हर वर्ष फरवरी में संसद के सामने वित्त मंत्री बजट पेश करते हैं। यह सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि आम आदमी की जेब से जुड़ी हर चीज़ का फैसला होता है। अगर आप जानते हैं कि सरकार कहां खर्च करेगी और कौन‑से कर कम या बढ़ाएगी, तो अपने पैसे को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं।
सरकार बजट में दो बड़े लक्ष्य रखती है – आर्थिक वृद्धि को तेज़ करना और सामाजिक असमानता घटाना। इसे हासिल करने के लिए वह राजस्व (कर) बढ़ाती या घटाती है, खर्चे की प्राथमिकताएँ तय करती है और नई योजनाओं का एलान करती है। आम लोगों के लिये सबसे ज़रूरी बात यह है कि कौन‑से सेक्टर को प्रोत्साहन मिलेगा – चाहे वो कृषि हो, स्वास्थ्य हो या शिक्षा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में तीन चीज़ों पर ज़ोर दिया: कर सुधार, ग्रामीण विकास और डिजिटल बुनियादी ढांचा। पहले, आयकर स्लैब को थोड़ा आसान किया गया जिससे मध्यम वर्ग के लोग कम टैक्स देंगे। दूसरा, कृषि क्षेत्र में नई सब्सिडी योजना पेश की गई जो छोटे किसान को सस्ता बीज और सिंचाई उपकरण दिलाएगी। तीसरा, डिजिटल इंडिया को तेज करने के लिए 2 करोड़ रुपए का नया फंड बनाया गया है – इससे इंटरनेट कनेक्टिविटी ग्रामीण इलाकों तक पहुंचेगी।
इन बदलावों से क्या असर पड़ेगा? अगर आप छोटा व्यवसाय चलाते हैं तो कर में छूट आपके खर्चे घटा सकती है। किसान के लिये नई सब्सिडी का मतलब उत्पादन बढ़ना और आय में सुधार। डिजिटल फंड के चलते ऑनलाइन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ और ई‑कॉमर्स ग्रामीण भारत में भी फलेंगे-फूलेंगे।
बजट केवल बड़ी कंपनियों या राजनैतिक पार्टी की बातें नहीं है; यह हर घर को सीधे प्रभावित करता है। इसलिए बजट की खबर पढ़ते समय इन बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए – कौन‑से टैक्स घटे, नई योजना से कौन लाभान्वित होगा और सरकार के खर्च में किस सेक्टर को प्राथमिकता मिली।
एक बात याद रखें: बजट का असर तुरंत नहीं दिखता, लेकिन अगले साल की आर्थिक रिपोर्ट में इसके परिणाम साफ़ मिलेंगे। अगर आप निवेश या बचत की रणनीति बना रहे हैं तो इस बजट को एक गाइड मान सकते हैं। उदाहरण के लिये, कर कटौती वाली योजनाओं में आज ही निवेश करने से आगे चलकर टैक्स बचत होगी।
अंत में, यदि आप बजट के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो हमारे साइट पर मौजूद लेख पढ़ें। यहाँ हर घोषणा को आसान भाषा में समझाया गया है, ताकि आप खुद निर्णय ले सकें कि इस साल आपका आर्थिक कदम किस दिशा में होना चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट की घोषणा ने भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट लाई। S&P BSE सेंसेक्स 80,000 से नीचे गिर गया, जबकि NSE निफ्टी भी गिरी। पूँजीगत लाभ करों में वृद्धि इस गिरावट का प्रमुख कारण बना। इससे निवेशक असमंजस में हैं और मुख्य रूप से एलारसेंट एंड टुब्रो और अन्य पीएसयू शेयरों पर प्रभाव पड़ा।