क्या आप अपने दिल की सेहत के बारे में जिज्ञासु हैं? आज हम एक ऐसा अध्ययन बताएँगे जो बताता है कि जातीयता को हटाकर भी हृदय रोग का जोखिम सटीक रूप से अनुमान लगाया जा सकता है। साथ ही, रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी आदतें कैसे आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं, ये भी जानेंगे।
अमेरिकी हृदय संघ ने 2024 में एक बड़ा अध्ययन जारी किया। इसमें बताया गया कि MESA हार्ट डिजीज रिस्क स्कोर, जिसमें जातीयता नहीं ली गई, फिर भी दिल की बीमारी का जोखिम उतनी ही सटीकता से बताता है जितना पारम्परिक मॉडल। इसका मतलब यह है कि आपका लिंग, उम्र और रक्तचाप जैसे कारकों पर ध्यान देना ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है। इस स्कोर को डॉक्टर अक्सर कोरोनरी हार्ट डिसीज़ के भविष्यवाणी में इस्तेमाल करते हैं।
अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि यह आपके लिए क्यों मायने रखता है—सोचिए, जब आपका डॉक्टर बिना जातीयता वाले स्कोर से जोखिम बताता है, तो इलाज का तरीका ज्यादा व्यक्तिगत और सटीक हो जाता है। इसलिए अगली बार चेक‑अप पर जाएँ, तो इस बात को ज़रूर पूछें कि आपके लिए MESA स्कोर कैसे लागू किया जाएगा।
अब बात करते हैं उन आसान चीज़ों की जो आप रोज़ कर सकते हैं ताकि दिल स्वस्थ रहे:
इन छोटी‑छोटी आदतों से आपका हार्ट स्कोर भी सुधरेगा और डॉक्टर का भरोसा बढ़ेगा। अगर आप अभी तक इनको नहीं अपना रहे, तो आज ही एक छोटा बदलाव शुरू करें।
स्वास्थ्य की खबरें सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें अपनी ज़िंदगी में उतारने के लिए हैं। इसलिए जब भी नया शोध सामने आए—जैसे कि MESA स्कोर का परिणाम—तो उसे समझें और अपनाएँ। आपका शरीर आपका सबसे बड़ा दोस्त है; उसकी देखभाल करने में देर न करें।
अमेरिकी हृदय संघ के वैज्ञानिक सत्र 2024 में प्रस्तुत एक अध्ययन ने खुलासा किया है कि MESA हार्ट रोग जोखिम स्कोर का एक ऐसा संस्करण जिसमें जातीयता शामिल नहीं की गई है, वह भी हृदय रोग जोखिम की भविष्यवाणी इतनी ही सटीकता के साथ करता है जितना कि वह संस्करण जिसमें जातीयता शामिल है। MESA स्कोर का उपयोग कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम का पूर्वानुमान करने के लिए किया जाता है।