषयों को गहराई से छुआ गया है। यह फिल्म थुनैवन और वेंगैचामी की कहानियों के आधार पर बनाई गई है, जिन्होंने सामाजिक अन्याय, निष्फल संस्थानों और क्रांतिकारी राजनीति पर गहन दृष्टि डाली है। सोशल और पॉलिटिकल थिम्स के साथ फिल्म की लंबाई इसे कई बार इसके विषय से दूर करती है, लेकिन अपने प्रभावशाली दृश्यों और अभिनय के माध्यम से यह इसे संतुलित करने की कोशिश करती है।

फिल्म की मजबूती और कमजोरियाँ

फिल्म में कुछ कमजोरियाँ भी हैं। इतने जटिल विचारों और फिल्मों के विस्तार से कभी-कभी कुछ दृश्यों में लंबाई और विस्तार का एहसास होता है। हालांकि, इसके बावजूद फिल्म दर्शकों को बांधे रखने में सफल रहती है। फिल्म के कुछ हिस्से बेशक खिंच जाते हैं लेकिन इसके दृश्यों की गहनता और कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से दर्शकों का ध्यान केंद्रित रहता है।

अंतिम विचार

अंतिम विचार

निश्कर्षतः, 'विदुथलाई पार्ट 2' वास्तविकता को एक कल्पनाशील ढंग से प्रस्तुत करने की एक सफल कोशिश करती है। यह फिल्म हमें सोचने के लिए मजबूर करती है कि किस तरह से उत्पीड़ित लोग अपने अधिकारों के लिए खड़े होते हैं। हालांकि इसके प्लॉट को बेहतर तरीके से और थोड़े परिश्रम के साथ पेश किया जा सकता था, लेकिन इसके बावजूद यह अपने दिलचस्प नरेटिव और उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण एक प्रभावशाली फिल्म बन जाती है। दर्शक इसके सामाजिक और राजनैतिक विषयों में डूब जाते हैं और यह फिल्म एक प्रभावशाली सिनेमा का अनुसरण करती है।

श्रेणियाँ

  • खेल (41)
  • मनोरंजन (27)
  • राजनीति (16)
  • व्यापार (12)
  • शिक्षा (9)
  • समाचार (5)
  • टेक्नोलॉजी (3)
  • Education (2)
  • अंतर्राष्ट्रीय समाचार (2)
  • बिजनेस (2)

टैग क्लाउड

    क्रिकेट शेयर बाजार निवेश विवाद केरल यूरो 2024 बॉलीवुड IPO भारतीय क्रिकेट टीम IPL 2025 विराट कोहली RCB शिक्षा समाचार आईपीएल एग्जिट पोल ऑस्ट्रेलिया भाजपा बाबर आजम आतंकवादी हमला NTA

अभिलेखागार

  • मई 2025
  • अप्रैल 2025
  • मार्च 2025
  • फ़रवरी 2025
  • जनवरी 2025
  • दिसंबर 2024
  • नवंबर 2024
  • अक्तूबर 2024
  • सितंबर 2024
  • अगस्त 2024
  • जुलाई 2024
  • जून 2024
राष्ट्रीय समाचार

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|