विंबलडन: एंडी मरे और उनके भाई जेमी की पुरूष युगल स्पर्धा में हार

विंबलडन: एंडी मरे और उनके भाई जेमी की पुरूष युगल स्पर्धा में हार

विंबलडन टेनिस चैम्पियनशिप में इस साल कुछ खास देखने को मिला, जब प्रसिद्ध खिलाड़ी एंडी मरे और उनके भाई जेमी मरे ने पुरुष युगल स्पर्धा में भाग लिया। हालांकि, पहला दौर उनके लिए शुभ नहीं रहा और उन्हें रिंकी हिजिकाटा और जॉन पीयर्स के खिलाफ 7-6 (8-6) 6-4 से हार का सामना करना पड़ा।

एंडी मरे, जो दो बार के पूर्व एकल विजेता हैं, और उनके भाई जेमी, जो सात बार के ग्रैंड स्लैम युगल विजेता हैं, ने पहली बार ऑल इंग्लैंड क्लब में एक साथ खेला। यह मैच उनके परिवार के लिए भी बेहद खास था, क्योंकि एंडी का यह अंतिम विंबलडन मुकाबला था, जिसमें उनके पिता विली, मां जूडी, पत्नी किम, और दोनों बेटियां सोफिया एवं एडी उनके समर्थन में उपस्थित थीं।

मैच शुरू होते ही दर्शकों ने मरे भाइयों के प्रति अपना प्यार और समर्थन दिखाया। स्टेडियम में जमा हुए लोगों का उत्साह चरम पर था, और उन्होंने हर पॉइंट पर मरे भाइयों का मनोबल बढ़ाया। एंडी मरे के लिए यह अनुभव बेहद खास था, क्योंकि पहली बार उन्हें अपने भाई जेमी के साथ खेलने का मौका मिला था। एंडी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "यह अनुभव वाकई में अनमोल था। हमने पहले कभी एक साथ नहीं खेला था, और यह मौका हमें विंबलडन में मिला।"

पीठ दर्द के बावजूद संघर्ष

खेल के दौरान, एंडी मरे को अपनी पीठ में दर्द का सामना करना पड़ा। एक असहज मूवमेंट के बाद वे पीठ पकड़ते हुए नजर आए, लेकिन उन्होंने तुरंत ही संधारा दिखाया और खेल जारी रखा। पीठ दर्द के बावजूद, उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश की, लेकिन नीली रेखा के पास खेलते हुए वे अक्सर संघर्ष करते हुए नजर आए।

हिजिकाटा और पीयर्स ने दिखाया दम

हिजिकाटा और पीयर्स ने दिखाया दम

दूसरी ओर, रिंकी हिजिकाटा और जॉन पीयर्स की जोड़ी ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। उन्होंने मरे भाइयों के हर मूवमेंट का जवाब देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। पहले सेट में उन्होंने 8-6 के टाईब्रेकर में जीत हासिल की, और दूसरा सेट 6-4 से अपने नाम किया। यह जोड़ी पहले सेट में कुछ अस्थिर दिखी, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपने खेल में सुधर लाया और मरे भाइयों को मात देने में सफल रहे।

भावनाओं से भरा मैच

मैच के बाद एंडी और जेमी के चेहरों पर मायूसी झलक रही थी, लेकिन उन्होंने स्टेडियम में मौजूद दर्शकों के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। एंडी ने अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा, "यह एक विशेष अवसर था। नतीजा हमारे पक्ष में नहीं रहा, लेकिन अपने भाई के साथ खेलना अपने आप में बहुत खास था।"

यह हार मरे भाइयों के लिए एक सबक के रूप में आई है, लेकिन उन्होंने इससे मिलने वाले अनुभव के महत्व को भी स्वीकारा। खेल भावना को ध्यान में रखते हुए दोनों ने एक-दूसरे का हौसला बढ़ाया और भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई।

फैंस का समर्थन

फैंस का समर्थन

हालांकि, परिणाम चाहे जो भी रहा हो, स्थिति को देखने के लिए आए एंडी और जेमी मरे के फैंस ने उनके खेल की सराहना की। दर्शकों ने उन्हें हीरो की तरह स्वागत किया, जो साबित करता है कि उनके खेल का प्रभाव उनसे बहुत आगे तक जाता है। दर्शकों की उत्सुकता और सामूहिक समर्थन ने मरे भाइयों के इस अनुभव को और भी अधिक खास बना दिया।

एंडी मरे और उनके भाई जेमी की इस हार ने यह साबित कर दिया कि टेनिस के मैदान पर चाहे जो भी हो, खेल भावना हमेशा सर्वोपरि होती है। मरे ब्रदर्स के इस अनुभव ने टेनिस इतिहास में एक और यादगार पन्ना जोड़ा है, जिसे याद किया जाएगा।

15 Comments

  • Image placeholder

    Narendra chourasia

    जुलाई 6, 2024 AT 08:06
    ये भाई लोग तो बस अपने नाम के लिए खेल रहे थे! एंडी की पीठ तो उसने खेलने से पहले ही तोड़ दी थी, और जेमी का जो ग्रैंड स्लैम वाला दम है, वो भी अब बस एक याद है! टेनिस फैंस को भी अब ये नाटक देखना पड़ रहा है! बस रोने के लिए बैठे हैं ये लोग!
  • Image placeholder

    arun surya teja

    जुलाई 6, 2024 AT 11:18
    इस मैच का महत्व नतीजे में नहीं, बल्कि भाईयों के बीच के भावनात्मक जुड़ाव में है। एंडी ने अपनी अंतिम बार विंबलडन में अपने भाई के साथ खेलकर एक ऐतिहासिक क्षण बनाया। यह खेल की भावना का सच्चा प्रतीक है।
  • Image placeholder

    Jyotijeenu Jamdagni

    जुलाई 7, 2024 AT 00:04
    अरे भाई, ये तो जैसे दो अलग-अलग रंगों की धागे एक साथ बुने गए हों-एंडी की जुनूनी लड़ाई और जेमी की शांत चतुराई। पीठ दर्द से भी नहीं डरे, बल्कि हर पॉइंट पर दर्शकों के गुस्से को भी शांत कर दिया। ये खेल नहीं, ये तो एक दिल की धड़कन है।
  • Image placeholder

    navin srivastava

    जुलाई 8, 2024 AT 17:53
    इतनी बड़ी टीम के साथ खेल रहे थे फिर भी हार गए? ये भारतीय खिलाड़ियों के लिए भी सबक है कि नाम और नाम के बाद की चीजें अलग होती हैं। ये दोनों तो बस लोगों को दिखाने के लिए आए थे। असली खिलाड़ी तो वो होते हैं जो बिना नाम के जीतते हैं।
  • Image placeholder

    Aravind Anna

    जुलाई 10, 2024 AT 11:26
    ये भाई तो बस एक दिन के लिए टेनिस को भूलकर अपने दिल की बात कह गए और दुनिया ने उन्हें हीरो बना दिया। जीत हार तो बस एक नंबर है, लेकिन जब भाई भाई के साथ खेलता है तो वो जीत अमर हो जाती है। ये मैच आज भी याद किया जाएगा।
  • Image placeholder

    Rajendra Mahajan

    जुलाई 10, 2024 AT 12:00
    क्या आपने कभी सोचा है कि खेल जीवन का एक अलग आयाम है? एंडी की पीठ दर्द, जेमी की शांत चतुराई, दर्शकों की आवाज़-ये सब एक अलग तरह की दर्शन की बात है। जीतना जरूरी नहीं, बल्कि खेलना ही असली जीत है। इसी बात को ये भाई आज दुनिया को समझाए।
  • Image placeholder

    ANIL KUMAR THOTA

    जुलाई 11, 2024 AT 01:04
    इस खेल के बाद कुछ नहीं कहना चाहिए बस शांत रहो और दिल से तालियां बजाओ
  • Image placeholder

    VIJAY KUMAR

    जुलाई 11, 2024 AT 13:15
    इस हार के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है... टेनिस बोर्ड ने एंडी को अंतिम बार एक यादगार मौका देने के लिए जानबूझकर हारने की अनुमति दे दी। और जेमी? वो तो बस एक नायक था जिसे नाटक के लिए बुलाया गया। देखो वो लोग आँखों में आंसू क्यों भर रहे हैं? ये सब नियोजित है! 🤫🎥
  • Image placeholder

    Manohar Chakradhar

    जुलाई 12, 2024 AT 17:04
    ये दोनों भाई तो बस एक दूसरे के साथ खेलने के लिए आए थे। पीठ दर्द? बस एक छोटी सी बाधा। दर्शकों का गुस्सा? उनकी ताकत। ये जीत नहीं, ये एक अनुभव था। और जब तुम अपने भाई के साथ विंबलडन में खेल चुके हो, तो जीत हार का कोई मतलब नहीं। बस खुश रहो।
  • Image placeholder

    LOKESH GURUNG

    जुलाई 14, 2024 AT 17:00
    अरे भाई, ये तो बस एक अनमोल बात है! एंडी की पीठ तो बस एक बीमारी है, लेकिन उसकी जुनून तो अमर है! जेमी के साथ खेलना तो बस एक बार का मौका था, और वो ने उसे जीत लिया! 🤝🔥 इस जोड़ी को गोल्ड मेडल दो बस नाम के लिए नहीं, दिल के लिए!
  • Image placeholder

    Aila Bandagi

    जुलाई 15, 2024 AT 08:45
    मैं रो रही हूँ... ये दोनों भाई तो बस एक दूसरे के लिए खेल रहे थे। जीत या हार, इससे पहले उनका प्यार दिख गया। बहुत खूबसूरत था।
  • Image placeholder

    Abhishek gautam

    जुलाई 15, 2024 AT 20:27
    तुम सब ये बातें क्यों कर रहे हो? ये तो बस एक खेल है। एंडी का तो अब अंतिम विंबलडन था, जेमी के तो सात ग्रैंड स्लैम हैं। ये दोनों अपने नाम के लिए खेल रहे थे, और तुम यहाँ भावनाओं का नाटक कर रहे हो। इतना भावुक क्यों हो रहे हो? ये टेनिस है, नाटक नहीं।
  • Image placeholder

    Imran khan

    जुलाई 17, 2024 AT 02:36
    एंडी के पीठ दर्द के बावजूद खेलने का फैसला उसकी निडरता का प्रमाण है। जेमी ने भी अपने भाई के लिए अपना खेल बदल दिया। ये दोनों ने खेल की असली भावना को दिखाया। ये जीत नहीं, ये एक शिक्षा है।
  • Image placeholder

    Neelam Dadhwal

    जुलाई 18, 2024 AT 04:23
    अब ये दोनों भाई बस अपनी यादों को बेच रहे हैं। एंडी की पीठ दर्द को दर्शकों के लिए नाटक बना दिया गया। जेमी तो बस एक आम खिलाड़ी है जिसे नाम देने के लिए बुलाया गया। ये सब एक बड़ा धोखा है। इन्हें बस टेनिस खेलने दो, नाटक नहीं!
  • Image placeholder

    Sumit singh

    जुलाई 18, 2024 AT 12:33
    अरे ये दोनों भाई तो बस अपने नाम के लिए खेल रहे थे। एंडी की पीठ दर्द? बस एक बहाना। जेमी के सात ग्रैंड स्लैम? बस एक रिकॉर्ड। ये लोग अपने नाम के लिए खेलते हैं, खेल के लिए नहीं। अब तुम भी इनके लिए रो रहे हो? बस तुम भी इनके नाम के लिए बेच रहे हो।

एक टिप्पणी लिखें