भारत और रूस ने भारतीय श्रमिकों को रोजगार के लिए रूसी कंपनियों में प्रशिक्षण देने पर किया विचार

भारत और रूस ने भारतीय श्रमिकों को रोजगार के लिए रूसी कंपनियों में प्रशिक्षण देने पर किया विचार

भारत और रूस के बीच स्थायी सहयोग का नया अध्याय

भारत और रूस के बीच संबंधों का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है, जो दोनों देशों के बेहतर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इस बार, चर्चा का प्रमुख उद्देश्य भारतीय कामगारों को रूसी कंपनियों में प्रशिक्षण देने के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस पहल की घोषणा रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव ने भारत-रूस इंटरगवर्नमेंटल कमीशन के 25वें सत्र में की। इस योजना के तहत भारतीय कामगारों को आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे रूसी कंपनियों में आसानी से समायोजित हो सकें।

बढ़ते व्यापारिक संबंध

इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला गया। उल्लेखनीय है कि भारत अब रूस के विदेशी आर्थिक भागीदारों में दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। इस बैठक में दोनो देशों के बीच 600 से अधिक द्विपक्षीय समझौते हो चुके हैं। वार्ता में कई संभावनाओं को आगे बढ़ाने की बात कही गई, जो द्विपक्षीय व्यापार को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विंमान सेवा का विस्तार

विंमान सेवा का विस्तार

रूस के एयरोफ्लोट द्वारा वर्तमान में मास्को और येकातेरिनबर्ग से दिल्ली और गोवा के लिए 12 साप्ताहिक विमान सेवाएं संचालित की जा रही हैं। मंतुरोव ने इन सेवाओं को बढ़ाने की इच्छा जताई है, जिससे दोनो देशों के बीच सीधी हवाई यातायात नेटवर्क का विस्तार हो सके। इस पहल से दोनों देशों के नागरिकों के लिए यात्रा आसान हो जाएगी और व्यवसायिक अवसरों में भी वृद्धि होगी।

व्यापार और संपर्क में चुनौतियाँ

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के साथ सहयोग में भारत की प्रतिबद्धता को दुहराते हुए कहा कि चुनौतियों के बावजूद, व्यापार, भुगतान और लॉजिस्टिक्स में प्रगति हो रही है। उत्तरी-दक्षिणी परिवहन गलियारे, चेन्नई-व्लादिवोस्तोक गलियारे और उत्तरी समुद्री रास्ते जैसी परियोजनाएं संपर्क को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती हैं।

आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति

आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति

रूस भारत के लिए खाद, कच्चा तेल, कोयला और यूरेनियम के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में उभर रहा है। दूसरी ओर, भारत की फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री रूस के लिए एक सुलभ और विश्वसनीय स्रोत प्रदान करती है। जयशंकर ने विश्वास जताया कि 2030 तक भारत-रूस व्यापार 100 अरब डॉलर के लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त कर लिया जाएगा, वर्तमान में यह द्विपक्षीय व्यापार 66 अरब डॉलर तक पहुँच चुका है।

रणनीतिक साझेदारी की दिशा में कदम

बैठक ने भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूती प्रदान की है और भविष्य के सहयोगात्मक प्रयासों पर जोर दिया। इसका उद्देश्य दोनों देशों के लिए संभावनाएं और आर्थिक लाभ सुनिश्चित करना है। इसमें दोनों देशों के नेताओं ने सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी और रणनीतिक निवेश पर भी चर्चा की। यह कोशिशें, दोनों देशों के सदियों पुराने रिश्तों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का कार्य कर रही हैं, जिससे यह द्विपक्षीय संबंध और समृद्ध बन सके।

20 Comments

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    Aditi Dhekle

    नवंबर 13, 2024 AT 08:20

    ये बात तो सुनकर अच्छी लगी कि भारतीय श्रमिकों को रूस में प्रशिक्षण दिया जाएगा। लेकिन ये कौन से कौशल हैं? क्या ये इंजीनियरिंग, आईटी, या फिर निर्माण के क्षेत्र में होंगे? रूसी कंपनियों के लिए भारतीय कर्मचारियों की विशेषता क्या है? क्या ये लोग रूसी भाषा सीखेंगे या फिर अंग्रेजी ही चलेगी? इसका एक डिटेल्ड फ्रेमवर्क तो बताओ।

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    Aditya Tyagi

    नवंबर 13, 2024 AT 21:04

    अरे भाई ये सब बकवास है। हमारे यहां बेरोजगारी है तो रूस भेज देंगे? क्या हमारे देश में नौकरी नहीं है? ये लोग तो रूस में जाकर गरीबी में रहेंगे और फिर वापस आकर शिकायत करेंगे। अपने देश को बेहतर बनाओ पहले।

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    pradipa Amanta

    नवंबर 14, 2024 AT 06:46

    रूस में जाकर काम करना बहुत आसान नहीं है और ये सब बस धोखा है जो बाहर बेचा जा रहा है जिससे लोगों को आशा दी जा सके लेकिन असलियत बहुत अलग है

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    chandra rizky

    नवंबर 15, 2024 AT 18:47

    अच्छी खबर है भाई 😊 भारत और रूस के बीच ये साझेदारी बहुत अच्छी बात है। अगर ये प्रशिक्षण वाला प्रोग्राम सही तरीके से चलेगा तो हमारे युवाओं को बहुत फायदा होगा। अब तो दुनिया भर में कौशल ही मायने रखता है। इसके लिए बेस्ट ऑफ लक्की 😊

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    Rohit Roshan

    नवंबर 16, 2024 AT 02:33

    ये बात बहुत अच्छी है। अगर हम अपने युवाओं को रूस में प्रशिक्षित करेंगे तो वो न सिर्फ तकनीकी कौशल सीखेंगे बल्कि एक नए संस्कृति का अनुभव भी करेंगे। ये बहुत बड़ा फायदा है। अगर ये प्रोग्राम विस्तारित हुआ तो ये एक नया मॉडल बन सकता है जिसे अन्य देशों के साथ भी अपनाया जा सके। जय हिंद 🇮🇳

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    arun surya teja

    नवंबर 17, 2024 AT 10:12

    इस पहल का महत्व इस बात में है कि यह द्विपक्षीय सहयोग के एक नए आयाम को दर्शाता है जो केवल ऊर्जा या रक्षा सीमित नहीं है बल्कि मानव संसाधनों के विकास की ओर भी उन्मुख है। भारतीय श्रमिकों के लिए रूसी उद्योगों में प्रशिक्षण एक ऐसा अवसर है जो उन्हें वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बना सकता है।

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    Jyotijeenu Jamdagni

    नवंबर 18, 2024 AT 00:18

    ये तो बहुत बढ़िया है भाई! रूस में जाकर काम करना बस नौकरी नहीं, बल्कि एक अलग जीवन अनुभव है। जब तक भारतीय लोगों को रूसी संस्कृति में घुलने का मौका मिलेगा तब तक ये सब बस एक नया फेस्टिवल लगेगा। अब तो देश के बाहर जाने का डर छोड़ो, दुनिया तो बड़ी है। जिंदाबाद भारत-रूस बॉन्ड!

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    navin srivastava

    नवंबर 19, 2024 AT 15:39

    ये सब झूठ है जो अमेरिका के दबाव में भारत रूस के साथ जुड़ रहा है। रूसी कंपनियां भारतीयों को नौकरी नहीं देंगी बल्कि उन्हें गरीबी में फंसाएंगी। हमारे यहां तो बेरोजगार युवा बेचारे घर पर बैठे हैं और वो यहां जाकर बर्बाद हो जाएंगे। ये सब राजनीति है और युवाओं को बलि दे रहे हैं।

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    Aravind Anna

    नवंबर 21, 2024 AT 05:14

    ये बात तो बहुत बड़ी है भाई! रूस में जाकर काम करने का मतलब है दुनिया के सबसे बड़े देश में अपनी क्षमता दिखाना। हमारे युवा तो बस घर पर बैठे टीवी देख रहे हैं। अब तो जाना ही पड़ेगा। रूस के साथ ये बंधन हमारे लिए भविष्य का आधार है। ये तो बहुत बड़ी बात है। हमारे युवाओं को जाने दो। जय हिंद जय रूस 🇮🇳🇷🇺

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    Rajendra Mahajan

    नवंबर 21, 2024 AT 10:29

    इस विचार का तात्पर्य केवल रोजगार नहीं है बल्कि एक ऐसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान की ओर है जो दो विशाल सभ्यताओं के बीच एक नए स्तर की गहराई ला सकता है। रूसी औद्योगिक वातावरण में भारतीय श्रमिकों का समायोजन न केवल उनकी तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाएगा बल्कि उन्हें एक विश्वदृष्टि भी देगा। यह एक ऐसा अध्याय है जो सदियों बाद इतिहास में लिखा जाएगा।

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    ANIL KUMAR THOTA

    नवंबर 23, 2024 AT 03:26

    इस योजना का लक्ष्य अच्छा है लेकिन इसके लिए व्यावहारिक तरीके बनाने की जरूरत है। भाषा की बाधा और सामाजिक अनुकूलन बड़ी समस्या हो सकती है। इसे धीरे से और सावधानी से आगे बढ़ाना चाहिए।

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    VIJAY KUMAR

    नवंबर 23, 2024 AT 23:04

    अरे भाई ये सब तो एक बड़ा सा कॉन्स्पिरेसी है 😏 रूस ने भारत को ये सब बताया क्यों? क्योंकि वो अपने देश में लोग नहीं रहे। अब भारतीयों को ले लेंगे और फिर उन्हें नौकरी नहीं देंगे। ये तो एक नया श्रम दासता है। और जय शंकर भी इसमें शामिल हैं। अमेरिका के लिए ये बहुत अच्छा है क्योंकि भारत अब रूस के साथ जुड़ गया। ये सब ट्रिक है। 🤫💣

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    Manohar Chakradhar

    नवंबर 25, 2024 AT 05:22

    ये बात बहुत बड़ी है। भारतीय युवा अब दुनिया के किसी भी कोने में जा सकते हैं। रूस में जाकर तकनीक सीखना, जीवन शैली बदलना, और फिर वापस आकर भारत को बदलना। ये तो एक नया युग है। जिन्होंने अपने घर के बाहर जाने से डरा है वो अभी तक जीवन नहीं जी पाए। चलो अब जाने वालों को शुभकामनाएं। ये भारत का भविष्य है।

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    LOKESH GURUNG

    नवंबर 25, 2024 AT 14:40

    अरे ये तो बहुत बढ़िया है! रूस में जाकर काम करना तो बहुत बड़ी बात है। मैंने खुद एक दोस्त को रूस जाते देखा था। वो अब एक बड़ी कंपनी में है। रूसी लोग बहुत सीधे होते हैं। अगर तुम अच्छा काम करोगे तो वो तुम्हें बहुत सम्मान देंगे। ये तो बहुत अच्छा अवसर है। भारत के युवाओं को जाना चाहिए। अगर नहीं गए तो बहुत बड़ी गलती होगी 😎

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    Aila Bandagi

    नवंबर 26, 2024 AT 13:13

    मुझे बहुत अच्छा लगा। अगर हमारे लोग रूस में जाकर काम करेंगे तो वो अपना भविष्य बना सकते हैं। बस इतना चाहिए कि वो जाने से पहले अच्छी तरह से तैयार हो जाएं। मैं उनके लिए बहुत खुश हूं। ❤️

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    Abhishek gautam

    नवंबर 27, 2024 AT 07:58

    इस योजना को गहराई से देखें तो यह एक नए वैश्विक व्यवस्था का आविष्कार है जहां भारत अपने मानव संसाधनों को एक ऐसे राष्ट्र के साथ साझा कर रहा है जो आर्थिक और रणनीतिक रूप से एक विकेंद्रीकृत दुनिया का निर्माण कर रहा है। यह एक विश्व व्यवस्था का अंत है जिसमें अमेरिका अकेला था। यह एक नए युग की शुरुआत है जिसमें भारत अपनी पहचान के साथ अपनी शक्ति को दुनिया के लिए एक विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।

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    Imran khan

    नवंबर 29, 2024 AT 02:02

    इस योजना के लिए एक अच्छा फ्रेमवर्क बनाना जरूरी है। भाषा, रहन-सहन, और आर्थिक सुरक्षा के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश चाहिए। अगर ये ठीक से हो गया तो ये एक नया मॉडल बन सकता है। मैंने अपने एक भाई को रूस में जाते देखा था, वो बहुत खुश था। बस उसके लिए सही तैयारी जरूरी थी।

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    Neelam Dadhwal

    नवंबर 30, 2024 AT 17:30

    ये सब बस धोखा है। रूस में भारतीय लोगों को बेकार का काम देकर उन्हें नीचा दिखाया जाएगा। और फिर हमारे सरकार वाले खुश हो जाएंगे कि वो देश को बेच रहे हैं। ये तो एक नया आत्महत्या है। हमारे युवाओं को ये बात नहीं बताई जा रही।

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    Sumit singh

    दिसंबर 2, 2024 AT 12:50

    रूस में जाकर काम करने वाले भारतीय लोगों को अपने धर्म और संस्कृति को छोड़ना पड़ेगा। ये तो एक अपराध है। भारत के युवाओं को अपने देश में ही रहना चाहिए। ये सब अंग्रेजों का फंडा है।

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    fathima muskan

    दिसंबर 3, 2024 AT 23:32

    रूस ने भारत को ये सब क्यों बताया? क्योंकि वो अपने देश में लोग नहीं रहे। अब भारतीयों को ले लेंगे और फिर उन्हें नौकरी नहीं देंगे। ये तो एक नया श्रम दासता है। और जय शंकर भी इसमें शामिल हैं। अमेरिका के लिए ये बहुत अच्छा है क्योंकि भारत अब रूस के साथ जुड़ गया। ये सब ट्रिक है। 🤫💣

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