चुनाव के मद्देनज़र वॉल स्ट्रीट में भारी गिरावट: डॉव में प्रमुख गिरावट दर्ज

चुनाव के मद्देनज़र वॉल स्ट्रीट में भारी गिरावट: डॉव में प्रमुख गिरावट दर्ज

अमेरिकी स्टॉक बाजार में गिरावट की समीक्षा

सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार में व्यापारी अस्थिरता का सामना कर रहे थे, क्योंकि कई बड़े बाजार उत्प्रेरक घटनाएं इस सप्ताह होने वाली हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, जो मंगलवार को होने वाला है। इसके साथ ही फेडरल रिजर्व द्वारा नीति की घोषणा भी इस सप्ताह निर्धारित है। ऐसे में डॉव जोन्स औद्योगिक औसत में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई, जो लगभग 250 अंक नीचे गया, जिसे प्रतिशत के रूप में 0.6% की गिरावट के रूप में मापा गया है।

प्रमुख संकेतक और बाजार की प्रतिक्रिया

संपूर्ण बाजार में अस्थिरता का माहौल था, जहाँ निवेशकों ने चुनाव की संभावित परिणामों और बाजार पर उसके प्रभाव का अनुमान लगाना शुरू कर दिया। यह परिणाम भविष्य की आर्थिक नीति को निर्देशित करेगा। हालिया जनमत सर्वेक्षणों ने संकेत दिया कि कमला हैरिस ने आयोवा में नेतृत्व हासिल किया है और अन्य क्षेत्रों में भी प्रगति कर रही हैं, जिससे वॉल स्ट्रीट द्वारा पहले से अनुमानित ट्रम्प की जीत की संभावना कम दिखने लगी है।

डॉलर की स्थिति भी इस संबंध में महत्वपूर्ण है। सप्ताहांत की गतिविधियों से अमेरिकी डॉलर में एक महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही, ट्रेजरी प्राप्तियों में गिरावट देखी गई, जिसमें 10-वर्षीय बेंचमार्क यील्ड लगभग 10 आधार बिंदु नीचे आकर 4.30% पर आ गई।

फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक और संभावनाएँ

इस सप्ताह बुधवार से शुरू होने वाली फेडरल रिजर्व की नीति बैठक ने भी बाजार को अनिश्चितता में डाला हुआ है। माना जा रहा है कि फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल गुरुवार को ब्याज दर में 0.25% की कटौती कर सकते हैं, हालांकि मुद्रास्फीतिजन्य दबाव और श्रम बाजार संकेत मिलेजुले हैं। कई व्यापारी अब 2025 के अंत तक तीन कम ब्याज दर कटौती की उम्मीद कर रहे हैं, जो पहले के अनुमानों से कम है।

अन्य वित्तीय समाचार और तेल की बढ़ती कीमतें

इस अस्थिर वातावरण में, अन्य वित्तीय घटनाएं जैसे ओपेक+ द्वारा उत्पादन वृद्धि की योजना को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया, ने तेल के दामों में लगभग 3% की वृद्धि कर दी। इसके अलावा, मध्य पूर्व में तनाव तब और बढ़ गया जब ईरान ने इजरायली सैन्य कार्रवाइयों के खिलाफ 'कुचल' प्रतिक्रिया की चेतावनी दी।

यह सब घटनाएं दिखाती हैं कि कैसे वैश्विक और स्थानीय घटनाएँ स्टॉक बाजार के उत्तल संशोधन में योगदान डालती हैं, और इसके साथ ही निवेशकों को अपने निवेश रणनीतियों के पुनरावलोकन की आवश्यकता हो सकती है। यह सप्ताह अमेरिकी बाजार के लिए निर्णायक साबित हो सकता है, जहाँ राजनीतिक घटनाएं आर्थिक दिशा को प्रभावित कर सकती हैं।

17 Comments

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    VIJAY KUMAR

    नवंबर 7, 2024 AT 06:20
    बस यही नहीं... ये सब एक ग्रेट फेक है। फेड के सामने बैठे हुए लोग चुनाव से पहले ब्याज दर काटने वाले हैं, ताकि कमला की जीत को बढ़ावा मिले। और ओपेक+ की योजना स्थगित करना? बस तेल की कीमतें बढ़ाकर इंफ्लेशन को फिर से जगाने की साजिश है। 🤡💸
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    Manohar Chakradhar

    नवंबर 8, 2024 AT 00:51
    इस सप्ताह के बाद जो भी बाजार में निवेश करेगा, वो शायद अपने पैसे को नदी में बहा रहा है। लेकिन अगर आप थोड़ा शांत रहें और देखें कि क्या होता है, तो बाजार अपने आप संतुलित हो जाएगा। बस रुको, सांस लो, और अपने पोर्टफोलियो को नहीं तोड़ो। 🙌
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    LOKESH GURUNG

    नवंबर 9, 2024 AT 20:47
    अरे भाई, डॉव 250 अंक गिरा? ये तो बहुत कम है! मैंने 2020 में 1000+ अंक की गिरावट देखी थी। ये सब न्यूज़ वाले बस डरा रहे हैं। अगर तुमने अभी तक इंडेक्स फंड नहीं खरीदा, तो अभी ले लो। ये तो बोनस ऑफर है! 🚀📈
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    Aila Bandagi

    नवंबर 10, 2024 AT 05:17
    मुझे लगता है हम सबको बस थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। ये सब अस्थिरता तो चलती रहेगी, लेकिन अगर हम अपने लक्ष्य पर ध्यान दें, तो सब ठीक हो जाएगा। 💕
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    Abhishek gautam

    नवंबर 11, 2024 AT 10:10
    हम जिस अर्थव्यवस्था के बारे में बात कर रहे हैं, वह एक लुप्तप्राय नैतिकता पर टिकी हुई है - जहाँ लाभ का आदर्श राष्ट्रीय स्वार्थ को निगल जाता है। चुनाव एक विलासिता है, जिसके पीछे एक अनिवार्य अर्थव्यवस्था का विनाश छिपा है। फेड की नीतियाँ तो बस एक धोखा है, जिसे आप 'आर्थिक स्थिरता' कहते हैं। वास्तविकता? एक जाल। 🕳️
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    Imran khan

    नवंबर 13, 2024 AT 09:49
    मैंने देखा है कि जब ब्याज दर गिरती है, तो शेयर बाजार अक्सर 3-6 महीने में उछल जाता है। अगर आपके पास लंबी अवधि का निवेश विचार है, तो अभी खरीदना बेहतर है। बस अपने डिसिप्लिन को बनाए रखें।
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    Neelam Dadhwal

    नवंबर 13, 2024 AT 20:32
    ये सब एक बड़ा धोखा है। जो लोग चुनाव के बाद बाजार ऊपर जाने की बात कर रहे हैं, वो अपने आप को धोखा दे रहे हैं। ये सिस्टम तो बस एक लोगों को नियंत्रित करने का तरीका है। तुम जो भी करो, तुम्हारे पैसे उनके पास ही रहेंगे। 🚫💸
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    Sumit singh

    नवंबर 14, 2024 AT 21:06
    अगर तुम अभी तक ट्रम्प की जीत की उम्मीद कर रहे हो, तो तुम्हें अपनी आँखें खोलनी चाहिए। वॉल स्ट्रीट के पास बस एक ही लक्ष्य है - अपनी लाभ कमाना। चाहे जो भी जीते। तुम बस एक नंबर हो। 😒
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    fathima muskan

    नवंबर 16, 2024 AT 15:45
    ओपेक+ की योजना स्थगित? ये तो ईरान के साथ अमेरिका की गुप्त समझौते का हिस्सा है। तेल की कीमतें बढ़ाकर भारत के लिए इंफ्लेशन बढ़ाया जा रहा है। अब तुम्हारा पेट्रोल और डीजल महंगा होगा... और तुम इसे चुनाव का नतीजा समझोगे? 🌍💣
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    Devi Trias

    नवंबर 18, 2024 AT 05:36
    According to the latest Federal Reserve data, the 10-year yield has declined by approximately 10 basis points, reflecting a flight to safety amid political uncertainty. Additionally, the dollar index recorded its largest monthly decline since March 2023. These indicators suggest a temporary risk-off sentiment, which is typical ahead of major elections.
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    Kiran Meher

    नवंबर 19, 2024 AT 12:10
    दोस्तों बस एक बात याद रखो - बाजार तो हमेशा चलता रहेगा। आज गिरा, कल उठेगा। अगर तुम अपना धैर्य रखोगे तो तुम्हारा पैसा भी बढ़ेगा। बस जल्दबाजी मत करो। आप सब कर सकते हो 💪❤️
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    Tejas Bhosale

    नवंबर 20, 2024 AT 14:31
    चुनाव बस एक ड्रामा है। फेड की नीति तो पहले से तय है। बाजार अपने आप चल रहा है। तुम बस देख रहे हो। और जो लोग बता रहे हैं कि कमला जीतेगी - वो भी एक ब्रांडिंग है।
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    Asish Barman

    नवंबर 21, 2024 AT 00:48
    कमला की जीत की बात कर रहे हो? जनमत सर्वेक्षण? वो भी तो बनाए गए हैं। असली बात ये है कि जो भी जीते, बाजार उनके नाम से नहीं बल्कि उनके चेहरे से बात करता है। और हाँ, डॉलर गिरा? शायद चीन ने अपने फंड्स वापस खींच लिए हैं।
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    Abhishek Sarkar

    नवंबर 22, 2024 AT 09:05
    ये सब एक बड़ी साजिश है। फेडरल रिजर्व के साथ वॉल स्ट्रीट के बीच गुप्त अनुबंध हैं। वे चाहते हैं कि तुम डरे रहो, ताकि तुम अपने पैसे उनके पास रखो। और जब तुम डर जाते हो, तो तुम उनके लिए बेच देते हो। ये नहीं कि तुम्हारे लिए बेच रहे हैं। ये तुम्हारा नियंत्रण है। और तुम इसे भूल गए हो।
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    Niharika Malhotra

    नवंबर 24, 2024 AT 01:05
    इस अस्थिरता में भी एक संदेश है - बाजार अभी भी जीवित है। यह बताता है कि लोग अभी भी विश्वास रखते हैं। यह विश्वास ही भविष्य की नींव है। चाहे चुनाव कैसा भी हो, ये आर्थिक वातावरण बदलता रहेगा - और हम भी बदलेंगे। आशा रखो।
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    Baldev Patwari

    नवंबर 25, 2024 AT 09:32
    क्या ये सब असली है? या सिर्फ न्यूज़ चैनल का ड्रामा? मैंने तो बस एक लाइव ट्रेडिंग ऐप खोला था... और वो बस ब्लू बार को लाल कर रहा था। ये सब एक गेम है। और हम सब उसके पीछे भाग रहे हैं।
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    harshita kumari

    नवंबर 25, 2024 AT 19:39
    तेल की कीमतें बढ़ी और ईरान ने चेतावनी दी तो बाजार डर गया... लेकिन क्या कोई जानता है कि अमेरिका ने पिछले हफ्ते ईरान के खिलाफ एक साइबर हमला किया था? वो तो अभी तक नहीं बताया गया... ये सब एक बड़ी गुप्त योजना है जिसे तुम नहीं देख पा रहे।

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