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भूस्खलन क्या है? कारण और रोकथाम

जब जमीन अचानक नीचे की ओर फिसलती है, तो उसे भूस्खलन कहते हैं। यह घटना अक्सर पहाड़ी या ढलान वाले इलाकों में होती है जहाँ मिट्टी पानी या हवा से कमजोर हो जाती है। भूस्खलन न सिर्फ घरों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि लोगों की जान भी ले सकता है। इसलिए इसे समझना और बचाव के कदम उठाना बहुत जरूरी है।

मुख्य कारण

भूस्खलन के कई कारक होते हैं, लेकिन कुछ सबसे आम कारण हैं:

  • बारिश का अधिक होना: लगातार भारी बारिश मिट्टी को गीला कर देती है, जिससे वह अपनी पकड़ खो देता है।
  • कटाई और निर्माण कार्य: अगर पहाड़ी पर पेड़ काटे जाएँ या बड़े-बड़े ढाँचे बनाये जाएँ तो जमीन की स्थिरता बिगड़ती है।
  • भूकंपीय गतिविधि: भूकम्प के झटके मिट्टी को हिला देते हैं और अचानक फिसलन का कारण बनते हैं।

इन कारणों में से कोई एक या दो मिलकर भी भूस्खलन को ट्रिगर कर सकते हैं। इसलिए मौसम की खबरें, निर्माण योजना और भू‑वैज्ञानिक रिपोर्ट पर नजर रखना जरूरी है।

सुरक्षा के आसान कदम

अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहाँ भूस्खलन का खतरा है, तो ये सरल टिप्स मदद कर सकते हैं:

  1. स्थानीय चेतावनी संकेत देखें: सरकार और स्थानीय निकाय अक्सर जोखिम क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाते हैं। उनपर ध्यान दें।
  2. घर की स्थिति जांचें: अगर आपका घर ढलान के निचले हिस्से में है तो फाउंडेशन को मजबूत करवा लें, जैसे स्टील रीड या अतिरिक्त दीवारें बनवाएँ।
  3. पेड़ लगाएँ और जमीन को कसकर रखें: पेड़ जड़ों से मिट्टी की पकड़ बढ़ती है। अगर आप नई बागवानी शुरू कर रहे हैं तो गहरी जड़ों वाले पौधे चुनें।
  4. जल निकासी ठीक रखें: पानी का सही बहाव सुनिश्चित करने के लिए नालियों और ड्रेनेज को साफ रखें, ताकि पानी इकट्ठा न हो सके।
  5. आपातकालीन किट तैयार रखें: टॉर्च, प्राथमिक उपचार की दवाई, कपड़े और कुछ खाने-पीने का सामान हमेशा हाथ में रखिए। अगर अलार्म बजे तो तुरंत सुरक्षित जगह पर जाएँ।

इन कदमों को अपनाने से जोखिम काफी कम हो जाता है। याद रखें, तैयारी करना हमेशा बचाव से बेहतर होता है।

यदि आपके इलाके में हाल ही में कोई भूस्खलन हुआ है, तो स्थानीय समाचार या हमारी साइट पर अपडेट चेक करें। अक्सर सरकारी विभाग राहत कार्य और पुनर्निर्माण की जानकारी देते हैं, जो आपको सही दिशा दिखा सकते हैं।

भूस्खलन से बचाव सिर्फ सरकार का काम नहीं, बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी है। छोटी‑छोटी सावधानियों को अपनाकर आप अपने परिवार और पड़ोसियों को सुरक्षित रख सकते हैं। आज ही इन टिप्स को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वालों को भी यह जानकारी दें।

वायनाड भूस्खलन: हर साल होती हैं इतनी मौतें, प्रभावित राज्यों की सूची
  • जुल॰ 30, 2024
  • Partha Dowara
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वायनाड भूस्खलन: हर साल होती हैं इतनी मौतें, प्रभावित राज्यों की सूची

वायनाड जिले में हर साल भूस्खलन से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। हाल ही की घटना ने कई लोगों की जान ले ली, और कई अन्य फंसे हुए हैं। यह लेख इस प्रलय के पीछे के कारण और समय-समय पर होने वाले इन हादसों के बारे में जानकारी देता है।

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