क्या आपने कभी सोचा है कि कंपनी मुफ्त में शेयर क्यों देती है? वहीँ से शुरू होता है बोनस शेयर का विचार. जब कंपनी के पास ज्यादा कमाई या बचत होती है, तो वह अपने मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर दे सकती है। इस प्रक्रिया से आपके हाथ में मौजूद शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जबकि आपका कुल निवेश नहीं घटता.
सरल शब्दों में कहें तो कंपनी तय करती है कि हर 10 मौजूदा शेयर पर एक नया शेयर देगी। इसे अक्सर ‘1:10’ बोनस कहा जाता है. अगर आपके पास 100 शेयर हैं, तो आपको अतिरिक्त 10 शेयर मिलेंगे. इस तरह आपका कुल शेयर 110 हो जाएगा.
ध्यान रखें – बोनस मिलने से आपकी हिस्सेदारी का प्रतिशत नहीं बदलता जब तक कंपनी के कुल शेयरों की संख्या बढ़ती रहे। लेकिन आपके हाथ में शेयरों की गिनती बढ़ने से आप भविष्य में डिविडेंड या कीमत बढ़ने पर ज्यादा कमाई कर सकते हैं.
फायदे:
नुकसान:
इन बिंदुओं को समझकर आप तय कर सकते हैं कि बोनस शेयर आपके पोर्टफोलियो के लिए सही विकल्प है या नहीं.
अब बात करते हैं कैसे पता करें कि कंपनी ने बोनस जारी किया है या नहीं। अधिकांश कंपनियां अपने वार्षिक रिपोर्ट, प्रॉस्पेक्टस या बॉर्डर पर एलेर्न्स में यह जानकारी देती हैं. आप अपने डीमैट खाते की स्टेटमेंट देख कर भी देख सकते हैं कि कितने अतिरिक्त शेयर आपके खाते में आए हैं.
यदि आप नया निवेश करने वाले हैं तो बोनस शेयर को एक अतिरिक्त लाभ के रूप में देखना चाहिए, न कि मुख्य आय का स्रोत. हमेशा कंपनी की वित्तीय स्थिति, प्रॉफिट मार्जिन और भविष्य की योजना देख कर ही निर्णय लें.
संक्षेप में, बोनस शेयर आपके मौजूदा निवेश को बढ़ाने का सस्ता तरीका है, बशर्ते आप इसके पीछे की वजह समझें और जोखिमों से सावधान रहें. अगर सही ढंग से उपयोग किया जाए तो यह आपका पोर्टफोलियो मजबूत बनाता है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने घोषणा की है कि उसके निदेशक मंडल 5 सितंबर 2024 को मिलने वाले हैं ताकि 1:1 अनुपात में बोनस शेयर जारी करने पर विचार किया जा सके। इस निर्णय का उद्देश्य मौजूदा शेयरहोल्डर्स को पुरस्कृत करना और बाजार में शेयरों की तरलता बढ़ाना है।