जब हम आत्मनिर्भर भारत, देश की आर्थिक स्वतंत्रता, स्थानीय उत्पादन और तकनीकी स्वावलंबन पर केंद्रित नीति. Also known as स्वदेशी पहल, it aims to reduce reliance on imports and boost indigenous capabilities. तो इसका मतलब सिर्फ एक टैगलाइन नहीं, बल्कि पूरे उद्योग, शिक्षा और डिजिटल इकोसिस्टम का व्यापक बदलाव है। इस बदलाव के मूल में स्थानीय उत्पादन, देश के अंदर ही कच्चा माल से लेकर फाइनल उत्पाद तक का निर्माण और स्वदेशी तकनीक, भारतीय शोध एवं विकास के माध्यम से विकसित समाधान शामिल हैं। ये दो स्तंभ मिलकर आर्थिक आत्मनिर्भरता की नींव रखते हैं, जिससे निर्यात‑आधारित विकास मॉडल को मजबूत किया जा सकता है।
अभी के समय में आत्मनिर्भर भारत का एक प्रमुख साथी है डिजिटल भारत, ऑनलाइन सेवाओं, ई‑गवर्नेंस और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का व्यापक विस्तार। जब हर नागरिक को तेज़ इंटरनेट, ऑनलाइन भुगतान और सरकारी सेवाओं की पहुँच मिलती है, तो स्थानीय व्यवसायों को नई मार्केट और ग्राहक बनते हैं। इस डिजिटल लहर ने छोटे‑से‑मध्यम उद्यम (SME) को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद की है, जिससे आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत की सफलता में सरकार, उद्योग और आम जनता की भागीदारी महत्वपूर्ण है। नीति निर्माताओं ने 'स्थानीय सामग्री, स्थानीय निर्माण' को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएँ बनाई हैं – शुरुआती निवेश पर टैक्स रिबेट, उत्पादन में तकनीकी सहयोग और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम। वहीं, कंपनियों ने अपने सप्लाई चेन को री‑इंजीनियर करके आयात‑निर्भरता को घटाया है। इस संदर्भ में, हमने नीचे कई लेखों को इकट्ठा किया है जो क्रिकेट, वित्त, मौसम, टेक्नोलॉजी और सामाजिक पहल जैसे विविध क्षेत्रों में आत्मनिर्भर भारत के प्रभाव को दिखाते हैं।
आप आगे स्क्रॉल करके देखेंगे कि कैसे राष्ट्रीय समाचार में विभिन्न विषयों – खेल, अर्थव्यवस्था, विज्ञान‑प्रौद्योगिकी और सामाजिक परिवर्तन – में आत्मनिर्भर भारत की धारा चल रही है। इस संग्रह में हर कहानी आपको नई जानकारी, अभ्यास के टिप्स या नीतियों की स्पष्ट समझ देगी, जिससे आप खुद भी इस बड़े परिवर्तन का हिस्सा बन सकें। अब आगे बढ़ते हैं और इन रोचक ख़बरों को देखें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में UP अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो 2025 का शुभारम्भ किया, जिसमें 2,200+ प्रदर्शक और रूस आधिकारिक साझेदार देश है, जिससे राज्य की आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिली।