क्या आप कभी सोचे हैं कि रोज़ाना सड़कों पर चलती बसों में क्यों‑क्यों हादसे होते हैं? सवाल बड़ा है, लेकिन जवाब सरल भी हो सकता है। इस लेख में हम बस दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण, बचाव की आसान टिप्स और हालिया घटनाओं को समझेंगे, ताकि आप खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को मदद कर सकें।
पहला कारण है अत्यधिक गति। कई ड्राइवर समय पर रूट पूरा करने के दबाव में स्पीड लिमिट से ऊपर चलते हैं, जिससे ब्रेक लगाते ही पनडुब्बी जैसा फिसलना शुरू हो जाता है। दूसरी बड़ी समस्या बस का नियमित रख‑रखाव न होना है। बریک्स, सस्पेंशन या टायर खराब होने पर अचानक नियंत्रण खो जाता है और बस धड़ाधड़ गिर सकती है।
तीसरा कारण ड्राइवर की थकान है। लंबी दूरी के शिफ्ट में आराम का समय कम मिलना या दोपहर की नींद नहीं लेना, ध्यान भटकाता है और प्रतिक्रिया समय घटा देता है। चौथा कारक है सड़क की स्थिति – खुरदरी गली, कंकड़‑पत्थर वाला रास्ता या खराब साइनबोर्ड भी दुर्घटना को आमंत्रित करते हैं। अंत में मौसम का असर न भूलें; बारिश या धुंध में दृश्यता घटती है और ब्रेकिंग दूरी बढ़ जाती है।
बस से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए सबसे पहले सीट बेल्ट उपलब्ध हो तो बांधें, चाहे छोटा सफ़र हो या लंबा। अगर बस में एम्ब्रेडरी नहीं है, तो अपने बैग को दरवाजे के नीचे न रखें—आकस्मिक रुकावट में यह बाधा बन सकता है। ड्राइवर से कभी भी तेज मोड़ या अचानक ब्रेक लगाने की मांग न करें; सुरक्षित गति पर ही भरोसा रखिए।
बोर्डिंग और एग्ज़िट पॉइंट पर हमेशा सतर्क रहें, दरवाजे खुलते ही बाहर निकलने के बजाय एक कदम पीछे हटें, ताकि अचानक चलती बस से बच सकें। यदि आप ड्राइवर हैं तो हर 2‑3 घंटे में छोटा ब्रेक लें, पानी पीएँ और नींद पूरी करें। अपने वाहन की नियमित जाँच करवाएँ – टायर प्रेशर, ब्रेस्केट और लाइट्स को समय पर बदलना दुर्घटना से बचाता है।
सरकारी पहल भी मददगार हैं। कई राज्य अब बसों में जीपीएस ट्रैकिंग लगा रहे हैं ताकि रूट और स्पीड मॉनिटर की जा सके। साथ ही, बेस्ट‑इन‑क्लास ड्राइवर ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया जाता है जिससे चालक को दुर्घटना रोकने के सही तकनीकों से अवगत कराया जाता है। अगर आप कोई अनियमित बात देखते हैं जैसे तेज गति या लोड ओवरलोड, तो तुरंत स्थानीय ट्रैफिक पुलिस को रिपोर्ट करें।
हाल की खबरों में राष्ट्रीय समाचार साइट राष्ट्रीय समाचार ने कई बड़े बस हादसे प्रकाशित किए हैं—उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश में एक बड़ी बस का टक्कर, जहाँ 30 से अधिक लोग घायल हुए। ऐसे मामलों में प्राथमिक इलाज और शीघ्र एम्बुलेंस सेवा की जरूरत सबसे ज़्यादा होती है, इसलिए आपातकालीन नंबर याद रखें।
अंत में यह कहना चाहूँगा कि सुरक्षा केवल सरकार या बस कंपनी का काम नहीं, बल्कि हर यात्री और चालक की जिम्मेदारी भी है। अगर हम सब थोड़ा‑सा सतर्क रहें, समय पर ब्रेक लें और नियमों का पालन करें, तो बड़ी संख्या में दुर्घटनाएँ रोकी जा सकती हैं। आगे बढ़ें, सुरक्षित यात्रा करें और दूसरों को भी यही सीख दें।
भारतीय प्रशासित कश्मीर में एक बस पर हुए संदिग्ध गोलीबारी हमले के बाद कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। यह घटना रविवार को रिआसी शहर के पास हुई जब बस एक लोकप्रिय हिंदू मंदिर से लौट रही थी। पीड़ितों को नारायण अस्पताल और रिआसी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।