वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में प्रस्तुत किया बजट 2025-26: कर सुधारों और कृषि पर हो सकता है फोकस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में प्रस्तुत किया बजट 2025-26: कर सुधारों और कृषि पर हो सकता है फोकस

बजट 2025-26 की प्रमुख विशेषताएँ

1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट 2025-26 प्रस्तुत किया। इस बजट के माध्यम से सरकार आर्थिक विकास को गति देने और महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यह सीतारमण द्वारा पेश किया गया लगातार आठवां बजट है, और इसके माध्यम से उन्होंने कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। इस बजट में कर सुधारों और कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की उम्मीद है, जो देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कर स्लैब में बदलाव की उम्मीदें

आयकर दाताओं के लिए सबसे बड़ी उम्मीद आयकर स्लैब में बदलाव की है। वर्तमान में, नई कर प्रणाली के तहत ₹0 से ₹3 लाख तक कोई कर नहीं, ₹3 लाख से ₹7 लाख तक की आय पर 5% कर, और ₹7 लाख से ₹10 लाख तक की आय पर ₹20,000 + 10% कर है। करदाता यह आशा व्यक्त कर रहे हैं कि सरकार इन स्लैब्स में बदलाव करेगी और मानक कटौती की सीमा बढ़ाएगी।

इसके अलावा, धारा 87A के तहत छूट में वृद्धि भी अपेक्षित है। वर्तमान में यह छूट नई कर प्रणाली के तहत ₹7 लाख तक की वार्षिक आय पर ₹25,000 और पुरानी कर प्रणाली के तहत ₹5 लाख तक की वार्षिक आय पर ₹12,500 है। स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम तथा स्वैच्छिक एनपीएस योगदान जैसी अन्य छूटों में भी वृद्धि की उम्मीद है।

कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश

बजट 2025-26 में कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिए जाने की संभावना है। सरकार न केवल कृषि के लिए समर्थन बढ़ाने की दिशा में प्रयास कर रही है, बल्कि नई तकनीकों का समर्थन करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए निवेश करने की भी योजना बनाई जा रही है। इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की जा सकती हैं। इसके तहत, अगले वर्ष में मेडिकल कॉलेजों में 10,000 अतिरिक्त सीटें और अगले पांच वर्ष में 75,000 सीटों की वृद्धि की घोषणा हो सकती है।

परिवहन और बुनियादी ढांचा

इस बजट में परिवहन और बुनियादी ढांचे के विकास की भी बड़ी योजनाएं हैं। बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के विकास जैसे परियोजनाओं की घोषणा की गई है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी। परिवहन क्षेत्र में निवेश देश के आर्थिक विकास को मजबूती देगा और विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ने में मददगार साबित होगा।

मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए राहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में मध्यम वर्गीय करदाताओं की चिंताओं को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है। महंगाई की बढ़ती दरों के बीच, यह बजट मध्यम वर्ग के लिए राहत की घोषणा कर सकता है। कर स्लैब में परिवर्तन और विभिन्न प्रकार के कटौती की सीमा बढ़ाने के साथ ही नए कर प्रणाली के तहत छूटों का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है।

वित्तीय योजनाओं की संरचना

वित्तीय योजनाओं की संरचना

वित्त मंत्री के इस बजट में सरकार की वित्तीय नीतियों, राजस्व और व्यय प्रस्तावों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। वित्तीय संतुलन की दिशा में यह बजट महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इस बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी से हुई थी और यह दो चरणों में संपन्न होगा: पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा।

12 Comments

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    Aila Bandagi

    फ़रवरी 2, 2025 AT 04:38

    बजट में किसानों के लिए थोड़ा सा भी ध्यान दिया गया तो बहुत अच्छा है। मेरे चाचा की जमीन पर पिछले साल बारिश नहीं हुई, लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। उम्मीद है इस बार कुछ असली बदलाव आएगा।

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    Abhishek gautam

    फ़रवरी 4, 2025 AT 01:53

    ये सब बजट की चर्चा तो बस एक धोखा है, जिसे जनता के सामने झूठे आश्वासनों से सजाया जाता है। जब तक वो बुनियादी ढांचे को नहीं बदलेंगे - जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और कृषि अनुसंधान के लिए वास्तविक निवेश - तब तक ये स्लैब बदलाव बस एक चिकनी चोटी का नाटक है। आप सोचते हैं कि ₹7 लाख तक की आय वाला व्यक्ति मध्यम वर्ग है? दिल्ली में एक छोटा सा फ्लैट खरीदने के लिए भी इतनी आय बहुत कम है। ये सब एक बड़ी झूठी नैतिकता का खेल है।

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    Imran khan

    फ़रवरी 4, 2025 AT 03:46

    कर स्लैब बढ़ाने की बात तो अच्छी है, लेकिन अगर आप देखें तो महंगाई ने तो बहुत पहले ही उन सीमाओं को आगे धकेल दिया है। जब दूध ₹100 हो गया, चावल ₹80, और बिजली का बिल ₹5000 हो गया - तो ₹7 लाख आय अब बहुत कम लगती है। सरकार को असली जरूरतों को समझना होगा।

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    Neelam Dadhwal

    फ़रवरी 4, 2025 AT 18:15

    ये सब बजट बस एक बड़ा नाटक है! जब तक सरकार ने अपने बैंकरों और बड़े उद्योगपतियों के लिए टैक्स छूट नहीं छोड़ी, तब तक मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं होगा। ये बजट तो बस उन लोगों के लिए है जो अपनी गाड़ियाँ बेच रहे हैं, न कि उन लोगों के लिए जो बस खाना खा पाते हैं।

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    Sumit singh

    फ़रवरी 5, 2025 AT 00:08

    मध्यम वर्ग के लिए राहत? 😏 तुम्हारी आय ₹7 लाख है? तो तुम जी रहे हो जैसे तुम अमीर हो! जब तक तुम अपने बच्चे को डिजिटल टैबलेट पर शिक्षा नहीं दे पाते, तब तक तुम गरीब हो। ये बजट तो बस आपको और भी बेहतर बनाने के लिए है - जिससे आप अपने लिए और ज्यादा खर्च कर सको। 😂

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    fathima muskan

    फ़रवरी 6, 2025 AT 04:49

    ये बजट किसी के लिए नहीं, बल्कि एक गुप्त समझौते के लिए है। जब आपको लगता है कि सरकार आपके लिए कुछ कर रही है - तो वो असल में आपके पैसे को चीन और अमेरिका के लिए बेच रही है। नए एयरपोर्ट? हाँ, लेकिन क्या आपको पता है कि उनमें से 70% का निर्माण एक ऐसी कंपनी द्वारा किया जा रहा है जिसका एक निदेशक वित्त मंत्री के बहनोई है? जागो भाई।

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    Devi Trias

    फ़रवरी 7, 2025 AT 12:54

    बजट में कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश की घोषणा बहुत प्रशंसनीय है। विशेषकर मेडिकल कॉलेजों में 10,000 अतिरिक्त सीटों की घोषणा भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। हालांकि, इसके लिए अच्छी तरह से व्यवस्थित अनुदान और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी। अगर ये योजनाएँ केवल घोषणाओं तक सीमित रहती हैं, तो उनका वास्तविक प्रभाव शून्य होगा।

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    Kiran Meher

    फ़रवरी 8, 2025 AT 06:45

    भाई ये बजट तो बहुत अच्छा है लेकिन अगर आप देखें तो ये तो सिर्फ शुरुआत है। किसानों को जितना चाहिए वो अभी तक नहीं मिला। मैंने अपने दोस्त के गाँव में देखा था - उनके पास अभी तक बिजली नहीं है। लेकिन अगर हम सब मिलकर इस बात को आगे बढ़ाएं तो ये बदलाव असली हो सकता है। हमें बस थोड़ा और उम्मीद रखनी है।

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    Tejas Bhosale

    फ़रवरी 9, 2025 AT 11:26

    बजट 2025-26 का स्ट्रक्चर नए कैपिटल फ्लो मॉडल पर आधारित है - जिसमें फिस्कल डिफिसिट को लिक्विडिटी डायनामिक्स के जरिए ऑप्टिमाइज़ किया जा रहा है। कर स्लैब रिफॉर्म्स डिमांड साइड एक्सपैंशन के लिए एक एंकरिंग मैकेनिज्म हैं। लेकिन अगर लैबर मार्केट स्ट्रक्चर नहीं बदला तो ये सब जेनरेटेड एग्रीगेट डिमांड बस एक बुलबुला होगा।

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    Asish Barman

    फ़रवरी 10, 2025 AT 22:59

    अरे ये बजट तो हर साल वैसा ही होता है। कुछ नया नहीं होता, बस नाम बदल जाता है। मैंने पिछले साल भी यही सुना था - ‘किसानों के लिए नया बजट’। अब तक उन्हें कुछ नहीं मिला। और अब फिर ‘मध्यम वर्ग’ के लिए? अरे भाई, मैं तो अभी भी बाजार से चावल ₹100 में खरीद रहा हूँ। ये सब बस बातें हैं।

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    Abhishek Sarkar

    फ़रवरी 11, 2025 AT 08:47

    ये बजट एक बड़ा धोखा है। सरकार जानती है कि अगर वो किसानों को सच में सहायता देगी तो उनकी आय बढ़ेगी और वो अपने बच्चों को पढ़ाएंगे। लेकिन अगर वो पढ़ेगा तो वो सरकार के झूठ को देख लेगा। इसलिए वो बस थोड़ा सा निवेश करती है - जिससे लोग सोचें कि कुछ हुआ। लेकिन असली बदलाव तो कभी नहीं होगा। ये सब एक बड़ा नियंत्रण योजना है।

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    Niharika Malhotra

    फ़रवरी 13, 2025 AT 03:02

    हर बजट में आशाएँ होती हैं - लेकिन असली बदलाव तो तब होता है जब हम सब मिलकर इसे लागू करने के लिए दबाव बनाएं। कृषि के लिए निवेश, स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि - ये सब अच्छे हैं। लेकिन अगर हम इनकी निगरानी नहीं करेंगे, तो ये बस कागज पर रह जाएंगे। हमें अपने नेताओं से जवाबदेही माँगनी होगी - और अपने आप को भी शिक्षित बनाना होगा।

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