शेयर बाजार में गिरावट के पीछे के कारण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी गई। S&P BSE सेंसेक्स 1,248.23 अंक गिरकर 80,000 से नीचे आ गया, जबकि NSE निफ्टी भी 409 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसका प्रमुख कारण पूँजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) में वृद्धि बताया जा रहा है।
पूँजीगत लाभ कर में वृद्धि
बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है, जबकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। इसके अलावा, LTCG टैक्स छूट सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है। इस कदम ने निवेशकों में घबराहट पैदा कर दी है और भविष्य में और भी अधिक कर दर बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है।
प्रमुख शेयरों पर प्रभाव
इस कर वृद्धि का सबसे बड़ा असर लारसेंट एंड टुब्रो (L&T) कंपनी पर पड़ा, जिसका शेयर 3.68% गिर गया। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) के शेयर भी 5-9% की गिरावट दर्ज की गई। कुल 2,971 शेयरों में गिरावट आई जबकि केवल 811 शेयर ही अपनी सुबह की तेजी को बनाए रखने में सफल रहे।
निवेशकों की प्रतिक्रिया
विश्लेषकों को उम्मीद थी कि LTCG दर में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन कर दर में इस अचानक वृद्धि ने निवेशकों को असमंजस में डाल दिया है। निवेशकों को अब भविष्य में और अधिक कर दर वृद्धि की चिंता हो रही है, जिससे बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।
ध्यान देने योग्य आँकड़े
आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में बताया गया है कि खुदरा निवेशकों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है और शेयर बाजार में अटकलों की बढ़ती प्रवृत्ति देखी जा रही है। इन्हें अक्सर लोगों द्वारा जुए के रूप में देखा जाता है, जिससे बड़े लाभ की उम्मीद की जाती है। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग की वजह से बड़े लाभ हो सकते हैं।
अगले कदम क्या हो सकते हैं
सरकार की इस कर वृद्धि का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, और यह निवेशकों के लिए एक बड़ा धक्का साबित हुआ है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आर्थिक विशेषज्ञ और निवेशक इस स्थिति से कैसे निपटते हैं। शेयर बाजार में स्थिरता लाने के लिए सरकार को कुछ राहत उपायों और अन्य वित्तीय नीतियों पर विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।
भविष्य की संभावनाएँ
आज की गिरावट ने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आने वाले समय में कौन-कौन से कारक इस पर प्रभाव डाल सकते हैं। पूँजीगत लाभ कर की दर में वृद्धि से जुड़ी यह अस्थिरता बाजार को लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है।
निवेश के विकल्प
निवेशकों के लिए आवश्यक हो सकता है कि वे अपने निवेश विकल्पों पर पुनर्विचार करें। दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों प्रकार के निवेश के लिए वैकल्पिक तरीकों पर विचार किया जा सकता है।
निष्कर्ष
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में आई भारी गिरावट पूँजीगत लाभ करों में की गई वृद्धि का परिणाम है। यह स्थिति निवेशकों के लिए एक बड़ा धक्का है और बाजार में अस्थिरता बढ़ा सकती है। आगे के समय में बाजार की दिशा क्या होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
Aravind Anna
जुलाई 24, 2024 AT 02:43Rajendra Mahajan
जुलाई 24, 2024 AT 18:28ANIL KUMAR THOTA
जुलाई 25, 2024 AT 05:44VIJAY KUMAR
जुलाई 25, 2024 AT 08:44Manohar Chakradhar
जुलाई 26, 2024 AT 20:38LOKESH GURUNG
जुलाई 28, 2024 AT 20:08Aila Bandagi
जुलाई 28, 2024 AT 22:52Abhishek gautam
जुलाई 30, 2024 AT 21:11Imran khan
अगस्त 1, 2024 AT 11:00Neelam Dadhwal
अगस्त 3, 2024 AT 00:34Sumit singh
अगस्त 3, 2024 AT 22:01